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JNU: एबीवीपी ने विवेकानंद की प्रतिमा पर जलाए दीप, लेफ्ट पर लगाए गंभीर आरोप

जेएनयू में एबीवीपी ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के चारों ओर दीप प्रज्वलित किए. एबीवीपी ने इसका आरोप लेफ्ट से जुड़े छात्रों पर लगाया है.

स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा
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Published : Nov 14, 2019, 10:24 PM IST

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हॉस्टल में मैनुअल और बढ़ी हुई फीस को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्र फिर से सुर्खियों में है. इस बार मुद्दा उनके प्रदर्शन का नहीं बल्कि जेएनयू में एडमिन ब्लॉक पर स्थापित गैर अनावृत स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के चारों ओर अपशब्द लिखने का है. इसके विरोध में एबीवीपी ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के चारों ओर दीप प्रज्वलित किए.

स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के चारों ओर ABVP ने दीप जलाए

एबीवीपी ने आरोप लगाया है कि छात्रों के प्रदर्शन की आड़ में लेफ्ट से जुड़े छात्रों द्वारा विवेकानंद की प्रतिमा क्षतिग्रस्त करने की कोशिश की गई है, जो लेफ्ट छात्र संगठनों के मानसिक दिवालियापन को दर्शाता है.

JNU
ABVP ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के चारों ओर जलाए दीप

एबीवीपी ने कड़ी निंदा की

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इसकी कड़ी निंदा की है. एबीवीपी का कहना है कि उन्हें पहले ही इस बात का अंदेशा था कि आइसा, एसएफआई, डीएसएफ, एआईएसएफ जैसे वामपंथी छात्र संगठन से जुड़े कार्यकर्ता छात्रों के विरोध प्रदर्शन की आड़ में अपनी तुच्छ राजनीतिक हितों को साधने के लिए कोई भी घृणित कार्य कर सकते हैं और ये अंदेशा सही साबित हुआ.

'ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है'

एबीवीपी के दिल्ली प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव ने कहा-

स्वामी विवेकानंद ने आधुनिक भारत को दिशा दिखाने में बेहद महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्हें किसी वैचारिक खाते में बैठाकर नहीं देखा जा सकता. जो हुआ वो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और लेफ्ट के मानसिक दिवालियापन को दिखाता है. हम प्रशासन से मांग करते हैं कि जो स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने के प्रयास में सम्मिलित हों उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.

वहीं एबीवीपी जेएनयू के इकाई अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने कहा कि जहां जेएनयू में पढ़ने वाले आम छात्र अपने अधिकारों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, उस समय लेफ्ट द्वारा इस तरह का घृणित प्रयास निंदनीय है.

वहीं एबीवीपी के सचिव मनीष जांगिड़ ने कहा-

इस तरह की हरकत करके लेफ्ट प्रोटेस्ट को गलत दिशा में ले जाने की कोशिश कर रहा है जो कि एबीवीपी कभी सफल नहीं होने दे सकता. छात्रों की लड़ाई हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस वापस कराने की है. वहीं अगर इसकी आड़ में लेफ्ट अपने अतिवादी विचारों को थोपने का प्रयास करेगा तो आम छात्र उसे कभी सफल नहीं होने देगा.

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर जेएनयू छात्रसंघ के उपाध्यक्ष साकेत मून ने कहा कि हमारी लड़ाई जेएनयू प्रशासन द्वारा फीस बढ़ाए जाने और हॉस्टल मैनुअल के लिखे नियम छात्रों पर थोपने को लेकर है. उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पर आरोप लगाते हुए कहा कि एबीवीपी इस तरह की बयानबाजी से छात्रों को मुद्दे से भटकाने की कोशिश कर रही है जो कि जेएनयू छात्रसंघ कभी सफल नहीं होने देगा.

ABVP lit a lamp on Vivekananda's statue in JNU
प्रतिमा के चारों ओर जलाए गए दीप

जारी है प्रदर्शन

बता दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में 28 अक्टूबर को पारित हुए हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस को लेकर छात्र पिछले दो हफ्ते से प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों की मांग है कि जब तक कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार खुद आकर छात्रों से बात नहीं करते और इस फैसले को रोलबैक नहीं करते प्रदर्शन यूं ही जारी रहेगा.

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हॉस्टल में मैनुअल और बढ़ी हुई फीस को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्र फिर से सुर्खियों में है. इस बार मुद्दा उनके प्रदर्शन का नहीं बल्कि जेएनयू में एडमिन ब्लॉक पर स्थापित गैर अनावृत स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के चारों ओर अपशब्द लिखने का है. इसके विरोध में एबीवीपी ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के चारों ओर दीप प्रज्वलित किए.

स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के चारों ओर ABVP ने दीप जलाए

एबीवीपी ने आरोप लगाया है कि छात्रों के प्रदर्शन की आड़ में लेफ्ट से जुड़े छात्रों द्वारा विवेकानंद की प्रतिमा क्षतिग्रस्त करने की कोशिश की गई है, जो लेफ्ट छात्र संगठनों के मानसिक दिवालियापन को दर्शाता है.

JNU
ABVP ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के चारों ओर जलाए दीप

एबीवीपी ने कड़ी निंदा की

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इसकी कड़ी निंदा की है. एबीवीपी का कहना है कि उन्हें पहले ही इस बात का अंदेशा था कि आइसा, एसएफआई, डीएसएफ, एआईएसएफ जैसे वामपंथी छात्र संगठन से जुड़े कार्यकर्ता छात्रों के विरोध प्रदर्शन की आड़ में अपनी तुच्छ राजनीतिक हितों को साधने के लिए कोई भी घृणित कार्य कर सकते हैं और ये अंदेशा सही साबित हुआ.

'ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है'

एबीवीपी के दिल्ली प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव ने कहा-

स्वामी विवेकानंद ने आधुनिक भारत को दिशा दिखाने में बेहद महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्हें किसी वैचारिक खाते में बैठाकर नहीं देखा जा सकता. जो हुआ वो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और लेफ्ट के मानसिक दिवालियापन को दिखाता है. हम प्रशासन से मांग करते हैं कि जो स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने के प्रयास में सम्मिलित हों उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.

वहीं एबीवीपी जेएनयू के इकाई अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने कहा कि जहां जेएनयू में पढ़ने वाले आम छात्र अपने अधिकारों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, उस समय लेफ्ट द्वारा इस तरह का घृणित प्रयास निंदनीय है.

वहीं एबीवीपी के सचिव मनीष जांगिड़ ने कहा-

इस तरह की हरकत करके लेफ्ट प्रोटेस्ट को गलत दिशा में ले जाने की कोशिश कर रहा है जो कि एबीवीपी कभी सफल नहीं होने दे सकता. छात्रों की लड़ाई हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस वापस कराने की है. वहीं अगर इसकी आड़ में लेफ्ट अपने अतिवादी विचारों को थोपने का प्रयास करेगा तो आम छात्र उसे कभी सफल नहीं होने देगा.

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर जेएनयू छात्रसंघ के उपाध्यक्ष साकेत मून ने कहा कि हमारी लड़ाई जेएनयू प्रशासन द्वारा फीस बढ़ाए जाने और हॉस्टल मैनुअल के लिखे नियम छात्रों पर थोपने को लेकर है. उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पर आरोप लगाते हुए कहा कि एबीवीपी इस तरह की बयानबाजी से छात्रों को मुद्दे से भटकाने की कोशिश कर रही है जो कि जेएनयू छात्रसंघ कभी सफल नहीं होने देगा.

ABVP lit a lamp on Vivekananda's statue in JNU
प्रतिमा के चारों ओर जलाए गए दीप

जारी है प्रदर्शन

बता दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में 28 अक्टूबर को पारित हुए हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस को लेकर छात्र पिछले दो हफ्ते से प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों की मांग है कि जब तक कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार खुद आकर छात्रों से बात नहीं करते और इस फैसले को रोलबैक नहीं करते प्रदर्शन यूं ही जारी रहेगा.

Intro:एबीवीपी ने विवेकानंद की प्रतिमा पर किया दीप प्रज्वलित कहा प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करना लेफ्ट के मानसिक दिवालियापन को दर्शाता है

नई दिल्ली ।


जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हॉस्टल में मैनुअल और बढ़ी हुई फीस को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्र फिर से सुर्खियों में है. इस बार मुद्दा उनके प्रदर्शन का नहीं बल्कि जेएनयू में एडमिन ब्लॉक पर स्थापित गैर अनावृत स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के चारों ओर अपशब्द लिखने और उसे क्षतिग्रस्त करने का है. वहीं इसके विरोध में एबीवीपी ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के चारों और दीप प्रज्वलित किए. एबीवीपी ने आरोप लगाया है कि छात्रों के प्रदर्शन की आड़ में लेफ्ट से जुड़े छात्रों द्वारा विवेकानंद की प्रतिमा क्षतिग्रस्त करने की कोशिश की गई है जो लेफ्ट छात्र संगठनों के मानसिक दिवालियापन को दर्शाता है.
Body:अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जेएनयू परिसर के एडमिन ब्लॉक में स्थापित स्वामी विवेकानंद की गैर अनावृत प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किए जाने और भद्दी टिप्पणी की कड़ी निंदा की है. एबीवीपी का आरोप है कि लेफ्ट से जुड़े छात्रों ने ही विश्वविद्यालय की सार्वजनिक संपत्ति को क्षति ग्रस्त करने की कोशिश की है. वहीं एबीवीपी का कहना है कि उन्हें पहले ही इस बात का अंदेशा था कि आइसा, एसएफआई, डीएसएफ, एआईएसएफ जैसे वामपंथी छात्र संगठन से जुड़े कार्यकर्ता छात्रों के विरोध प्रदर्शन की आड़ में अपनी तुच्छ राजनीतिक हितों को साधने के लिए कोई भी घृणित कार्य कर सकते हैं और ये अंदेशा सही साबित हुआ.

वहीं एबीवीपी के दिल्ली प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने आधुनिक भारत को दिशा दिखाने में बेहद महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्हें किसी वैचारिक खाते में बैठाकर नहीं देखा जा सकता. लेकिन जिस प्रकार से लेफ्ट के लोगों ने उनके स्टैचू को क्षतिग्रस्त करने का प्रयास किया है वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है तथा लेफ्ट के मानसिक दिवालियापन को दिखाता है. ऐसे अभारतीय विचारों को भारत के सभी कैंपस से खत्म कर देने तक लड़ाई लड़ते रहेंगे. हम प्रशासन से मांग करते हैं कि जो स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने के प्रयास में सम्मिलित हों उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए.

वहीं एबीवीपी जेएनयू के इकाई अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने कहा कि जहां जेएनयू में पढ़ने वाले आम छात्र अपने अधिकारों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, उस समय लेफ्ट द्वारा इस तरह का घृणित प्रयास निंदनीय है. वहीं एबीवीपी के सचिव मनीष जांगिड़ ने कहा कि इस तरह की हरकत करके लेफ्ट प्रोटेस्ट को गलत दिशा में ले जाने की कोशिश कर रहा है जो कि एबीवीपी कभी सफल नहीं होने दे सकता. उन्होंने कहा कि छात्रों की लड़ाई हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस वापस कराने की है. वहीं अगर इसकी आड़ में लेफ्ट अपने अतिवादी विचारों को थोपने का प्रयास करेगा तो आम छात्र उसे कभी सफल नहीं होने देगा.

वहीं इस पूरे घटनाक्रम को लेकर जेएनयू छात्रसंघ के उपाध्यक्ष साकेत मून ने कहा कि हमारी लड़ाई जेएनयू प्रशासन द्वारा फीस बढ़ाए जाने और हॉस्टल मैनुअल के लिखे नियम छात्रों पर थोपने को लेकर है. उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पर आरोप लगाते हुए कहा कि एबीवीपी इस तरह की बयानबाजी से छात्रों को मुद्दे से भटकाने की कोशिश कर रही है जो कि जेएनयू छात्रसंघ कभी सफल नहीं होने देगा.
Conclusion:बता दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में 28 अक्टूबर को पारित हुए हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस को लेकर छात्र पिछले दो हफ्ते से प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं बुधवार को हुई एक्सक्यूटिव कमेटी की बैठक में छात्रों को हॉस्टल मैनुअल और बड़ी भी फीस में काफी हद तक राहत दी गई जिसके बाद भी छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है. वहीं छात्रों की मांग है कि जब तक कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार खुद आकर छात्रों से बात नहीं करते और इस फैसले को रोलबैक नहीं करते प्रदर्शन यूं ही जारी रहेगा. बता दें कि गुस्साए छात्रों ने बुधवार को कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार की नेम प्लेट पर कालिख पोत दी थी और उसे उखाड़ फेंका था.
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