नई दिल्ली: राजधानी के सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और शाहजहांपुर में किसान आंदोलन लगातार चल रहा है. किसान करीब 80 दिनों से सड़कों पर बैठकर सरकार से कृषि कानून को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. इस दौरान किसानों ने 6 फरवरी को चक्का जाम का एलान किया है. यह चक्का जाम पूरे देश में होगा और 3 घंटे के लिए पूरे देश के किसानों द्वारा सड़कों पर चक्का जाम किया जाएगा.
अव्यवस्था हुई तो सरकार जिम्मेदारईटीवी भारत से बात करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि किसान पहले ही 6 फरवरी को चक्का जाम का एलान कर चुके हैं. पूरे देश में 3 घंटे के लिए चक्का जाम किया जाएगा. यदि इस दौरान कुछ अव्यवस्था होती है तो उसकी जिम्मेदार सरकार होगी. आंदोलन में आगे की रणनीति पर बात करते हुए किसान नेता ने बताया कि पहले चक्का जाम, उसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी. अब किस प्रकार से आंदोलन को आगे बढ़ाना है यह किसान नेता साथ बैठकर तय करेंगे. 6 फरवरी को किसानों का चक्का जाम
आम लोगों को हो सकती है परेशानी
जब सड़कों पर चक्का जाम रहेगा तो लोग भी जाम में फंसे रहेंगे और परेशान होंगे. हालांकि किसानों ने सरकार को चेतावनी देते हुए चक्का जाम का एलान तो कर दिया है, लेकिन यदि इसमें किसी प्रकार की अव्यवस्था होती है तो कहीं गणतंत्र दिवस के अवसर पर ट्रैक्टर परेड जैसे हालात न हो जाएं. पुलिस बल आंदोलनकारी किसानों को चक्का जाम के दौरान व्यवस्थित करने की कोशिश करेगा. इस दौरान स्थिति काबू करने में कहीं आम लोगों और किसानों के बीच या पुलिस बल के बीच हिंसा न हो जाये.
प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती कृषि कानून को रद्द करने को लेकर किसान और सरकार आमने-सामने हैं. दोनों ओर से कोई बातचीत न होने के बाद अभी तक कोई नतीजा निकल कर सामने नहीं आया है. चक्काजाम के दौरान किस प्रकार की स्थिति होगी इसका अंदाजा सरकार को गणतंत्र दिवस के अवसर पर ट्रैक्टर परेड से ही हो गया होगा. अब सरकार चक्का जाम के हालात से किस तरह निपटेगी यह पुलिस बल और सरकार को तय करना है.