नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर कल हुई हिंसा में बृजपुरी गली नंबर-5 में अपने परिवार के साथ रहने वाले मेहताब अब इस दुनिया में नहीं रहे. उनकी भाभी यासमीन जीटीबी अस्पताल के शव गृह के बाहर उनका शव लेने के लिए पहुंची. उन्होंने इस दौरान कहा कि मेहताब 22 साल के थे और शाम के समय घर से दूध लेने के लिए बाहर निकले थे लेकिन वह वापस नहीं लौटे.
'बेटे समान देवर को निगल गई हिंसा'
ईटीवी भारत ने यासमीन से बातचीत की. उन्होंने कि इस हिंसा ने उनके बेटे समान देवर को निगल लिया. शाम 5 बजे जब मेहताब का चाय पीने का मन किया तो वह दूध लेने के लिए घर से बाहर निकले लेकिन कुछ लोग उन्हें उठाकर ले गए. उनकी भाभी का कहना था कि जो लोग उन्हें उठाकर ले गए. जिसके बाद करीब 6:30 बजे उनके पास एक अनजान नंबर से कॉल आता है, जिसमें उन्हें जानकारी दी जाती है कि मेहताब को जलाकर मार दिया गया है. उनका शव नर्सिंग होम में पड़ा है.
'जीटीबी अस्पताल में हुआ पोस्टमार्टम'
यासमीन ने बताया कि वह बृजपुरी में रहती हैं और नया मुस्तफाबाद के मेहर नर्सिंग होम में उन्हें करीब 6:30 बजे अपने देवर मेहताब का शव मिला, जिसके बाद जीटीबी अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए उनका शव यहां पर लाया गया और आज वह यहां शव लेने के लिए पहुंची है.
यासमीन ने बताया कि उनके घर के नीचे कुछ लोगों ने ताला लगा दिया था और गेट बंद कर दिया था. मेहताब बाहर ही रह गए थे और जब उन्होंने मेहताब को अंदर आने के लिए कहा तो लोगों ने ताला नहीं खोला जिसके कारण वह बाहर ही रह गए और लोगों उसे उठाकर ले गए.