नई दिल्ली: लॉकडाउन की मार जितनी गरीबों पर पड़ी है, उससे कहीं ज्यादा अमीरों पर पड़ती दिखाई दे रही है. वहीं अब एक जानकारी ये भी आ रही है कि आने वाले दिनों में प्रॉपर्टी के रेट में 20 से 30 फीसदी की गिरावट आ सकती है. इससे पहले से ही मंदी की मार झेल रहा रियल स्टेट कारोबार चरमरा सकता है.
रियल स्टेट कारोबार की टूटी कमर
दिल्ली के प्रॉपर्टी बाजार के बारे में कहा जाता है कि इसकी तबीयत तो साल 2013 से ही नासाज चल रही है. उस पर नोटबंदी का असर ऐसा हुआ जैसे करेला नीम चढ़ गया हो. हालत ऐसे हो गए थे कि गली मोहल्ले में खुल चुकी प्रॉपर्टी डीलरों के ऑफिसों के बोर्ड तक बदल गए थे. लेकिन पिछले कुछ महीनों में अर्थव्यवस्था में सुधार देखने को मिल रहा था. ग्राहक फिर से बाजारों में आने लगे थे और प्रॉपर्टी बाजार में चहल-पहल बढ़ने लगी थी. लेकिन, लॉकडाउन ने प्रॉपर्टी कारोबारियों की इस खुशी को ज्यादा दिन नहीं टिकने दिया. दो महीने के लॉकडाउन के बाद प्रॉपर्टी बाजार में पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ है.
बाजार में नहीं हैं खरीददार
झिलमिल इंडस्ट्रियल एरिया में प्रॉपर्टी का कारोबार करने वाले चेतन बताते हैं कि बाजार पूरी तरह से बैठ गया है. लॉकडाउन में सभी कारोबार और व्यापार बंद होने की वजह से मार्केट में पैसे की लिक्विडिटी कम हो गई है. इसलिए फिलहाल कोई भी प्रॉपर्टी में पैसा नहीं लगाना चाह रहा है. अगर आने वाले कुछ और दिन हालात ऐसे ही रहे तो उम्मीद है कि प्रॉपर्टी के रेटों में 20 से 30 फीसदी की गिरावट भी आ सकती है.