नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल टीम ने जाली करेंसी के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए कैराना में छापेमारी कर गुरुवार को सर्राफ सहित दो लोगों को पकड़ लिया. शुक्रवार सुबह पुलिस टीम ने सर्राफ के घर पर फिर से छापा मारा. संभावना है कि जाली करेंसी बरामद करने के लिए छापेमारी की जा रही है. इस दौरान इनके पास से 8 लाख की फेक इंडियन करेंसी कैश, लैपटॉप, लैमिनेशन मशीन समेत कई इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद किए है.
स्पेशल सेल के विशेष पुलिस आयुक्त एचजीएस धालीवाल ने बताया कि स्पेशल सेल उत्तरी रेंज टीम को गुप्त सूचना मिली की इंटरनेशनल करेंसी सिंडिकेट का एक सदस्य गुरुग्राम में छिपा है और बड़े पैमाने पर जाली करेंसी को मार्केट में सर्कुलेट कर रहा है. वह से अलग-अलग राज्यों में नकली नोटों सप्लाई करता है. सूचना के अनुसार, नौ सदस्यीय टीम इंस्पेक्टर नगेंद्र सिंह के नेतृत्व में कैराना पहुंची थी. जामा मस्जिद के पास रहने वाले सर्राफ इरशाद के साथ ही नई बस्ती में रहने वाले फरीद अंसारी को पुलिस ने हिरासत में लिया था. मालूम चला कि दिल्ली में लाखों रुपये की जाली करेंसी पकड़ी जाने पर इरशाद का नाम प्रकाश में आया था.
UP में भेजी गई थी करंसीः इरशाद और फरीद अंसारी से पुलिस टीम ने पूछताछ की. इसके बाद शुक्रवार सुबह फिर इरशाद के मकान पर छापा मारा गया. बताया गया है कि पकड़ा गया फरीद अंसारी एक बैंक रिकवरी एजेंसी का संचालक है. इसकी एजेंसी के पास क्षेत्र की कई बैंक शाखाओं की रिकवरी का अनुबंध है. चर्चा है कि दिल्ली में जो जाली करेंसी पकड़ी गई, वह कैराना से भेजी गई थी.
पाक से जुड़ा है तारः मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी के साथ ही जाली करेंसी की सप्लाई को लेकर कैराना पहले भी सुर्खियों में रहा है. कैराना का ही इकबाल काना पाकिस्तान में बैठकर जाली करेंसी की सप्लाई का नेटवर्क चलाता रहा है. चार साल पहले ही यमुनानगर पुलिस ने इंतजार सहित जाली करेंसी के मामले में कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था. उन्होंने भी राजफाश किया था कि जाली करेंसी कैराना से लाते थे. इसके अलावा भी जाली करेंसी के कई मामले में कैराना से जुड़े रहे हैं.
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