नई दिल्ली: राजधानी के शाहबाद डेयरी स्थित शमशान घाट पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर जय प्रकाश ने गो पराली प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया. गो पराली प्रोजेक्ट के तहत गोबर और पराली की लकड़ियां तैयार की जा रही हैं, जिसका उपयोग शव के अंतिम संस्कार के लिए किया जाएगा. महापौर जयप्रकाश ने इस प्रोजेक्ट को पर्यावरण संरक्षण के लिए सराहनीय बताया.
पर्यावरण संरक्षण में मिलेगी मदद
दिल्ली में कोरोना महामारी का कहर लगातार जारी है, जिसकी वजह से रोजाना सैकड़ों मौतें हो रही हैं. शवों के अंतिम संस्कार में होने वाले प्रदूषण को कम करने और लकड़ी की कमी को देखते हुए उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने गो पराली के नाम के एक प्रोजेक्ट की शुरुआत की है. इसके तहत गोबर और पराली से लकड़ियां तैयार की जा रही हैं. जिसका उपयोग शवों के अंतिम संस्कार के लिए किया जाएगा. इस लकड़ी से न सिर्फ लकड़ी की कमी को पूरा किया जा सकेगा बल्कि पर्यावरण संरक्षण भी किया जा सकेगा.

ये भी पढ़ेंः दिल्ली में 17 मई तक बढ़ा लॉकडाउन, मेट्रो भी रहेगी बंद
सभी श्मशान घाटों में की जाएगी व्यवस्था
महापौर जय प्रकाश ने बताया कि इससे रोजाना 200 से 300 किलो लकड़ी के डंडे तैयार किए जा सकेंगे. इस प्रोजेक्ट के जरिए, जहां एक ओर पर्यावरण सुरक्षित रहेगा. वहीं दूसरी ओर अचानक से आई लकड़ी की कमी को भी दूर किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि अभी इसकी शुरुआत की गई है. धीरे-धीरे इस प्रोजेक्ट का विस्तार उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले सभी श्मशान घाट में किया जाएगा.