नई दिल्ली: दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर मंगलवार को सैलरी की मांग को लेकर कई इमाम व मौलवी (Imam and Maulvi reached Chief Ministers residence) पहुंचे. अलग-अलग मस्जिदों के मौलवी और इमामों का आरोप है कि दिल्ली सरकार ने पिछले 8 महीने से उनकी सैलरी नहीं दी है, जिसकी वजह से इन लोगों को मुख्यमंत्री आवास पर मजबूरन आना पड़ा. इन लोगों का यह भी कहना है कि यदि सरकार ने उन्हें सैलरी नहीं दी तो वह और बड़ी संख्या में आकर धरना प्रदर्शन करेंगे.
दिल्ली सरकार लगातार इमामों ओर मदरसों के मौलवियों को दी जाने वाली सैलरी को लेकर अक्सर विवादों में रहती है. वहीं अब दावा किया जा रहा है कि दिल्ली सरकार की ओर से इमाम और मौलवियों को सैलरी नहीं मिल रही है. इसकी मांग को लेकर सभी लोग प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे. उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री को इस बाबत ज्ञापन भी सौंपेंगे और यदि मुख्यमंत्री उनकी बात नहीं सुनते तो सभी मस्जिदों के इमाम और मौलवी इकट्ठा होकर मुख्यमंत्री आवास पर धरना प्रदर्शन करेंगे.
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इस बारे में ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्याक्ष मोहम्मद साजिद रशीदी ने कहा कि, सरकार किसी भी पक्ष को सैलरी दे, उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. लेकिन मस्जिदों में काम करने वाले मौलवी और मौलानाओं को सैलरी दी जानी चाहिए. पिछले आठ महीनों से सैलरी नहीं मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ रहा है, घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है. उनके अलावा मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे एक अन्य इमाम ने कहा कि हम इस बात के हक में हैं कि पुजारियों एवं अन्य धर्मों के काम करने वाले लोगों को भी सैलरी मिले, लेकिन हमें इस बात से परेशानी है कि हम अपने खर्च के लिए कहां से पैसे लाएं.