नई दिल्ली: एक तरफ उत्तरी दिल्ली नगर निगम पैसों की इस कदर कमी से जूझ रहा है कि पिछले तीन महीने से डॉक्टरों और नर्सों का वेतन नहीं दे पाया है. तो वहीं दूसरी तरफ प्रशासन की लापरवाही से अस्पताल में महंगी-महंगी दवाएं खराब हो रही हैं. खास बात तो ये है कि वही खराब दवाएं मरीजों में बांटी जा रही है.
इसकी वजह से एमोक्सिलिन और सेफिक्सिम जैसी महंगी-महंगी एंटीबायोटिक दवाएं है. जिन्हें 25 डिग्री टेम्प्रेचर से कम पर रखना चाहिए. यहां ये दवाएं बिना एसी के 34-35 डिग्री तापमान पर रखी हुई हैं और यही दवाएं मरीजों को बांटी भी जा रही है.
प्रशासन से कई बार की गई एसी की मांग
जानकारी के मुताबिक चेस्ट क्लिनिक के फार्मासिस्ट प्रशासन को लगातार इस बाबत सचेत भी कर रहे हैं और दवाओं के संरक्षण के लिए एसी की मांग भी कर रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी अस्पताल प्रशासन के कान पर जूं नहीं रेंग रही है.
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि अस्पताल प्रशासन कब तक मरीजों की जिंदगियों से खेलता रहेगा और कब तक मरीजों को ज्यादा तापमान पर रखी दवाएं लेनी पड़ेगी. इस बाबत अस्पताल से प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है.