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Gang Busted: रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 4 गिरफ्तार

रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के 4 लोगों को गिरफ्तार करने का मामला सामने आया है. ये आरोपी रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी करते थे और पीड़ितों को फर्जी नियुक्ति पत्र सौंपते थे.

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Published : May 9, 2023, 2:32 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा टीम ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों के साथ ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. अपराध शाखा पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को रेलवे नौकरी रैकेट में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया है. आरोपितों की पहचान शिवरामन, विकास राणा, दुबे, राहुल चौधरी और अन्य के रूप में हुई है.

बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने का करते थे वादा: आर्थिक अपराध शाखा पुलिस उपायुक्त एमआई हैदर ने बताया कि तमिलनाडु निवासी एम सुब्बुसामी की शिकायत पर आरोपी शिवरामन के खिलाफ रेलवे में नौकरी की पेशकश करने के बहाने धोखाधड़ी और जालसाजी को लेकर मामला दर्ज किया गया था. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि वह एक अन्य परिचित के माध्यम से शिवरामन के संपर्क में आया था. शिवरामन ने उन्हें मौद्रिक लाभ के बदले रेलवे में बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने की पेशकश की थी. इसके बाद शिकायतकर्ता ने शिवरामन को तमिलनाडु की नौकरी चाहने वालों के बारे में बताया, जो दिल्ली आए थे.

भारतीय रेलवे में नौकरी की गारंटी देते थे आरोपी:नौकरी की तलाश में आए लोगों का परिचय कनॉट प्लेस में आरोपी विकास राणा से हुआ, जिसने खुद को उत्तर रेलवे के उपनिदेशक और एक आईआरटीएस अधिकारी होने का दावा किया था. दोनों आरोपियों ने उन्हें सीधे कोटे के तहत भारतीय रेलवे में नौकरी की गारंटी देने का आश्वासन दिया. शिकायतकर्ता ने शिवरामन को रेलवे में उनके रोजगार के लिए बड़ी राशि का भुगतान किया.

बेरोजगार युवाओं से 10 से 15 लाख रुपये की करते थे ठगी: व्यक्तियों ने 1 से 3 महीने का नौकरी प्रशिक्षण प्रदान किया और बाद में एक जाली मनगढ़ंत प्रशिक्षण प्रमाण पत्र और नौकरी प्रस्ताव पत्र सौंप दिया. प्रारंभिक जांच के दौरान दस्तावेज फर्जी पाए गए. आरोपी निर्दोष लोगों और बेरोजगार युवाओं से 10 से 15 लाख रुपये की ठगी करते थे. जांच में आरोपी व्यक्तियों के खाते में भारी धन के लेन-देन का पता चला, जिससे पुष्टि हुई कि शिकायतकर्ताओं से भुगतान प्राप्त किया गया था.

ये भी पढ़ें: Murder in Delhi: सिविल लाइंस इलाके में बैग छीनने का विरोध करने पर शख्स की गोली मारकर हत्या, जांच में जुटी पुलिस

पुलिस ने बताया कि आरोपी शिवरामन को 29 दिसंबर 2022 को नौकर क्वार्टर 3 महादेव रोड नई दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था, जबकि आरोपी विकास राणा को 24 जनवरी, 2023 को भारत-नेपाल सीमा जिले से गिरफ्तार किया गया था. दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल से आरोपी रजनीश कुमार पांडेय उर्फ सत्येंद्र दुबे को बिहार के दानापुर पटना से दबोचा गया. पुलिस ने चार मई को अन्य आरोपियों को अपनी हिरासत में लिया, जबकि आरोपी राहुल को पंडित पंत मार्ग नई दिल्ली से 6 मई को गिरफ्तार किया गया है.

ये भी पढ़ें: गूगल पर विज्ञापन देकर धोखाधड़ी करने वाला आरोपी महाराष्ट्र के ठाणे से गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा टीम ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों के साथ ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. अपराध शाखा पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को रेलवे नौकरी रैकेट में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया है. आरोपितों की पहचान शिवरामन, विकास राणा, दुबे, राहुल चौधरी और अन्य के रूप में हुई है.

बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने का करते थे वादा: आर्थिक अपराध शाखा पुलिस उपायुक्त एमआई हैदर ने बताया कि तमिलनाडु निवासी एम सुब्बुसामी की शिकायत पर आरोपी शिवरामन के खिलाफ रेलवे में नौकरी की पेशकश करने के बहाने धोखाधड़ी और जालसाजी को लेकर मामला दर्ज किया गया था. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि वह एक अन्य परिचित के माध्यम से शिवरामन के संपर्क में आया था. शिवरामन ने उन्हें मौद्रिक लाभ के बदले रेलवे में बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने की पेशकश की थी. इसके बाद शिकायतकर्ता ने शिवरामन को तमिलनाडु की नौकरी चाहने वालों के बारे में बताया, जो दिल्ली आए थे.

भारतीय रेलवे में नौकरी की गारंटी देते थे आरोपी:नौकरी की तलाश में आए लोगों का परिचय कनॉट प्लेस में आरोपी विकास राणा से हुआ, जिसने खुद को उत्तर रेलवे के उपनिदेशक और एक आईआरटीएस अधिकारी होने का दावा किया था. दोनों आरोपियों ने उन्हें सीधे कोटे के तहत भारतीय रेलवे में नौकरी की गारंटी देने का आश्वासन दिया. शिकायतकर्ता ने शिवरामन को रेलवे में उनके रोजगार के लिए बड़ी राशि का भुगतान किया.

बेरोजगार युवाओं से 10 से 15 लाख रुपये की करते थे ठगी: व्यक्तियों ने 1 से 3 महीने का नौकरी प्रशिक्षण प्रदान किया और बाद में एक जाली मनगढ़ंत प्रशिक्षण प्रमाण पत्र और नौकरी प्रस्ताव पत्र सौंप दिया. प्रारंभिक जांच के दौरान दस्तावेज फर्जी पाए गए. आरोपी निर्दोष लोगों और बेरोजगार युवाओं से 10 से 15 लाख रुपये की ठगी करते थे. जांच में आरोपी व्यक्तियों के खाते में भारी धन के लेन-देन का पता चला, जिससे पुष्टि हुई कि शिकायतकर्ताओं से भुगतान प्राप्त किया गया था.

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पुलिस ने बताया कि आरोपी शिवरामन को 29 दिसंबर 2022 को नौकर क्वार्टर 3 महादेव रोड नई दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था, जबकि आरोपी विकास राणा को 24 जनवरी, 2023 को भारत-नेपाल सीमा जिले से गिरफ्तार किया गया था. दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल से आरोपी रजनीश कुमार पांडेय उर्फ सत्येंद्र दुबे को बिहार के दानापुर पटना से दबोचा गया. पुलिस ने चार मई को अन्य आरोपियों को अपनी हिरासत में लिया, जबकि आरोपी राहुल को पंडित पंत मार्ग नई दिल्ली से 6 मई को गिरफ्तार किया गया है.

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