नई दिल्ली: दिल्ली में यमुना की सफाई के नाम पर हर साल दिल्ली सरकार करोड़ों रुपये खर्च करती है, लेकिन उसके बावजूद भी यमुना की स्थिति बदहाल है. दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारी घरों से निकलने वाले कूड़े की गाड़ियां भरकर यमुना में डालते हैं.
कई बार शिकायत करने के बावजूद दिल्ली नगर निगम अपने निगम पार्षद और सफाई कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. जिसकी वजह से यमुना प्रदूषित हो रही है. ये आरोप बुराड़ी के स्थानीय लोगों द्वारा लगाए जा रहे हैं.
सालों से यमुना किनारे डाला जा रहा है कूड़ा
बुराड़ी इलाके में यमुना किनारे पुश्ते के पास लगातार कई सालों से दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारी घरों से निकलने वाला कूड़ा लाकर डालते रहे हैं. जिसकी वजह से यमुना की स्थिति बदहाल होती जा रही है. साथ ही आसपास के रहने वाले लोग भी अपने घरों से कूड़ा निकालकर यमुना के किनारे डालते हैं.
शिकायत के बाद भी नहीं है निगम का ध्यान
स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायत की लेकिन उसके बावजूद भी अभी तक सफाई कर्मचारियों की ओर से यमुना किनारे कूड़ा डालना जारी है. जबकि दिल्ली सरकार हर साल सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करती है. उसके बाद भी यमुना की स्थिति बदहाल है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि सफाई कर्मचारी ही यमुना को प्रदूषित करने में लगे हुए हैं.
जलीय जीवों को हो रहा है नुकसान
लोगों ने बताया कि जब यमुना का जलस्तर बढ़ता है, तो पुश्ते के किनारे पड़ा और कूड़ा बहकर यमुना में चला जाता है. जिससे यमुना में छोटी-छोटी मछलियां मर जाती हैं और जलीय जीवों को काफी नुकसान होता है.
'यमुना का पानी लोगों के पीने लायक होगा!'
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम दोनों मिलकर यमुना की सफाई पर ध्यान दें, तो वो दिन दूर नहीं जब यमुना साफ होगी और यमुना का पानी लोगों के पीने लायक होगा.