ETV Bharat / state

बारिश ने दिल्ली देहात में भी फसल को किया बर्बाद, किसान सरकार से लगा रहे गुहार

author img

By

Published : Apr 7, 2023, 7:59 PM IST

दिल्ली और आसपास के इलाकों में हुई झमाझम बारिश ने किसानों की फसल को तबाह कर दिया है. देशभर के साथ दिल्ली में भी किसान इस आर्थिक दुर्दशा का दंश झेल रहे हैं. दिल्ली देहात जैसे कंझावला, बवाना, कुतुबगढ़ और आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की लगभग 80 से 90 प्रतिशत फसल बर्बाद हो गई है. किसान अब सरकार से राहत की गुहार लगा रहे हैं.

Etv BharatD
Etv BharatD
बारिश की वजह से किसानों की फसल बर्बाद

नई दिल्ली: दिल्ली में बीते दिनों हुई झमाझम बरसात ने देशभर के लोगों का पेट भरने वाले अन्नदताओं यानि कि किसानों की आर्थिक कमर को तोड़ दिया है. बरसात के बाद किसानों की फसल जो लगभग पककर तैयार थी, वो पूरी तरह से तबाह हो गई है, जिससे अब किसानों के सामने अपने ही परिवार का पालन पोषण करना एक चुनौती की तरह हो गई है. दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में मसलन कंझावला, कुटुबगढ़ के किसानों की आर्थिक दुर्दशा कुछ ऐसी ही हो गई है. इन किसानों की गेहूं की फसल बरसात के कारण बर्बाद हो गई है.

कोरोना जैसी महामारी के बाद इस आपदा ने किसानों की बची हुई आर्थिक कमर को भी तोड़ कर रख दिया है. खेतों में गिरी हुई गेहूं की फसल किसानों के दर्द को बयान करने का काम कर रहा है. करीब 80 फीसदी फसल पूरी तरह से खराब हो गई है. किसानों को इस बार की फसल से बहुत ज्यादा उम्मीदें थी, लेकिन बरसात के कारण ये उम्मीद निराशा में बदल गई हैं.

इस संबंध में दिल्ली देहात से जुड़े किसानों का कहना है कि उनकी फसल पककर तैयार है और जल्द इसकी कटाई की जानी थी, लेकिन बेसौम हुई बरसात ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. किसानों का कहना है कि फसल बर्बाद होने से उनकी मूल लागत भी नहीं निकल पाई है. हालांकि अब किसान सरकार की ओर देख रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार किसानों के लिए कोई राहत पैकेज की घोषणा करेगी, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक किसानों के लिए कोई राहत नहीं दी गई है.

इस संबंध में किसानों का कहना है कि उन्होंने शासन और प्रशासन से मुआवजे के लिए गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक उन्हें केवल आश्वासन के कुछ भी नहीं मिला है. किसानों ने बताया कि अब गेहूं की कटाई में ज्यादा मेहनत और लागत लगेगी, जो किसानों को और परेशान करेगी. इसके अलावा यदि जल्दी से इस फसल को हटाया नहीं गया तो इससे जमीन की उर्वरक क्षमता का खतरा भी बढ़ जाएगा.

इसे भी पढ़ें: UP Nikay Chunav 2023: 'हाउस टैक्स हाफ-वाटर टैक्स माफ' नारे के साथ UP निकाय चुनाव में उतरेगी AAP

गौरतलब है कि बेमौसम बारिश की वजह से दिल्ली देहात के खेतों में एक साल पहले भी फसलें खराब हो गईं थीं. इस वजह से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था और वे कर्जे में भी डूब गए थे. हालांकि किसानों के लिए इस तरह की फसल की बर्बादी कोई नई बात नहीं है, लेकिन हर इन किसानों को अभी तक सरकार की ओर से कोई उम्मीद नहीं दिख रही है. किसान आज भी सरकार की तरफ एक उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है.

इसे भी पढ़ें: Clean Yamuna Initiative: यमुना में ट्रीटेड वॉटर पहुंचाने के लिए 5 प्वाइंट एक्शन प्लान तैयार, 2025 तक हो जाएगा साफ

बारिश की वजह से किसानों की फसल बर्बाद

नई दिल्ली: दिल्ली में बीते दिनों हुई झमाझम बरसात ने देशभर के लोगों का पेट भरने वाले अन्नदताओं यानि कि किसानों की आर्थिक कमर को तोड़ दिया है. बरसात के बाद किसानों की फसल जो लगभग पककर तैयार थी, वो पूरी तरह से तबाह हो गई है, जिससे अब किसानों के सामने अपने ही परिवार का पालन पोषण करना एक चुनौती की तरह हो गई है. दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में मसलन कंझावला, कुटुबगढ़ के किसानों की आर्थिक दुर्दशा कुछ ऐसी ही हो गई है. इन किसानों की गेहूं की फसल बरसात के कारण बर्बाद हो गई है.

कोरोना जैसी महामारी के बाद इस आपदा ने किसानों की बची हुई आर्थिक कमर को भी तोड़ कर रख दिया है. खेतों में गिरी हुई गेहूं की फसल किसानों के दर्द को बयान करने का काम कर रहा है. करीब 80 फीसदी फसल पूरी तरह से खराब हो गई है. किसानों को इस बार की फसल से बहुत ज्यादा उम्मीदें थी, लेकिन बरसात के कारण ये उम्मीद निराशा में बदल गई हैं.

इस संबंध में दिल्ली देहात से जुड़े किसानों का कहना है कि उनकी फसल पककर तैयार है और जल्द इसकी कटाई की जानी थी, लेकिन बेसौम हुई बरसात ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. किसानों का कहना है कि फसल बर्बाद होने से उनकी मूल लागत भी नहीं निकल पाई है. हालांकि अब किसान सरकार की ओर देख रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार किसानों के लिए कोई राहत पैकेज की घोषणा करेगी, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक किसानों के लिए कोई राहत नहीं दी गई है.

इस संबंध में किसानों का कहना है कि उन्होंने शासन और प्रशासन से मुआवजे के लिए गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक उन्हें केवल आश्वासन के कुछ भी नहीं मिला है. किसानों ने बताया कि अब गेहूं की कटाई में ज्यादा मेहनत और लागत लगेगी, जो किसानों को और परेशान करेगी. इसके अलावा यदि जल्दी से इस फसल को हटाया नहीं गया तो इससे जमीन की उर्वरक क्षमता का खतरा भी बढ़ जाएगा.

इसे भी पढ़ें: UP Nikay Chunav 2023: 'हाउस टैक्स हाफ-वाटर टैक्स माफ' नारे के साथ UP निकाय चुनाव में उतरेगी AAP

गौरतलब है कि बेमौसम बारिश की वजह से दिल्ली देहात के खेतों में एक साल पहले भी फसलें खराब हो गईं थीं. इस वजह से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था और वे कर्जे में भी डूब गए थे. हालांकि किसानों के लिए इस तरह की फसल की बर्बादी कोई नई बात नहीं है, लेकिन हर इन किसानों को अभी तक सरकार की ओर से कोई उम्मीद नहीं दिख रही है. किसान आज भी सरकार की तरफ एक उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है.

इसे भी पढ़ें: Clean Yamuna Initiative: यमुना में ट्रीटेड वॉटर पहुंचाने के लिए 5 प्वाइंट एक्शन प्लान तैयार, 2025 तक हो जाएगा साफ

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.