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भलस्वा डेयरी: करोड़ों की लागत से बनने वाले बायोगैस प्लांट का रियलिटी चेक

राजधानी के भलस्वा डेरी गांव में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के द्वारा गोबर गैस प्लांट बनाया जा रहा है. जिसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर रियलिटी चेक किया. पढ़े पूरी खबर

Reality check of biogas plant to be built in Bhalswa dairy by north mcd
15 करोड़ की लागत से गोबर गैस प्लांट
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Published : Aug 31, 2020, 6:58 PM IST

नई दिल्ली: उत्तरी पश्चिमी लोकसभा के भलस्वा डेरी गांव में दिल्ली नगर निगम और एक एजेंसी द्वारा गोबर गैस प्लांट बनाया जा रहा है. जिसकी लागत करीब 15 करोड़ रुपये है. गोबर गैस प्लांट का शिलान्यास लोकसभा सांसद हंसराज हंस, सांसद मनोज तिवारी, पूर्व रोहिणी जिला अध्यक्ष नील दमन खत्री, मेयर जयप्रकाश, स्थानीय निगम पार्षद विजय भगत व तमाम भाजपा के पदाधिकारी ओर कार्यकर्ता इस मौके पर मौजूद रहे.

15 करोड़ की लागत से गोबर गैस प्लांट

शिलान्यास के समय निर्माणकार्य की तय समय सीमा 15 महीने रखी गई लेकिन अब 14 महीने बीत जाने के बाद भी यहां पर मात्र एक दीवार ही दिखाई दे रही है, उसके अलावा अभी यहां पर कुछ भी काम नहीं किया गया.

15 करोड़ की लागत से गोबर गैस प्लांट

ईटीवी भारत की टीम ने भलस्वा इलाके में बन रहे गोबर गैस प्लांट का रियलिटी चेक किया. देखा कि इलाके में बहुत सारी गाय-भैंसों की डेरिया हैं, जिनके लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम और एजेंसी के साथ मिलकर 15 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले गोबर गैस प्लांट के नाम पर अभी तक 14 महीने बाद केवल थोड़े से इलाके में चारदीवारी के नाम पर एक ही दीवार ही खड़ी की गई है. जिस जगह पर गोबर गैस प्लांट बनना है उस जमीन पर अभी गंदगी का अंबार लगा हुआ है और इलाके के लोग उसे गंदगी में रहने को मजबूर हैं.

नॉर्थ एमसीडी और एजेंसी द्वारा बनाया जाएगा बायोगैस प्लांट

बताया जा रहा है कि इस गोबर गैस प्लांट के बनाने में साढे तीन करोड़ रूपए दिल्ली नगर निगम द्वारा लगाए जाएंगे और बाकी का पैसा एजेंसी के द्वारा लगाया जाएगा और इससे बनने वाली गैस और बिजली को बेचकर कंपनी अपना पैसा कमाएगी. प्लांट बनने से इलाके के लोगों को काफी फायदा भी मिलेगा, क्योंकि इलाके में बहुत बड़ी संख्या में गाय-भैंसों की की डेयरी है. जिनका गोबर गोबर गैस प्लांट के अधिकारी डेरी मालिकों से खरीदेंगे और उससे गैस से इलाके के लिए बिजली बनाई जाएगी.

निर्माण कार्य तय समय सीमा से लेट

इस मामले पर बात करते हुए मुकुंदपुर निगम पार्षद और स्थाई समिति के सदस्य अजय शर्मा ने बताया कि यहां पर नगर निगम के द्वारा एजेंसी के साथ मिलकर करीब 15 करोड़ रुपए की लागत से गोबर गैस प्लांट बनाया जा रहा है, जो अपनी तय समय सीमा से काफी लेट है. कंपनी के अधिकारियों ने अजय शर्मा को बताया कि यहां पर आधे से ज्यादा के करीब काम हो चुका है, लेकिन मौके पर पहुंचने के बाद यहां मात्र 5% दिखाई नहीं दिया. जबकि गोबर गैस प्लांट का शिलान्यास किसी अन्य जगह पर किया गया था और दूसरी जगह पर बनाया जा रहा है.

गोबर को झील में डाल रहे हैं इलाके के लोग

प्लांट के निर्माण कार्य में हो रही देरी के लेकर अजय शर्मा ने बताया कि पहले लॉकडाउन था, अब निर्माण कार्य का काम चल रहा है. लेकिन भाजपा शाषित निगम द्वारा यहां पर अभी कुछ भी नहीं कराया गया है. जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. गाय-भैंसों की डेयरी से निकलने वाले गोबर को इलाके के लोग भलस्वा झील में में डाल रहे हैं, जिससे झील की सुंदरता भी खराब हो रही है और अब इस मुद्दे को स्थाई समिति में उठाने की बात भी कर रहे हैं.

प्लांट के बनने से इलाके के लोगों को मिलेगा रोजगार

इलाके के लोग गोबर गैस प्लांट बनने से खुश हैं लेकिन उनमें इस बात की नाराजगी भी है कि सरकार जो वादे करती है उन्हें समय पर पूरा नहीं करती. जल्द से जल्द यहां पर गोबर गैस प्लांट बनाया जाए और डेरियों से निकलने वाले गोबर का प्रयोग भी किसी अच्छे कार्य में किया जाए. जिससे इलाके के लोगों को भी रोजगार मिले और भलस्वा झील की सुंदरता भी खराब ना हो.

नई दिल्ली: उत्तरी पश्चिमी लोकसभा के भलस्वा डेरी गांव में दिल्ली नगर निगम और एक एजेंसी द्वारा गोबर गैस प्लांट बनाया जा रहा है. जिसकी लागत करीब 15 करोड़ रुपये है. गोबर गैस प्लांट का शिलान्यास लोकसभा सांसद हंसराज हंस, सांसद मनोज तिवारी, पूर्व रोहिणी जिला अध्यक्ष नील दमन खत्री, मेयर जयप्रकाश, स्थानीय निगम पार्षद विजय भगत व तमाम भाजपा के पदाधिकारी ओर कार्यकर्ता इस मौके पर मौजूद रहे.

15 करोड़ की लागत से गोबर गैस प्लांट

शिलान्यास के समय निर्माणकार्य की तय समय सीमा 15 महीने रखी गई लेकिन अब 14 महीने बीत जाने के बाद भी यहां पर मात्र एक दीवार ही दिखाई दे रही है, उसके अलावा अभी यहां पर कुछ भी काम नहीं किया गया.

15 करोड़ की लागत से गोबर गैस प्लांट

ईटीवी भारत की टीम ने भलस्वा इलाके में बन रहे गोबर गैस प्लांट का रियलिटी चेक किया. देखा कि इलाके में बहुत सारी गाय-भैंसों की डेरिया हैं, जिनके लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम और एजेंसी के साथ मिलकर 15 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले गोबर गैस प्लांट के नाम पर अभी तक 14 महीने बाद केवल थोड़े से इलाके में चारदीवारी के नाम पर एक ही दीवार ही खड़ी की गई है. जिस जगह पर गोबर गैस प्लांट बनना है उस जमीन पर अभी गंदगी का अंबार लगा हुआ है और इलाके के लोग उसे गंदगी में रहने को मजबूर हैं.

नॉर्थ एमसीडी और एजेंसी द्वारा बनाया जाएगा बायोगैस प्लांट

बताया जा रहा है कि इस गोबर गैस प्लांट के बनाने में साढे तीन करोड़ रूपए दिल्ली नगर निगम द्वारा लगाए जाएंगे और बाकी का पैसा एजेंसी के द्वारा लगाया जाएगा और इससे बनने वाली गैस और बिजली को बेचकर कंपनी अपना पैसा कमाएगी. प्लांट बनने से इलाके के लोगों को काफी फायदा भी मिलेगा, क्योंकि इलाके में बहुत बड़ी संख्या में गाय-भैंसों की की डेयरी है. जिनका गोबर गोबर गैस प्लांट के अधिकारी डेरी मालिकों से खरीदेंगे और उससे गैस से इलाके के लिए बिजली बनाई जाएगी.

निर्माण कार्य तय समय सीमा से लेट

इस मामले पर बात करते हुए मुकुंदपुर निगम पार्षद और स्थाई समिति के सदस्य अजय शर्मा ने बताया कि यहां पर नगर निगम के द्वारा एजेंसी के साथ मिलकर करीब 15 करोड़ रुपए की लागत से गोबर गैस प्लांट बनाया जा रहा है, जो अपनी तय समय सीमा से काफी लेट है. कंपनी के अधिकारियों ने अजय शर्मा को बताया कि यहां पर आधे से ज्यादा के करीब काम हो चुका है, लेकिन मौके पर पहुंचने के बाद यहां मात्र 5% दिखाई नहीं दिया. जबकि गोबर गैस प्लांट का शिलान्यास किसी अन्य जगह पर किया गया था और दूसरी जगह पर बनाया जा रहा है.

गोबर को झील में डाल रहे हैं इलाके के लोग

प्लांट के निर्माण कार्य में हो रही देरी के लेकर अजय शर्मा ने बताया कि पहले लॉकडाउन था, अब निर्माण कार्य का काम चल रहा है. लेकिन भाजपा शाषित निगम द्वारा यहां पर अभी कुछ भी नहीं कराया गया है. जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. गाय-भैंसों की डेयरी से निकलने वाले गोबर को इलाके के लोग भलस्वा झील में में डाल रहे हैं, जिससे झील की सुंदरता भी खराब हो रही है और अब इस मुद्दे को स्थाई समिति में उठाने की बात भी कर रहे हैं.

प्लांट के बनने से इलाके के लोगों को मिलेगा रोजगार

इलाके के लोग गोबर गैस प्लांट बनने से खुश हैं लेकिन उनमें इस बात की नाराजगी भी है कि सरकार जो वादे करती है उन्हें समय पर पूरा नहीं करती. जल्द से जल्द यहां पर गोबर गैस प्लांट बनाया जाए और डेरियों से निकलने वाले गोबर का प्रयोग भी किसी अच्छे कार्य में किया जाए. जिससे इलाके के लोगों को भी रोजगार मिले और भलस्वा झील की सुंदरता भी खराब ना हो.

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