नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में भी ऐसा डीटीसी बस टर्मिनल है, जो शायद किसी गांव के बस स्टैंड भी बदतर है. कुछ ऐसा ही हाल नरेला डीटीसी बस टर्मिनल का है. बस टर्मिनल पर ना तो सवारियों के लिए खड़े होने के लिए कोई बस शेल्टर है और ना ही महिला व पुरुष यात्रियों के लिए शौचालय की व्यवस्था है. ईटीवी भारत की टीम बस टर्मिनल का जायजा लेने पहुंची.
पड़ताल में लगा हुआ मिला ताला
ईटीवी भारत की टीम ने नरेला बस टर्मिनल पर जाकर पड़ताल की और पड़ताल में पाया कि नरेला बस टर्मिनल के महिला शौचालय पर काफी लंबे समय से ताला लगा हुआ है और पुरुष शौचालय की हालत भी बद से बदतर है. लोगों ने ईटीवी भारत के साथ अपनी समस्याओं को साझा किया.
कई बार की शिकायत
डीटीसी में काम करने वाली महिला दर्शना ने बताया कि कई बार विभाग को इस बारे में लिख कर दिया गया. स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी शिकायत की गई, लेकिन किसी का भी ध्यान हमारी परेशानियों पर नहीं गया. शौच करने के लिए दूसरी जगह पर जाना पड़ता है. पुरुष यात्री या पुरुष कर्मचारी तो खुले में शौच कर लेते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी महिला कर्मचारियों ओर सवारियों को होती है.
गंदी बदबू और टूटे यूरिनल
फेडरेशन ऑफ नरेला के अध्यक्ष जोगिंदर दहिया ने बताया कि फेडरेशन के काफी लंबे पत्र व्यवहार के बाद डीटीसी विभाग ने बस टर्मिनल पर शौचालय बनाए. लेकिन अब इनकी हालत बहुत ही खराब हो गई है. महिला शौचालय पर लंबे समय से ताला लगा हुआ है और पुरुष शौचालय की हालत बेहद खराब है. गंदी बदबू आती है और अंदर यूरिनल भी टूटे हुए पड़े हैं. स्थानीय विधायक से भी कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं है.