नई दिल्ली: पीढ़ी दर पीढ़ी बदली लेकिन आज भी दिल्ली के नरेला बस टर्मिनल की स्थिति कई सालों से वाकई में खराब है. जिस जगह पर टर्मिनल बनाया गया है, वहां पहले तालाब हुआ करता था. जब बरसात के समय आता है तो टर्मिनल की हालत बद से बदतर हो जाती है.
शिकायत के बाद नहीं हुआ समाधान
बस टर्मिनल के पास रहने वाले लोगों ने बताया कि बस टर्मिनल में मिट्टी होने की वजह से धूल भरी आंधियां चलती है. फिर लोगों के घरों में मिट्टी घुस जाती है. जिससे बुजुर्गों और बच्चों को सांस लेने में काफी दिक्कत होती है. कई बार स्थानीय विधायक और डीटीसी के कर्मचारियों से भी शिकायत की गई, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ. शिकायत के लिए अधिकारियों से लेकर उपराज्यपाल तक से भी मुलाकात की गई, लेकिन कहीं से भी समाधान होता नजर नहीं आ रहा है.
लोगों को हो रही परेशानी
इलाके मे रहने वाले बुजुर्ग सुखबीर सिंह ने बताया कि गर्मी और बरसात के दिनों में यहां के हालात बहुत ही खराब हो जाते हैं. लोगों को अपने घरों तक पहुंचने में बहुत परेशानी होती है. बुजुर्ग, बच्चों और बीमार लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्थानीय 'आप' विधायक शरद चौहान से भी शिकायत की गई. लेकिन वह भी समस्या का समाधान कराने में असमर्थ है. पहले यह जमीन जहां पर डीटीसी का बस टर्मिनल बना हुआ है यह तालाब था. ग्राम सभा की जमीन होने के कारण दिल्ली सरकार ने यहां पर बस टर्मिनल बना दिया. बसों की सुविधा तो इलाके के लोगों को मिल रही है, लेकिन हालात बहुत खराब है.