नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में अतिक्रमण एक बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है, जिसका स्थाई समाधान फिलहाल होता नहीं दिख रहा है. विशेष रूप से दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों के बाहर अतिक्रमण होने की वजह से ट्रैफिक जाम जैसी समस्या का भी सामना करना पड़ता है. दिल्ली के मंगोलपुरी स्थित संजय गांधी अस्पताल के बाहर की स्थिति भी कुछ इसी तरह की बनी हुई है, जहां अस्पताल प्रशासन द्वारा तो कई प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन ये प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं. अस्पताल के बाहर आसपास आधी सड़क अतिक्रमण को भेट चढ़ जाती है. बावजूद इसके यहां ट्रैफिक पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती. शायद प्रशासन भी किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है.
दरअसल, संजय गांधी अस्पताल के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉ. एसके अरोड़ा द्वारा अस्पताल परिसर के बाहर अतिक्रमण को समाप्त करने के लिए कई सार्थक कदम तो उठाए गए, लेकिन इन तमाम प्रयासों के बावजूद अस्पताल के बाहर अतिक्रमण समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है. अस्पताल परिसर के बाहर बड़ी संख्या में ई-रिक्शा का जमावड़ा लगना सिविक एजेंसियों की नाकामयाबी को दिखा रहा है. इस ओर ट्रैफिक पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्रवाई ना किया जाना.
ट्रैफिक पुलिस की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान खड़े कर रहा है. इस बाबत अस्पताल के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉ. एस.के. अरोड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने इस संबंध में कई बार ट्रैफिक पुलिस, एमसीडी से लेकर जिला प्रशासन को अवगत कराया है, लेकिन सिविक एजेंसियों की तरफ से ढुलमुल रवैया अपनाया गया है. नतीजतन अस्पताल के बाहर स्थिति जस की तस बनी हुई है.
यहां अस्पताल के बाहर अक्सर बड़ी संख्या में ई रिक्शा का जमावड़ा लगा रहता है, जिससे कई बार यातायात व्यवस्था भी बाधित हो जाती है. संबंधित विभाग इस ओर मानो आंख मूंद कर बैठा है. ऐसे में देखना लाजमी होगा कि प्रशासन कब तक अपनी आंखे खोलता है और इस अतिक्रमण की ओर अपना ध्यान आकर्षित करता है. साथ ही इस संबंध में ट्रैफिक पुलिस की भूमिका भी जरूर देखने वाली होगी.
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