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वित्त मंत्री को इकॉनोमिक्स पढ़ाएंगे छात्र! निर्मला सीतारमण को किताब देने जाएंगे AISA कार्यकर्ता

आइसा की दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष कंवलप्रीत कौर ने कहा कि देश में रोजगार नहीं है लेकिन सरकार इस ओर कुछ कदम उठाने के बजाए वो कॉरपोरेट टैक्स में कटौती कर रही है जोकि पूरी तरह से गलत है.

वित्त मंत्री को देंगे इकोनॉमिक्स की किताब
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Published : Sep 25, 2019, 8:24 PM IST

नई दिल्ली: देश में बढ़ती महंगाई और बिगड़ती अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लेकर आने के लिए ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (AISA) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को शुक्रवार को इकोनॉमिक्स की किताब देने जा रहा है. AISA ऐसा विरोध स्वरूप कर रही है.

वित्त मंत्री को इकॉनोमिक्स पढ़ाएंगे छात्र!

आइसा की दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष कंवलप्रीत कौर ने कहा कि देश में रोजगार नहीं है लेकिन सरकार इस ओर कुछ कदम उठाने के बजाए वो कॉरपोरेट टैक्स में कटौती कर रही है जोकि पूरी तरह से गलत है. वहीं आइसा की दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष कंवलप्रीत कौर ने कहा कि आगामी शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय, अंबेडकर यूनिवर्सिटी, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और देश के बेरोजगार युवा बड़ी संख्या में वित्त मंत्री को इकोनॉमिक्स की किताब देने जा रहे हैं.

देश में आर्थिक मंदी-AISA
कंवलप्रीत कौर ने कहा कि देश भर में आर्थिक मंदी छाई हुई है, युवाओं के पास रोजगार नहीं है. आंकड़ों के मुताबिक देश में बेरोजगारी दर 8 फीसदी है और सरकार उद्योगपतियों को कॉरपोरेट टैक्स में छूट दे रही है. उन्होंने कहा कि इससे साफ पता चलता है कि सरकार उद्योगपतियों को मंदी में राहत देना चाहती है. जिस समय लोगों की खरीदने की क्षमता को बढ़ाना था. उस समय अमीर घरानों को टैक्स में छूट देने की क्या जरूरत थी. साथ ही साथ उन्होंने ये भी कहा कि बेरोजगार नौजवान युवा सड़कों पर रोजगार के लिए भटक रहा है लेकिन सरकार का इस ओर ध्यान जाने के बजाय कॉरपोरेट घरानों की परेशानी दिखाई पड़ रही है.

'वित्त मंत्री को मंदी से कुछ लेना-देना नहीं'
कंवलप्रीत कौर ने कहा कि वित्त मंत्री को लोगों की परेशानी और मंदी किस तरह से खत्म हो उससे कुछ लेना देना नहीं है. कौर ने कहा कि शायद वित्तमंत्री को इकोनॉमिक्स का ज्ञान हो या ज्ञान ना हो लेकिन उन्हें इकोनॉमिक्स के बारे में पता नहीं है. यही बताने के लिए आगामी शुक्रवार को इकोनॉमिक्स किताब देने जा रहे हैं. इस दौरान उन्होंने सरकार से मांग की है कि रोजगार के नए आयाम विकसित किए जाएं और मिनिमम भत्ते को 25 हजार रुपये किया जाए.

नई दिल्ली: देश में बढ़ती महंगाई और बिगड़ती अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लेकर आने के लिए ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (AISA) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को शुक्रवार को इकोनॉमिक्स की किताब देने जा रहा है. AISA ऐसा विरोध स्वरूप कर रही है.

वित्त मंत्री को इकॉनोमिक्स पढ़ाएंगे छात्र!

आइसा की दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष कंवलप्रीत कौर ने कहा कि देश में रोजगार नहीं है लेकिन सरकार इस ओर कुछ कदम उठाने के बजाए वो कॉरपोरेट टैक्स में कटौती कर रही है जोकि पूरी तरह से गलत है. वहीं आइसा की दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष कंवलप्रीत कौर ने कहा कि आगामी शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय, अंबेडकर यूनिवर्सिटी, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और देश के बेरोजगार युवा बड़ी संख्या में वित्त मंत्री को इकोनॉमिक्स की किताब देने जा रहे हैं.

देश में आर्थिक मंदी-AISA
कंवलप्रीत कौर ने कहा कि देश भर में आर्थिक मंदी छाई हुई है, युवाओं के पास रोजगार नहीं है. आंकड़ों के मुताबिक देश में बेरोजगारी दर 8 फीसदी है और सरकार उद्योगपतियों को कॉरपोरेट टैक्स में छूट दे रही है. उन्होंने कहा कि इससे साफ पता चलता है कि सरकार उद्योगपतियों को मंदी में राहत देना चाहती है. जिस समय लोगों की खरीदने की क्षमता को बढ़ाना था. उस समय अमीर घरानों को टैक्स में छूट देने की क्या जरूरत थी. साथ ही साथ उन्होंने ये भी कहा कि बेरोजगार नौजवान युवा सड़कों पर रोजगार के लिए भटक रहा है लेकिन सरकार का इस ओर ध्यान जाने के बजाय कॉरपोरेट घरानों की परेशानी दिखाई पड़ रही है.

'वित्त मंत्री को मंदी से कुछ लेना-देना नहीं'
कंवलप्रीत कौर ने कहा कि वित्त मंत्री को लोगों की परेशानी और मंदी किस तरह से खत्म हो उससे कुछ लेना देना नहीं है. कौर ने कहा कि शायद वित्तमंत्री को इकोनॉमिक्स का ज्ञान हो या ज्ञान ना हो लेकिन उन्हें इकोनॉमिक्स के बारे में पता नहीं है. यही बताने के लिए आगामी शुक्रवार को इकोनॉमिक्स किताब देने जा रहे हैं. इस दौरान उन्होंने सरकार से मांग की है कि रोजगार के नए आयाम विकसित किए जाएं और मिनिमम भत्ते को 25 हजार रुपये किया जाए.

Intro:नई दिल्ली ।

देश में बढ़ती महंगाई और बिगड़ती अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लेकर आने के लिए ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा ) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को आगामी शुक्रवार को इकोनॉमिक्स की किताब देने जा रहा है. वहीं केंद्रीय वित्त मंत्री को इकोनॉमिक्स की किताब देने को लेकर आइसा कि दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष कवलप्रीत कौर ने कहा कि देश में रोजगार नहीं है लेकिन सरकार इस ओर कुछ कदम उठाने के बजाए वह कॉरपोरेट टैक्स में कटौती कर रही है जोकि पूरी तरह से गलत है.


Body:वहीं आइसा की दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष कवलप्रीत कौर ने कहा कि आगामी शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय, अंबेडकर यूनिवर्सिटी, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और देश के बेरोजगार युवा बड़ी संख्या में वित्त मंत्री को इकोनॉमिक्स की किताब देने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश भर में आर्थिक मंदी छाई हुई है युवाओं के पास रोजगार नहीं है. साथ ही कहा कि सरकार के आंकड़े के मुताबिक देश में बेरोजगारी दर 8 फ़ीसदी है. कवलप्रीत कौर ने कहा कि जब देश भर में आर्थिक मंदी छाई हुई है तो सरकार ने उद्योगपतियों को कॉरपोरेट टैक्स छूट दे रही है. उन्होंने कहा कि इससे साफ पता चलता है कि सरकार उद्योगपतियों को मंदी में राहत देना चाहती है.

उन्होंने कहा कि जिस समय लोगों की खरीदने की क्षमता को बढ़ाना था. उस समय अमीर घरानों को टैक्स में छूट देने की क्या जरूरत थी. साथ ही कहा कि आज बेरोजगार नौजवान युवा सड़कों पर रोजगार के लिए भटक रहा है लेकिन सरकार का इस ओर ध्यान जाने के बजाय कारपोरेट घरानों की परेशानी दिखाई पड़ रही है.

इसके अलावा उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री को लोगों की परेशानी और मंदी किस तरह से खत्म हो उससे कुछ लेना देना नहीं है. कौर ने कहा कि शायद वित्तमंत्री को इकोनॉमिक्स का ज्ञान हो या ज्ञान ना हो लेकिन उन्हें इकोनॉमिक्स के बारे में पता नहीं है. यही बताने के लिए आगामी शुक्रवार को इकोनॉमिक्स किताब देने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि मौजूदा सरकार अमीरों की सरकार है और इसी सरकार की गलत नीतियों के चलते आज देश में मंदी की स्थिति आ गई है. साथ ही कहा कि देश अभी तक नोटबंदी से भी उभर नहीं पाया है. यह सरकार की ही गलत नीतियों का ही असर है जिसके चलते आज देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति खराब होती जा रही है.





Conclusion:इस दौरान उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि रोजगार के नए आयाम विकसित किए जाएं और मिनिमम भत्ता को ₹25000 तक किया जाए.
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