नई दिल्लीः दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से एक दिव्यांग अधिवेशन का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में उत्तर पश्चिमी दिल्ली से सांसद हंस राज हंस सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित हुए. इस दौरान दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से उन्हें ट्राइसाइकिल वितरित की गई. इस मौके कर दिव्यांगजनों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति पेश कर अपने हुनर का लोहा मनवाया. (Divyang convention organized in Mangolpuri)
साथ ही इन दिव्यांगजनोंं को प्रेरित करने के उद्देश्य से राजीव गांधी खेल पुरस्कार विजेता विकास डागर, उत्तर पश्चिमी दिल्ली से सांसद हंस राज हंस और आईआरएस अधिकारी दीपक कुमार सहित की प्रतिष्ठित लोग मुख्य रूप से उपस्थित हुए. इस दौरान अनेकता में एकता और सद्भाव का संदेश लोगों तक पहुंचाते हुए कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी पेश की गई, जिसने सभागार में बैठे लोगों को खूब मोहित भी किया, जिसका गवाह तालियों की गूंज बनी. इस मौके पर दिव्यांगजनों ने भी सांस्कृतिक प्रस्तुति पेश कर अपने हुनर का लोहा मनवाया, और लोगों तक यह संदेश पहुंचाया कि भले ही वो शारीरिक रूप से दिव्यांग है लेकिन उनकी प्रतिभा किसी से कम नहीं है.
दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से मुख्य अतिथियों की उपस्थिति में ट्राइसाइकिल भी वितरित किए गए. सभी अतिथियों ने भी दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया. साथ ही सभी ने इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए इस तरह के कार्यक्रम लगातार आयोजित करने को लेकर अपने विचार व्यक्त किए. इस मौके पर कार्यक्रम के माध्यम विकास डागर ने भी लोगों को खेल के प्रति जुड़ने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि खेल के माध्यम से हम अपनी जिंदगी और भी बेहतर बना सकते हैं.
- ये भी पढ़ेंः दिल्ली के विज्ञान भवन में अटल सम्मान समारोह का आयोजन, 12 विभूतियों को किया गया सम्मानित
गौरतलब है कि आज दिल्ली सहित कई इलाकों में अलग अलग सामाजिक संगठनों द्वारा दिव्यांगजनों को समर्पित इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. ऐसे कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य होता है कि दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाया जाए, ताकि वो भी समाज में समान अधिकार के साथ लोगों के बीच सर उठा कर चल सकें. कार्यक्रम में ऐसा देखने को भी मिला जब दिव्यांगजनों की प्रस्तुति ने यह साबित कर दिया कि प्रतिभा के मामले में वो भी किसी से कम नहीं है. लिहाजा जरूरी है कि इस तरह के कार्यक्रम आगे भी लगातार आयोजित किए जाए, ताकि दिव्यांगों को सशक्त बनाया जा सके.