नई दिल्ली: नॉर्थ वेस्ट दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में नगर निगम के शौचालय पर सालों से ताला लटका हुआ है. स्थानीय लोगों ने कई बार अपने प्रतिनिधियों से शिकायत भी की लेकिन कोई भी ताला खोलने को तैयार नहीं है. शौचालय के ऊपर रखी हुई पानी की टंकी और पाइप लाइन भी गायब है. इलाके के लोग शौचालय पर ताला लटका होने की वजह से परेशान हैं और खुले में शौच करने को मजबूर हैं.
चार सालों से शौचालयों पर लटका है ताला
ईटीवी भारत ने 2 साल पहले भी प्रमुखता के साथ इस खबर को चलाया था, तब भी दिल्ली नगर निगम का ताला इन शौचालयों पर ताला लटका हुआ था और दो साल के बाद भी हालात ज्यों के त्यों हैं.
मंगोलपुरी इलाके के लोगों का कहना है कि दिल्ली नगर निगम की ओर से लाखों रुपये खर्च कर ये शौचालय करीब 4 साल पहले बनाए गए थे. आज तक सभी शौचालय पर ताला लटका हुआ है, कई बार इलाके की निगम पार्षद से शिकायत की, लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा है.
निवासियों ने बताया कि शौचालय के पीछे इलाके में बड़ा पार्क है. जिसमें सुबह-शाम सैर करने के लिए लोग आते हैं. अगर किसी महिला या बुजुर्ग को शौच आती है, तो वो खुले में शौच करते है या फिर अपने घर जाना पड़ता है. बावजूद इसके सड़क पर बने शौचालयों पर किसी प्रतिनिधि का ध्यान नहीं है.
'दिल्ली नगर निगम स्वच्छता अभियान का मखौल'
इलाके के लोगों का कहना है कि जब जनता के पैसे से इसी तरह शौचालय बनाए जाएंगे और उन पर ताला लगेगा, तो ऐसे शौचालय को बनाने का क्या फायदा. सड़क पर सभी तरह के पुरुष और महिलाएं आते-जाते हैं. बीमार महिलाएं भी सड़क से गुजरती है, तो शौचालय पर ताला लगा देखकर वो परेशान होती हैं और मजबूरी में सड़क किनारे खुले में शौच करने को मजबूर हो जाती है. जबकि देश के प्रधानमंत्री स्वच्छता अभियान पर जोर दे रहे हैं और वहीं दिल्ली नगर निगम स्वच्छता अभियान का मखौल उड़ा रही है.
'असामाजिक तत्वों की वजह से लगा है ताला'
वहीं इलाके की निगम पार्षद ने बताया कि असामाजिक तत्व के लोग यहां पर अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं. कई बार शौचालय की टंकियां और टोटियां तक उखाड़कर ले गए. जिसकी वजह से रात के समय पर ताला लगा दिया जाता है.
इलाके के लोगों का कहना है कि वजह चाहे कुछ भी हो. दिल्ली नगर निगम ने जनता के लिए सार्वजनिक शौचालय बनाए हैं. जिनका जनता प्रयोग कर सकती है. निगम की लापरवाही की वजह से ये शौचालय सालों से बंद पड़े हैं. अब इलाके के लोग निगम से मांग कर रहे हैं कि इन शौचालयों को खोला जाए ताकि लोग इनका प्रयोग कर सके.