नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल (Lieutenant Governor of Delhi) विनय कुमार सक्सेना ने शुक्रवार की रात दिल्ली के कुछ इलाकों के रैन बसेरों का दौरा किया और वहां रहने वाले लोगों से बात की. उन्होंने इन रैन बसेरों में स्वच्छता और शौचालयों की कमी को लेकर चिंता भी जाहिर की.
रैन बसेरों का औचक निरीक्षण : दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने बीती रात आईएसबीटी और हनुमान मंदिर के पास बने रैन बसेरों का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने इन रैन बसेरों में रात बिताने वाले लोगों से उन्हें दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारियां लीं. उन्होंने रैन बसेरा के अंदर पर्याप्त रजाई कंबल की व्यवस्था के साथ-साथ साफ-सफाई की सराहना की लेकिन शौचालय की कमी पर उन्होंने गहरी चिंता व्यक्त की. एजी ने खुले में कागज व प्लास्टिक की प्लेट व कप के लापरवाही से निस्तारण के कारण आसपास के क्षेत्र में साफ-सफाई की कमी पर भी चिंता जताई.
5 हजार बेघर रहते हैं इस क्षेत्र में : उपराज्यपाल ने इस बात पर चिंता जताई कि राष्ट्रीय राजधानी में खुले में शौच करने के लिए हजारों लोग अब भी मजबूर हैं. उन्होंने यह भी कहा कि शौचालय नहीं रहने के कारण ही लोग यमुना किनारे खुले में शौच करने को भी मजबूर हैं. यह देखते हुए कि कई लोग अब भी सड़कों और फुटपाथ पर सो रहे थे, उपराज्यपाल को यह जानकारी दी गई कि लगभग 5 हजार बेघर लोग इस क्षेत्र में रहते हैं. इस जगह पर रैन बसेरों की कुल क्षमता महज 600 थी. उन्होंने इस दौरान लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को लेकर भी चर्चा की.
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बेघर लोगों के लिए एमपीडी 2041 में पर्याप्त प्रावधान : उपराज्यपाल ने कहा कि वह सड़कों पर बेघर लोगों के आवास के लिए एमपीडी 2041 में पर्याप्त प्रावधान सुनिश्चित करेंगे और उनके लिए बुनियादी सुविधाओं का भी प्रावधान रखेंगे. वह इस मामले को मुख्यमंत्री के साथ भी उठाएंगे ताकि ये सुनिश्चित की जा सके कि सड़कों पर सोने के लिए मजबूर लोगों को शहर के अन्य स्थानों पर तुरंत विकल्प उपलब्ध कराएं.
भिखारियों और नशेड़ियों के पुनर्वास पर जोर :उपराज्यपाल जब रैन बसेरे में रहने वाले लोगों से बातचीत कर रहे थे तो उनमें से कई अस्थाई प्रवासी श्रमिक थे जो आईएसबीटी से दूर-दराज के इलाके में रहने वाले वेटर और कैटरर्स थे, जो शादियों में यहां काम करने आये थे. सक्सेना ने उनके काम करने की जगह के पास ही रहने की व्यवस्था करने पर जोर दिया. एलजी ने इलाके में भिखारियों और नशीली दवाओं के दुरुपयोग करने वालों के पुनर्वास के लिए भी एक व्यापक योजना बनाने पर जोर दिया.
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