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दिल्ली में आर्मी का अफसर बनकर ठगी करने वाला शख्स गिरफ्तार - scam by fake army officer

दिल्ली की साइबर पुलिस ने आर्मी अफसर बनकर ठगी करने वाले शख्स को गिरफ्तार किया है. यह लोगों को रकम दुगनी करने का लालच देकर ठगी करता था. इस प्रकार से अब तक यह 22 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी कर चूका है.

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Published : Jun 23, 2023, 10:27 PM IST

नई दिल्ली: शाहदर जिला की साइबर पुलिस ने एक ऐसे को गिरफ्तार किया है, जो खुद को सेना का अधिकारी बता कर ठगी करता था. गिरफ्तार आरोपी की पहचान हरियाणा के नूह मेवात निवासी 55 वर्षीय अली मोहम्मद के तौर पर हुई है. डीसीपी ने बताया कि 10 जून को सूरजमल विहार निवासी अंकित गर्ग ने साइबर थाने में दी शिकायत में आरोप लगाया था कि वह तार निर्माण का काम कर रहे हैं. शिकायतकर्ता को आर्मी ऑफिसर स्कूल में तारों की आवश्यकता के लिए कॉल आया था. फोन पर बातचीत के बाद 47 हजार रुपये की राशि पर सौदा तय किया गया.

इसके बाद व्यापारी को एक और कॉल आया, जिसमें आर्मी ऑफिसर ने बैंक खाते में 5 रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहा और आश्वासन दिया कि उनके बैंक खाते में दोगुनी राशि वापस कर दी जाएगी. उन्होंने उनसे छोटी राशि ट्रांसफर करने का प्रयास करने के लिए कहा. इसके बाद शिकायतकर्ता ने उपरोक्त खाते में 5 रुपये ट्रांसफर किए और 10 रुपये की राशि उनके बैंक खाते में वापस कर दी गई. इसके अलावा जालसाज ने उसे रिफंड में दोगुनी राशि प्राप्त करने के बड़ी राशि ट्रांसफर करने के लिए लुभाया. उन्होंने दो अलग-अलग बैंक अकाउंट में 47 हजार और 12 हजार रुपए ट्रांसफर किए, लेकिन उन्हें कोई राशि वापस नहीं मिली.

पुलिस ने जांच करते हुए आरोपी अली मोहम्मद की पहचान की और उसे नूंह (मेवात) से गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान पता चला है कि यह जालसाजों का एक गिरोह है, जो इस ऑनलाइन धोखाधड़ी को अंजाम दे रहा है और कई व्यक्तियों को ठगने में शामिल है. इस गिरोह के कुछ सदस्य खुद को सेना के अधिकारी के रूप में पेश करते हैं, फिर पीड़ित से संपर्क करते हैं. वे आधिकारिक उद्देश्य के लिए आइटम खरीदने की अपनी आवश्यकता दिखाते. टेलीफोन पर चर्चा के बाद वे सौदा तय करते हैं और व्हाट्सएप पर विक्रेताओं को अकाउंट नंबर भेजते हैं और उन्हें दिए गए बैंक खाते में 5 या 10 रुपये स्थानांतरित करने के लिए कहते हैं और उन्हें आश्वासन देते हैं कि उनके बैंक खाते में दोगुनी राशि वापस कर दी जाएगी.

इसे भी पढ़ें: भारतीय सेना का अधिकारी बन ठगी करने वाला शख्स एसटीएफ के हत्थे चढ़ा

इसके अलावा, जालसाज उन्हें रिफंड में दोगुनी राशि प्राप्त करने के लिए दिए गए बैंक खातों में बड़ी राशि ट्रांसफर करने के लिए लुभाते थे. जब पीड़ित बड़ी राशि हस्तांतरित करता तो जालसाज उस राशि को हड़प लेते थे और उनके कॉल उठाना बंद कर देते थे. डीसीपी ने बताया कि अब तक, अलग-अलग राज्यों की कुल 15 शिकायतों की पहचान की गई है, जो गिरफ्तार व्यक्ति से जुड़ी हैं. 22 लाख रुपये से ज्यादा का मनी ट्रेल पता चला है.

इसे भी पढ़ें: फर्जी सेना का अधिकारी दिल्ली से गिरफ्तार, महिलाओं को फंसाने का आरोप

नई दिल्ली: शाहदर जिला की साइबर पुलिस ने एक ऐसे को गिरफ्तार किया है, जो खुद को सेना का अधिकारी बता कर ठगी करता था. गिरफ्तार आरोपी की पहचान हरियाणा के नूह मेवात निवासी 55 वर्षीय अली मोहम्मद के तौर पर हुई है. डीसीपी ने बताया कि 10 जून को सूरजमल विहार निवासी अंकित गर्ग ने साइबर थाने में दी शिकायत में आरोप लगाया था कि वह तार निर्माण का काम कर रहे हैं. शिकायतकर्ता को आर्मी ऑफिसर स्कूल में तारों की आवश्यकता के लिए कॉल आया था. फोन पर बातचीत के बाद 47 हजार रुपये की राशि पर सौदा तय किया गया.

इसके बाद व्यापारी को एक और कॉल आया, जिसमें आर्मी ऑफिसर ने बैंक खाते में 5 रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहा और आश्वासन दिया कि उनके बैंक खाते में दोगुनी राशि वापस कर दी जाएगी. उन्होंने उनसे छोटी राशि ट्रांसफर करने का प्रयास करने के लिए कहा. इसके बाद शिकायतकर्ता ने उपरोक्त खाते में 5 रुपये ट्रांसफर किए और 10 रुपये की राशि उनके बैंक खाते में वापस कर दी गई. इसके अलावा जालसाज ने उसे रिफंड में दोगुनी राशि प्राप्त करने के बड़ी राशि ट्रांसफर करने के लिए लुभाया. उन्होंने दो अलग-अलग बैंक अकाउंट में 47 हजार और 12 हजार रुपए ट्रांसफर किए, लेकिन उन्हें कोई राशि वापस नहीं मिली.

पुलिस ने जांच करते हुए आरोपी अली मोहम्मद की पहचान की और उसे नूंह (मेवात) से गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान पता चला है कि यह जालसाजों का एक गिरोह है, जो इस ऑनलाइन धोखाधड़ी को अंजाम दे रहा है और कई व्यक्तियों को ठगने में शामिल है. इस गिरोह के कुछ सदस्य खुद को सेना के अधिकारी के रूप में पेश करते हैं, फिर पीड़ित से संपर्क करते हैं. वे आधिकारिक उद्देश्य के लिए आइटम खरीदने की अपनी आवश्यकता दिखाते. टेलीफोन पर चर्चा के बाद वे सौदा तय करते हैं और व्हाट्सएप पर विक्रेताओं को अकाउंट नंबर भेजते हैं और उन्हें दिए गए बैंक खाते में 5 या 10 रुपये स्थानांतरित करने के लिए कहते हैं और उन्हें आश्वासन देते हैं कि उनके बैंक खाते में दोगुनी राशि वापस कर दी जाएगी.

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इसके अलावा, जालसाज उन्हें रिफंड में दोगुनी राशि प्राप्त करने के लिए दिए गए बैंक खातों में बड़ी राशि ट्रांसफर करने के लिए लुभाते थे. जब पीड़ित बड़ी राशि हस्तांतरित करता तो जालसाज उस राशि को हड़प लेते थे और उनके कॉल उठाना बंद कर देते थे. डीसीपी ने बताया कि अब तक, अलग-अलग राज्यों की कुल 15 शिकायतों की पहचान की गई है, जो गिरफ्तार व्यक्ति से जुड़ी हैं. 22 लाख रुपये से ज्यादा का मनी ट्रेल पता चला है.

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