नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े अस्पताल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में कोरोना अपना पैर पसार रहा है. पिछले तीन दिनों से यहां लगातार तीन मौतें कोरोना वायरस से हो चुकी हैं. पहले मेस वर्कर खेमचंद, उसके अगले दिन एम्स के मेडिसिन विभाग के पूर्व अध्यक्ष जाने-माने डॉक्टर प्रो. जेएन पांडे और अब सीनियर सैनिटेशन सुपरवाइजर हीरालाल कोविड के शिकार ही गये. फिलहाल उनके शव को ट्रामा सेंटर की मोर्चरी में रखा गया है.
इस नुकसान की नहीं भरपाई
एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अमरेंदर सिंह मलहि ने दुख प्रकट करते हुए कहा कि ये एक ऐसा नुकसान जिसकी भरपाई नहीं हो सकती. इस वायरस के हाथों न जाने कितनी ही निर्मम जानें रोज जा रही है. फ्रंट लाइन वर्कर्स के साथ हो रही ये घटनाएं हमारी संपूर्ण लड़ाई को प्रभावित कर सकती है.
आरडीए ने जताया दुख
एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आदर्श प्रताप सिंह ने कहा कि बड़े ही दर्द भरे दिल से इस दुखदाई घटना की सूचना दी जाती है कि एम्स में सैनिटेशन सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत हीरालाल, जो अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए लगातार इस कोरोना महामारी में अपनी ड्यूटी पर तैनात रहे और आखिरकार इस वायरस ने उन्हें अपनी गिरफ्त में ले ही लिया.
डॉ. आदर्श ने बताया कि हीरालाल इस खतरनाक वायरस से इतना डरते थे कि उनके पास प्रवेश करने से पहले किसी को भी पुरी तरह सैनिटाइज करके ही भेजेते थे. वो हमेशा अपने पास सैनिटाइजर के फव्वारे की दो बोतलें रखते थे. लेकिन इतना ध्यान रखने के बाद भी आखिरकार वायरस उनके अंदर प्रवेश कर ही गया और वह इस जंग में हार गए.