नई दिल्ली : अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने बुधवार को दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज एबी डिविलियर्स, इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलिस्टर कुक और भारत की दिग्गज नीतू डेविड को ICC हॉल ऑफ फेम में शामिल किया है. पूर्व भारतीय स्पिनर डेविड ICC हॉल ऑफ फेम में शामिल होने वाली दूसरी भारतीय महिला बनीं.
आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल होने वाले मिस्टर 360 के नाम से मशहूर डिविलियर्स ने 14 साल के करियर में प्रोटियाज के लिए 20,000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय रन बनाए हैं. दूसरी ओर, विश्व क्रिकेट के सबसे बेहतरीन सलामी बल्लेबाजों में से एक सर एलिस्टर कुक ने 161 टेस्ट मैचों में इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें उन्होंने 12,472 रन बनाए.
Three legends of the game unveiled as the newest ICC Hall of Fame inductees 🏅🏅🏅
— ICC (@ICC) October 16, 2024
More ⬇https://t.co/0JjbprOoYP
भारत की नीतू डेविड ने देश के लिए 100 से अधिक मैचों (10 टेस्ट और 97 वनडे) में भाग लिया और 141 विकेट के साथ वनडे में भारत के लिए दूसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज थी. नीतू इस उपलब्धि के बाद काफी खुश नजर आई.
डेविड ने इस उपलब्धि के बाद कहा, आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल होना वास्तव में सम्मान की बात है, जिसे मैं राष्ट्रीय टीम की जर्सी पहनने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए उपलब्ध सर्वोच्च मान्यता मानती हूं. डेविड ने कहा, 'यह इस महान खेल के लिए जीवन भर के समर्पण के बाद आया है और इस मुकाम तक पहुंचना मेरे लिए एक बहुत ही खास सफर है.
डिविलियर्स ने कहा, 'इस तरह से पहचाने जाने वाले क्रिकेटरों के चुनिंदा समूह में शामिल होना एक बहुत बड़ा सम्मान है.
कुक ने कहा, यह एक आश्चर्य था, और निश्चित रूप से जब आप उन लोगों की सूची पढ़ते हैं जिनसे आप जुड़ रहे हैं, तो यह एक शानदार सूची है जिसमें शामिल होना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है. हर बार जब मैंने इंग्लिश शर्ट पहनी, तो मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की पूरी कोशिश की. मैंने क्रिकेट खेलते हुए 20 साल बेहतरीन तरीके से बिताए.
मैं बहुत भाग्यशाली था कि मैं चोट से मुक्त रहा, कुछ बेहतरीन लोगों से मिला, कुछ बेहतरीन उतार-चढ़ाव साझा किए, जो मुझे लगता है कि महत्वपूर्ण भी हैं, और ऐसी यादें बनाईं जिन्हें मैं कभी नहीं भूलूंगा.
क्या है आईसीसी हॉल ऑफ फेम
आईसीस हॉल ऑफ फेम का उद्देश्य क्रिकेट के इतिहास में शानदार प्रदर्शन करने वाले दिग्गज खिलाड़ियों की उपलब्धियों को पहचान कर उन्हें सम्मानित करना है. इसकी शुरुआत आईसीसी की थी. शुरुआत में इसमें 55 खिलाड़ी शामिल थे.