नई दिल्ली: रिपोर्ट्स के मुताबिक सर्दियों में कोरोना वायरस का कहर और बढ़ जाएगा. कुछ देशों में तो इसकी शुरुआत भी हो चुकी है, लेकिन बड़ी परेशानी ये है कि जो मरीज कोरोना से ठीक हो चुके हैं, प्रदूषण की वजह से उनमें निमोनिया और बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाएगा.
'गले में कोरोना को लंबे समय तक रोकेगा प्रदूषण'
सर्दियों के शुरुआत के साथ ही दिल्ली में प्रदूषण का स्तर भी बढ़कर खतरनाक हो चुका है. ये प्रदूषण वैसे ही दिल्ली वालों की जिंदगी के पांच साल खा चुका है, लेकिन इस बार कोरोना की वजह से ये और भी घातक हो जाएगा. इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के रेस्पिरेटरी डिजीज के सीनियर कंसल्टेंट डॉ निखिल मोदी बताते हैं कि प्रदूषण की वजह से गले में पर्टिकुलर मैटर्स का एक परत बन जाता है, जो बलगम को बाहर निकलने से रोकता है. ऐसे में गले में ज्यादा असर करने वाला कोरोना वायरस ज्यादा समय तक लोगों के शरीर में रह सकता है, जिससे मरीज के ठीक होने का समय पहले से बढ़ सकता है.
'ठीक हो चुके मरीजों में भी बढ़ेगी परेशानी'
डॉ निखिल मोदी की माने तो प्रदूषण से ना केवल कोरोना के नए मरीजों की संख्या बढ़ेगी और मरीजों की स्थिति पहले से गंभीर होगी, बल्कि कोरोना से गंभीर या मॉडरेट रूप से बीमार पड़ कर ठीक हो चुके लोगों पर भी इसका असर होगा. पार्टिकुलर मैटर्स की मात्रा ज्यादा होने की वजह से ऐसे लोगों में सांस की परेशानी, निमोनिया और बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाएगा.