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किसान आंदोलन: आर्ट और पेंटिंग से सरकार तक किसानों की आवाज पहुंचाने की अनूठी पहल

दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में डटे किसानों का भगत सिंह क्रांति दल के छात्रों ने अपनी कला के जरिए समर्थन किया. उन्होंने आर्ट और पेंटिंग के जरिए सरकार तक किसानों की आवाज पहुंचाने की अनूठी कोशिश की.

students  of bhagat singh kranti dal support farmers at singhu border
किसानों के समर्थन में उतरे छात्र
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Published : Dec 17, 2020, 10:00 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में फिल्मी जगत से लेकर बड़े-बड़े दल किसानों का समर्थन करने के लिए आगे आ रहे है. ऐसा ही कुछ अलग तरीके से समर्थन सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलनकारियों भगत सिंह क्रांति दल के लोगों ने किया. आंदोलन पिछले 22 दिनों से दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर नए कृषि कानून बिल को रद्द करने की मांग के लिए चल रहा है. भगत सिंह क्रांति दल के छात्र आर्ट और पेंटिंग के जरिए सरकार तक किसानों की आवाज पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.

किसानों के समर्थन में उतरे छात्र

विभिन्न तरीके से किया समर्थन

ईटीवी भारत से बात करते हुए भगत सिंह क्रांति दल की सदस्या मोनिका ने बताया कि किसान आंदोलन का समर्थन करने के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र जो भगत सिंह क्रांति दल से जुड़े हुए हैं, वह भी इनका सहयोग करने के लिए सिंघु बॉर्डर पर आए हुए हैं. यहां पर 26 नवंबर से ही इन लोगों की टीम मौजूद है, जो पेंटिंग और आर्ट के माध्यम से किसानों की आवाज सरकार तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है. कहीं ना कहीं इन छात्रों के परिवार भी किसानी से संबंध रखते हैं और किसानों की अहमियत को समझते हुए यह लोग भी इनका दूसरे विभिन्न तरीके से समर्थन कर रहे हैं.

'किसान अपनी फसल को बच्चों से भी ज्यादा करता प्यार'

भगत सिंह क्रांति दल की सदस्य मोनिका ने बताया कि किसान फसल को अपनी संतानों से भी ज्यादा अहमियत देता है और सरकार ने नए कृषि कानून बिल को सरकारों पर थोप कर किसानों को कहीं ना कहीं दबाने की कोशिश की है. जिसके चलते यह लोग सरकार से नए कृषि कानून बिल को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. पोस्टरों में भी पेंटिंग के माध्यम से किसानों का शोषण होते हुए दिखाया गया है, किसी पोस्टर में किसान एक छोटे बच्चे की तरह अपनी फसल को गोद में उठाए हुए हैं तो दूसरे पोस्टर में सरकार के पंजे में किसान दबा कुचला खुद को महसूस कर रहे हैं.

छात्रों के परिवार भी किसानी से जुड़े

इन तस्वीरों के माध्यम से यह दल भी सरकार तक किसानों की आवाज पहुंचाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन कब तक सरकार के कानों तक इन लोगों की आवाज पहुंचेगी और यह लोग भी आंदोलन के चलने तक इसी तरह इनका सहयोग करते रहेंगे. इस आंदोलन में इन छात्रों के परिवार के लोग भी अप्रत्यक्ष रूप से किसानों से जुड़े हुए हैं, तभी यह बच्चे भी आंदोलन में किसानों का सहयोग करने के लिए बॉर्डर पर आए हुए हैं.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में फिल्मी जगत से लेकर बड़े-बड़े दल किसानों का समर्थन करने के लिए आगे आ रहे है. ऐसा ही कुछ अलग तरीके से समर्थन सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलनकारियों भगत सिंह क्रांति दल के लोगों ने किया. आंदोलन पिछले 22 दिनों से दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर नए कृषि कानून बिल को रद्द करने की मांग के लिए चल रहा है. भगत सिंह क्रांति दल के छात्र आर्ट और पेंटिंग के जरिए सरकार तक किसानों की आवाज पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.

किसानों के समर्थन में उतरे छात्र

विभिन्न तरीके से किया समर्थन

ईटीवी भारत से बात करते हुए भगत सिंह क्रांति दल की सदस्या मोनिका ने बताया कि किसान आंदोलन का समर्थन करने के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र जो भगत सिंह क्रांति दल से जुड़े हुए हैं, वह भी इनका सहयोग करने के लिए सिंघु बॉर्डर पर आए हुए हैं. यहां पर 26 नवंबर से ही इन लोगों की टीम मौजूद है, जो पेंटिंग और आर्ट के माध्यम से किसानों की आवाज सरकार तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है. कहीं ना कहीं इन छात्रों के परिवार भी किसानी से संबंध रखते हैं और किसानों की अहमियत को समझते हुए यह लोग भी इनका दूसरे विभिन्न तरीके से समर्थन कर रहे हैं.

'किसान अपनी फसल को बच्चों से भी ज्यादा करता प्यार'

भगत सिंह क्रांति दल की सदस्य मोनिका ने बताया कि किसान फसल को अपनी संतानों से भी ज्यादा अहमियत देता है और सरकार ने नए कृषि कानून बिल को सरकारों पर थोप कर किसानों को कहीं ना कहीं दबाने की कोशिश की है. जिसके चलते यह लोग सरकार से नए कृषि कानून बिल को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. पोस्टरों में भी पेंटिंग के माध्यम से किसानों का शोषण होते हुए दिखाया गया है, किसी पोस्टर में किसान एक छोटे बच्चे की तरह अपनी फसल को गोद में उठाए हुए हैं तो दूसरे पोस्टर में सरकार के पंजे में किसान दबा कुचला खुद को महसूस कर रहे हैं.

छात्रों के परिवार भी किसानी से जुड़े

इन तस्वीरों के माध्यम से यह दल भी सरकार तक किसानों की आवाज पहुंचाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन कब तक सरकार के कानों तक इन लोगों की आवाज पहुंचेगी और यह लोग भी आंदोलन के चलने तक इसी तरह इनका सहयोग करते रहेंगे. इस आंदोलन में इन छात्रों के परिवार के लोग भी अप्रत्यक्ष रूप से किसानों से जुड़े हुए हैं, तभी यह बच्चे भी आंदोलन में किसानों का सहयोग करने के लिए बॉर्डर पर आए हुए हैं.

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