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Delhi: 4 साल की उम्र में देवांश केसरी का कमाल, वर्ल्ड रिकॉर्ड यूनिवर्सिटी से मिला ग्रैंड मास्टर का खिताब - वर्ल्ड रिकॉर्ड यूनिवर्सिटी

दिल्ली रोहिणी के रहने वाले देवांश केसरी ने महज 4 साल में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और यहां तक की वर्ल्ड रिकॉर्ड यूनिवर्सिटी में अपना नाम दर्ज कराया है.

4 साल की उम्र में देवांश केसरी ने किया कमाल
4 साल की उम्र में देवांश केसरी ने किया कमाल
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Published : Jul 16, 2023, 5:49 PM IST

4 साल की उम्र में देवांश केसरी ने किया कमाल

नई दिल्ली: छोटी सी उम्र में बच्चों का चुलबुलापन और उनकी शरारत हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है, लेकिन इसके इतर महज 4 साल का एक मासूम बच्चा हर किसी को हैरान कर रहा है. अपनी स्मरण शक्ति से देवांश केसरी ने एक के बाद एक खिताब जीत कर अपने देश, समाज और परिवार को गौरवान्वित किया है. इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना स्थान बनाने वाले देवांश ने महज 4 साल की उम्र में वर्ल्ड रिकॉर्ड में ग्रैंड मास्टर का खिताब अपने नाम किया है. इसके अलावे हाल ही में देवांश ने एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज किया.

देवांश के इस ऐतिहासिक रिकॉर्ड के बाद उनके परिवार में खुशी का माहौल है. देवांश की इस प्रतिभा ने हर किसी को अचंभित कर दिया है. उसकी प्रतिभा को देखते हुए एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की तरफ से सर्टिफिकेट और मेडल भेजा गया है. मां पायल केसरी ने बताया कि इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराने के बाद अब वह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के लिए प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि ये उसकी प्रतिभा का ही परिणाम है कि उसने ये कर दिखाया.

देवांश के नाम 5 रिकॉर्ड: किताब देवांश केसरी की मां ने बताया कि वह बचपन से ही इस तरह की एक्टिविटी में अपनी दिलचस्पी दिखाता रहा है, इसी का परिणाम रहा कि आज अपनी प्रतिभा से 5 खिताब अपने नाम कर चुका है, जिसमें तीन इंडिया बुक रिकॉर्ड, एक एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और एक वर्ल्ड रिकॉर्ड यूनिवर्सिटी का खिताब शामिल है.

देवांश की ये खासियत: गौरतलब है कि महज 3 साल 7 माह की उम्र में देवांश ने 2022 में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कर खिताब जीता था. इसके बाद एक-एक कर 5 खिताब अपने नाम कर लिया. बता दें, देवांश सिर्फ झंडे देखकर दुनिया के करीब 200 देशों के नाम बता देता है. देवांश को करीब 50 वैज्ञानिकों और उनके आविष्कार भी याद है. इसके आलावे सभी भारतीय राज्यों के नाम उनकी राजधानियों के साथ याद है. कई फल फूलों के वैज्ञानिक नाम याद है.

ये भी पढ़ें: 'चंद्रयान-3' की सफल लॉन्चिंग के बाद ISRO का जोश हाई, 'गगनयान' प्रोजेक्ट ने पकड़ी रफ्तार

ये भी पढ़ें: CM Kejriwal Meeting: बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक में AAP शामिल होगी या नहीं? फैसला आज

4 साल की उम्र में देवांश केसरी ने किया कमाल

नई दिल्ली: छोटी सी उम्र में बच्चों का चुलबुलापन और उनकी शरारत हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है, लेकिन इसके इतर महज 4 साल का एक मासूम बच्चा हर किसी को हैरान कर रहा है. अपनी स्मरण शक्ति से देवांश केसरी ने एक के बाद एक खिताब जीत कर अपने देश, समाज और परिवार को गौरवान्वित किया है. इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना स्थान बनाने वाले देवांश ने महज 4 साल की उम्र में वर्ल्ड रिकॉर्ड में ग्रैंड मास्टर का खिताब अपने नाम किया है. इसके अलावे हाल ही में देवांश ने एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज किया.

देवांश के इस ऐतिहासिक रिकॉर्ड के बाद उनके परिवार में खुशी का माहौल है. देवांश की इस प्रतिभा ने हर किसी को अचंभित कर दिया है. उसकी प्रतिभा को देखते हुए एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की तरफ से सर्टिफिकेट और मेडल भेजा गया है. मां पायल केसरी ने बताया कि इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराने के बाद अब वह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के लिए प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि ये उसकी प्रतिभा का ही परिणाम है कि उसने ये कर दिखाया.

देवांश के नाम 5 रिकॉर्ड: किताब देवांश केसरी की मां ने बताया कि वह बचपन से ही इस तरह की एक्टिविटी में अपनी दिलचस्पी दिखाता रहा है, इसी का परिणाम रहा कि आज अपनी प्रतिभा से 5 खिताब अपने नाम कर चुका है, जिसमें तीन इंडिया बुक रिकॉर्ड, एक एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और एक वर्ल्ड रिकॉर्ड यूनिवर्सिटी का खिताब शामिल है.

देवांश की ये खासियत: गौरतलब है कि महज 3 साल 7 माह की उम्र में देवांश ने 2022 में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कर खिताब जीता था. इसके बाद एक-एक कर 5 खिताब अपने नाम कर लिया. बता दें, देवांश सिर्फ झंडे देखकर दुनिया के करीब 200 देशों के नाम बता देता है. देवांश को करीब 50 वैज्ञानिकों और उनके आविष्कार भी याद है. इसके आलावे सभी भारतीय राज्यों के नाम उनकी राजधानियों के साथ याद है. कई फल फूलों के वैज्ञानिक नाम याद है.

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