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भलस्वा झील के अस्तित्व को बचाए सरकार, लोकसभा में बोले BJP सांसद हंसराज हंस

लोकसभा में बीजेपी सांसद हंसराज हंस ने दिल्ली की मशहूर भलस्वा झील का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि ये झील कई सालों से बदहाली की मार झेल रही है. पहले यहां साइबेरियन पक्षी आया करते थे लेकिन अब झील सूख जाने की वजह से वे नहीं आते हैं.

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Published : Jul 31, 2019, 2:30 PM IST

Updated : Jul 31, 2019, 2:36 PM IST

BJP सांसद हंसराज हंस लोकसभा में उठाया भलस्वा झील का मुद्दा

नई दिल्ली: उत्तर-पश्चिम दिल्ली से बीजेपी सांसद और मशहूर गायक हंसराज हंस ने बुधवार को सदन में दिल्ली की भलस्वा झील का मुद्दा उठाया. हंसराज हंस ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के सामने पूरे मुद्दे को रखा.

BJP सांसद हंसराज हंस ने लोकसभा में उठाया भलस्वा झील का मुद्दा

सांसद हंसराज हंस ने कहा कि मेरे इलाके में मशहूर भलस्वा झील है. कई सालों से ये बदहाली की मार झेल रही है. उन्होंने कहा कि झील के चारों ओर कभी हरे-भरे पेड़-पौधे और घास हुआ करते थे लेकिन अब वहां गंदगी और खरपतवार उग आए हैं.

'कहीं-कहीं थोड़ा पानी दिखाई देता है'
उन्होंने कहा कि पहले यहां साइबेरियन पक्षी आया करते थे लेकिन अब झील सूख जाने की वजह से वे नहीं आते हैं. हंसराज हंस ने कहा कि अब पूरे झील वाले इलाके में कहीं-कहीं थोड़ा पानी दिखाई देता है.

'प्रशासनिक अनदेखी के कारण झील सूखा'
हंसराज हंस ने सदन में कहा कि प्रशासनिक अनदेखी के कारण ही झील का अस्तित्व समाप्त हो रहा है. साथ ही तटबंध कर यमुना नदी से भी इसे काट दिया गया है. वहीं सरकार द्वारा इसकी देखरेख भी नहीं होती है. इसलिए केंद्र सरकार से अनुरोध है कि इस झील के अस्तित्व को बचाया जाए.

नई दिल्ली: उत्तर-पश्चिम दिल्ली से बीजेपी सांसद और मशहूर गायक हंसराज हंस ने बुधवार को सदन में दिल्ली की भलस्वा झील का मुद्दा उठाया. हंसराज हंस ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के सामने पूरे मुद्दे को रखा.

BJP सांसद हंसराज हंस ने लोकसभा में उठाया भलस्वा झील का मुद्दा

सांसद हंसराज हंस ने कहा कि मेरे इलाके में मशहूर भलस्वा झील है. कई सालों से ये बदहाली की मार झेल रही है. उन्होंने कहा कि झील के चारों ओर कभी हरे-भरे पेड़-पौधे और घास हुआ करते थे लेकिन अब वहां गंदगी और खरपतवार उग आए हैं.

'कहीं-कहीं थोड़ा पानी दिखाई देता है'
उन्होंने कहा कि पहले यहां साइबेरियन पक्षी आया करते थे लेकिन अब झील सूख जाने की वजह से वे नहीं आते हैं. हंसराज हंस ने कहा कि अब पूरे झील वाले इलाके में कहीं-कहीं थोड़ा पानी दिखाई देता है.

'प्रशासनिक अनदेखी के कारण झील सूखा'
हंसराज हंस ने सदन में कहा कि प्रशासनिक अनदेखी के कारण ही झील का अस्तित्व समाप्त हो रहा है. साथ ही तटबंध कर यमुना नदी से भी इसे काट दिया गया है. वहीं सरकार द्वारा इसकी देखरेख भी नहीं होती है. इसलिए केंद्र सरकार से अनुरोध है कि इस झील के अस्तित्व को बचाया जाए.

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Last Updated : Jul 31, 2019, 2:36 PM IST
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