नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हॉस्टल में मैनुअल और बढ़ी हुई फीस को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्र फिर से सुर्खियों में है. इस बार मुद्दा उनके प्रदर्शन का नहीं बल्कि जेएनयू में एडमिन ब्लॉक पर स्थापित गैर अनावृत स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के चारों ओर अपशब्द लिखने का है. इसके विरोध में एबीवीपी ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के चारों ओर दीप प्रज्वलित किए.
एबीवीपी ने आरोप लगाया है कि छात्रों के प्रदर्शन की आड़ में लेफ्ट से जुड़े छात्रों द्वारा विवेकानंद की प्रतिमा क्षतिग्रस्त करने की कोशिश की गई है, जो लेफ्ट छात्र संगठनों के मानसिक दिवालियापन को दर्शाता है.
एबीवीपी ने कड़ी निंदा की
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इसकी कड़ी निंदा की है. एबीवीपी का कहना है कि उन्हें पहले ही इस बात का अंदेशा था कि आइसा, एसएफआई, डीएसएफ, एआईएसएफ जैसे वामपंथी छात्र संगठन से जुड़े कार्यकर्ता छात्रों के विरोध प्रदर्शन की आड़ में अपनी तुच्छ राजनीतिक हितों को साधने के लिए कोई भी घृणित कार्य कर सकते हैं और ये अंदेशा सही साबित हुआ.
'ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है'
एबीवीपी के दिल्ली प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव ने कहा-
स्वामी विवेकानंद ने आधुनिक भारत को दिशा दिखाने में बेहद महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्हें किसी वैचारिक खाते में बैठाकर नहीं देखा जा सकता. जो हुआ वो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और लेफ्ट के मानसिक दिवालियापन को दिखाता है. हम प्रशासन से मांग करते हैं कि जो स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने के प्रयास में सम्मिलित हों उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.
वहीं एबीवीपी जेएनयू के इकाई अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने कहा कि जहां जेएनयू में पढ़ने वाले आम छात्र अपने अधिकारों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, उस समय लेफ्ट द्वारा इस तरह का घृणित प्रयास निंदनीय है.
वहीं एबीवीपी के सचिव मनीष जांगिड़ ने कहा-
इस तरह की हरकत करके लेफ्ट प्रोटेस्ट को गलत दिशा में ले जाने की कोशिश कर रहा है जो कि एबीवीपी कभी सफल नहीं होने दे सकता. छात्रों की लड़ाई हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस वापस कराने की है. वहीं अगर इसकी आड़ में लेफ्ट अपने अतिवादी विचारों को थोपने का प्रयास करेगा तो आम छात्र उसे कभी सफल नहीं होने देगा.
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर जेएनयू छात्रसंघ के उपाध्यक्ष साकेत मून ने कहा कि हमारी लड़ाई जेएनयू प्रशासन द्वारा फीस बढ़ाए जाने और हॉस्टल मैनुअल के लिखे नियम छात्रों पर थोपने को लेकर है. उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पर आरोप लगाते हुए कहा कि एबीवीपी इस तरह की बयानबाजी से छात्रों को मुद्दे से भटकाने की कोशिश कर रही है जो कि जेएनयू छात्रसंघ कभी सफल नहीं होने देगा.
जारी है प्रदर्शन
बता दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में 28 अक्टूबर को पारित हुए हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस को लेकर छात्र पिछले दो हफ्ते से प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों की मांग है कि जब तक कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार खुद आकर छात्रों से बात नहीं करते और इस फैसले को रोलबैक नहीं करते प्रदर्शन यूं ही जारी रहेगा.