नई दिल्ली: कोरोना काल के दौरान पत्रकारों ने अहम भूमिका निभाई. उन्होंने जान की परवाह ने करते हुए कोरोना की सही सूचना और इस महामारी से बचाव के तरीकों को जन-जन तक पहुंचाया. ऐसे पत्रकारों को देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स ने सफदरजंग अस्पताल के साथ मिलकर को सम्मानित किया गया. इस दौरान हेल्थ पर रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों को सर्टिफिकेट और कपड़े भेंट किया गया.
मीडियाकर्मियों ने जान जोखिम में डालकर पहुंचाई सूचना
इस कार्यक्रम के संचालक और ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट के साइंटिस्ट डॉ विवेक दीक्षित ने कहा कि जब कोरोना महामारी को लेकर पूरे देश भर में लॉकडाउन लगाया गया था. उस समय डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस और सफाई कर्मियों के अलावा जन-जन तक कोरोना महामारी से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने वाले पत्रकारों को भी कोरोना वारियर्स की श्रेणी में रखते हुए, उन्हें कहीं भी आने-जाने की छूट दी गई. पत्रकार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अपनी जान को जोखिम में डालकर सही सूचना और सही जानकारी लोगों तक पहुंचाते रहे, ताकि कोरोनावायरस को लेकर लोगों के मन में किसी तरह का भ्रम ना रहे.
पत्रकारों को भी मिले कोरोना वारियर्स का सम्मान
डॉ विवेक दीक्षित ने बताया कि मीडिया कर्मियों को सम्मानित करने के लिए एम्स, सफदरजंग और आर एम एम अस्पताल के सहयोग से कार्यक्रम का आयोजन पावर ग्रिड विश्राम सदन में किया गया. हमने सभी कोरोना वारियर्स के योगदान को सम्मान दिया है. चाहे पुलिसकर्मी हो, सफाई कर्मी हो या प्लाज्मा डोनर हों सभी को सम्मानित किया तो मीडिया कर्मियों को कैसे छोड़ देता. पत्रकार ने भी अपनी जान को जोखिम में डालकर सूचनाएं इकट्ठा कर लोगों तक पहुंचाने का काम किया है. इसमें उन्हें भी कोरोना वारियर्स का सम्मान तो मिलना ही चाहिए.
ये रहे मौजूद
देशभर के विभिन्न समाचार संस्थानों के साथ काम करने वाले टीवी, रेडियो और अखबार के पत्रकारों को खासकर स्वास्थ्य बीट कवर करने वाले पत्रकारों को उनके योगदान के लिए उनका सम्मान किया. इस कार्यक्रम का आयोजन एम्स के नर्सिंग स्टाफ और ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन करने में अहम भूमिका निभाने वाले कनिष्क यादव, ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट के साइंटिस्ट डॉ विवेक दीक्षित, कार्डियो रेडियो डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर अमरिंदर सिंह और जिरियाट्रिक डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ विजय गुर्जर के सहयोग से किया गया.