नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की बवाना विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली डीडीए कॉलोनी में पिछले लगभग 13 सालों से पानी की किल्लत है. कॉलोनी में पीने के पानी की सुविधा न होने के कारण स्थानीय लोग दूसरे ब्लॉक से पानी लाकर गुजारा कर रहे हैं. ऐसे हालात में लोग कैसे जीवन बिता रहे. पढ़ें इस खबर में...
स्थानीय महिलाओं ने पीने के पानी की समस्या बताते हुए कहा कि हम लोग बोरिंग का पानी पीने को मजबूर हो रहे हैं. जल बोर्ड के टैंकर भी नहीं आते. कभी आते भी है तो झुग्गियों में आते है. जहां से सभी पानी भरकर लाना होता है, लेकिन उतने पानी से भी गुजारा नहीं चलता. इस कारण हम बोरिंग का पानी पी कर ही जीवन काट रहे हैं.
किल्लत होने पर खरीदते हैं पानी
इलाके की महिलाओं का कहना है कि परिवार के सदस्यों के हिसाब से प्यास बुझाने को जुटाया गया पानी कम पड़ जाता है, तो ऐसे में ज्यादातर परिवार पीने का पानी खरीदने को मजबूर हो जा रहे हैं. जिसका असर बढ़ती महंगाई में जेब पर भी पड़ता है. जबकि अभी मौसम ठीकठाक है. गर्मियों में तो यहां और भी बुरे हालात हो जाते हैं.
चरमराई सफाई व्यवस्था
स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां सफाई व्यस्था इतनी बदहाल स्तिथी में है कि हर जगह गंदगी है. सड़कों और नालियों में पानी ही पानी भरा है. सफाईकर्मी इलाके की सफाई करने भी नहीं आते.
बढ़ रहा बीमारियों का खतरा
लोगो का कहना है एक तरफ तो बोरिंग का मैला पानी हमें बीमार बना रहा है तो दूसरी ओर सफाई की बिगड़ती व्यवस्था हमें और भी बीमार बना दे रही है. हर तरफ फैली गंदगी से कई गंभीर बीमारियों के फैलने का डर लगा रहता है.
पाइप लाइन होने के बाद भी नहीं है पानी
पानी की पाइप लाइन होने के बाद भी केजरीवाल सरकार पानी की सुविधा मुहैया नहीं करवा पा रही है. लोगों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. हर कोई नेता एक दूसरे पर जिम्मेदारी का ठिकरा फोड़ पल्ला झाड लेता है.