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टिकरी बॉर्डर पर किसानों के कपड़े धुलने के लिए लगाई गई वाशिंग मशीनें

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Published : Dec 28, 2020, 6:02 PM IST

सिंघु बॉर्डर के बाद अब टिकरी बॉर्डर पर किसानों को सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. टेंट और लंगर के बाद अब कपड़े धुलने के लिए वाशिंग मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं.

washing machine facility for farmers at tikri border
टिकरी बॉर्डर पर लगी वाशिंग मशीनें

नई दिल्ली: सिंघु बॉर्डर की तरह टिकरी बॉर्डर पर भी किसानों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाने लगी हैं. यहां किसान 27 नवंबर से धरने पर बैठे हुए हैं. किसानों को कपड़े धुलने के लिए वाशिंग मशीन उपलब्ध कराई गई हैं. जिसमें लोग बारी-बारी से अपने कपड़े धुलवा रहे हैं.

टिकरी बॉर्डर पर लगाई गई वाशिंग मशीनें


27 नवंबर से शुरू हुआ था किसानों का आंदोलन
हरियाणा के बहादुरगढ़ और दिल्ली के मुंडका के बीच टिकरी बॉर्डर पर 27 नवंबर से किसान और जवान आमने-सामने हैं. पुलिस ने बैरिकेड लगाकर पूरी तरह से टिकरी बॉर्डर को 27 नवंबर से ही बंद कर दिया था. हालांकि किसानों का आंदोलन 26 नवंबर से शुरू किया गया था. जिसके चलते यहां पर पुलिस ने 26 नवम्बर से ही मोर्चाबंदी कर दी थी. लेकिन 27 नवंबर से इस रास्ते को पूरी तरह बंद कर दिया गया था.


ये भी पढ़ें: दौड़ने लगी देश की पहली चालक रहित मेट्रो, पीएम ने दिखाई हरी झंडी

किसानों के लिए लगाई गईं वाशिंग मशीनें

27 नवम्बर से ही किसान यहां पर धरने पर बैठे हैं और आंदोलन कर रहे हैं. आपको बता दें कि वाशिंग मशीन से पहले यहां खाने का लंगर और रहने के लिए टेंट आदि की व्यवस्था की जा चुकी है.

नई दिल्ली: सिंघु बॉर्डर की तरह टिकरी बॉर्डर पर भी किसानों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाने लगी हैं. यहां किसान 27 नवंबर से धरने पर बैठे हुए हैं. किसानों को कपड़े धुलने के लिए वाशिंग मशीन उपलब्ध कराई गई हैं. जिसमें लोग बारी-बारी से अपने कपड़े धुलवा रहे हैं.

टिकरी बॉर्डर पर लगाई गई वाशिंग मशीनें


27 नवंबर से शुरू हुआ था किसानों का आंदोलन
हरियाणा के बहादुरगढ़ और दिल्ली के मुंडका के बीच टिकरी बॉर्डर पर 27 नवंबर से किसान और जवान आमने-सामने हैं. पुलिस ने बैरिकेड लगाकर पूरी तरह से टिकरी बॉर्डर को 27 नवंबर से ही बंद कर दिया था. हालांकि किसानों का आंदोलन 26 नवंबर से शुरू किया गया था. जिसके चलते यहां पर पुलिस ने 26 नवम्बर से ही मोर्चाबंदी कर दी थी. लेकिन 27 नवंबर से इस रास्ते को पूरी तरह बंद कर दिया गया था.


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किसानों के लिए लगाई गईं वाशिंग मशीनें

27 नवम्बर से ही किसान यहां पर धरने पर बैठे हैं और आंदोलन कर रहे हैं. आपको बता दें कि वाशिंग मशीन से पहले यहां खाने का लंगर और रहने के लिए टेंट आदि की व्यवस्था की जा चुकी है.

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