नई दिल्ली : तिमारपुर विधानसभा के मुस्लिम बाहुल्य वजीराबाद इलाके के लोग गंदगी में जीने को मजबूर हैं. इलाके में तीनों राजनीतिक पार्टियों के जनप्रतिनिधि हैं, लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि इलाके की सुध लेने को तैयार नहीं है. भारत सरकार के 'स्वच्छ भारत अभियान' और दिल्ली सरकार के 'हर रविवार डेंगू पर वार' अभियान का भी कोई असर यहां नहीं है.
इलाके में जहां-तहां गंदगी का अंबार लगा हुआ है. लोग अपने जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाकर थक-हार चुके हैं, लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि लोगों की समस्या का समाधान करने को तैयार नहीं है. ईटीवी भारत की टीम ने तिमारपुर विधानसभा के वजीराबाद इलाके की कच्ची कॉलोनियों के में जाकर हालात का जायजा लिया. इलाके में हर तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है. डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी महामारी के दौर में भी इलाके में जलभराव का आलम है. बारिश हुए कई दिन बीत चुके हैं, लेकिन पानी की निकासी का कोई रास्ता नहीं है.
इलाके के लोग पानी पी-पीकर अपने जनप्रतिनिधियों को कोस रहे हैं. लोगों का कहना है, कि आम आदमी पार्टी के विधायक दिलीप पांडे, बीजेपी सांसद मनोज तिवारी और कांग्रेस की निगम पार्षद इसी इलाके से हैं. तीन-तीन जनप्रतिनिधि 3 अलग-अलग दलों से हैं, जिनमें से 2 दलों की सरकार भी है. बीजेपी की केंद्र में और आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली में है, फिर भी समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है. पूरा इलाका बदहाल है. इस इलाके में वोट मांगने के लिए ही ये जनप्रतिनिधि पहुंचते हैं. चुनाव के दौरान सभी नेता इलाके में चक्कर काटते हैं, लेकिन जीतने के बाद कोई भी इलाके के लोगों की सुध लेने के लिए नहीं आता है.
वजीराबाद इलाके में आधा दर्जन डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं, इसके बावजूद दिल्ली सरकार या नगर निगम की ओर से कोई भी कदम नहीं उठाया गया है. केंद्र और दिल्ली सरकार की तमाम योजनाएं कागजों और टीवी में ही नजर आ रही हैं. दिल्ली सरकार 10 हफ्ते 10 बजे 10 मिनट 'हर रविवार डेंगू पर वार' अभियान चलाए हुए है, लेकिन कोई भी कर्मचारी इलाके में फॉगिंग करने के लिए नहीं आ रहा है. जिसकी वजह से वजीराबाद ही नहीं आसपास के इलाकों में भी डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया फैलने का डर बना हुआ है. डेंगू के आधा दर्जन मामले सामने आने से लोगों में दहशत बनी हुई है.
लोगों की मांग है कि डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी महामारी पर काबू पाने के लिए इलाके के नेताओं और सफाई कर्मचारियों को आगे बढ़कर काम करना होगा. मुस्लिम बाहुल्य इलाके में जान-बूझकर सफाई नहीं की जा रही है. जनप्रतिनिधि इलाके में जल निकासी की भी व्यवस्था नहीं कर रहे हैं.