नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार राजधानी में हर घर को 24 घंटे शुद्ध पेयजल उपलब्ध करने के लिए बड़े स्तर पर काम कर रही है. इसी क्रम में मंगलवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली जल बोर्ड के बवाना वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) में 2 एमजीडी रीसाइक्लिंग प्लांट के निर्माण की परियोजना को मंजूरी दी. इसकी कुल लागत करीब 10.3 करोड़ रुपए है.
परियोजना का काम पूरा होने के बाद इससे दिल्ली के हर घर में 24 घंटे शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी. साथ ही दिल्ली की बढ़ती आबादी को देखते हुए आने वाले भविष्य के पानी के इंतजाम में भी अहम भूमिका होगी. उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बवाना वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में रीसाइक्लिंग प्लांट को उम्मीदों के अनुरूप बनाने और गुणवत्ता पूर्ण कार्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं.
बवाना में बनेगा 2 एमजीडी क्षमता वाला वाटर रीसाइक्लिंग प्लांट
सिसोदिया ने बताया कि बवाना में मौजूदा 20 एमजीडी डब्लूटीपी से निकलने वाले पानी को रीसाइकिल करने के लिए 2 एमजीडी क्षमता वाले रीसाइक्लिंग प्लांट का निर्माण किया जाएगा. बवाना में 20 एमजीडी डब्लूटीपी का निर्माण साल 2000 में किया गया था. कैरियर लाइन्ड चैनल (सीएलसी) के चालू होने के बाद साल 2015 में इसे चालू किया गया. इस डब्ल्यूटीपी के लिए वर्तमान में कोई रिसाइकलिंग प्लांट नहीं है, जिससे काफी मात्रा में पानी की बर्बादी होती है.
ऐसे में कीमती पानी की बर्बादी को रोकने के लिए केजरीवाल सरकार ने बवाना डब्ल्यूटीपी में 2 एमजीडी रीसाइक्लिंग प्लांट का निर्माण की योजना बनाई है. कुछ कर्मचारियों की तैनाती के साथ अतिरिक्त 2 एमजीडी वाटर रीसाइक्लिंग प्लांट संचालित किया जाएगा. रीसाइक्लिंग प्लांट में पानी को फिल्टर करने के लिए ट्रीटमेंट प्रोसेस डीजेबी के मानदंडों के अनुसार होगी, ताकि आसानी से दिल्ली की जनता को साफ पानी की सीधे आपूर्ति हो सके. 10.3 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले रीसाइक्लिंग प्लांट के जरिए पानी की बर्बादी को रोका जा सकेगा.
दिल्ली के हर घर में 24 घंटे होगी पानी की सप्लाई
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली में अभी भी पानी का एलोकेशन पुराने नियम के आधार पर किया जा रहा है, जिसकी तुलना में आबादी काफी बढ़ चुकी है. ऐसे में केजरीवाल सरकार ऐसा सिस्टम बनाने पर जोर दे रही है, जिससे लोगों को घरों में 24 घंटे शुद्ध पानी मिल सके. दिल्ली की बढ़ती आबादी को देखते हुए दिल्ली सरकार आने वाले भविष्य के पानी के इंतजाम में है.
दिल्ली में गर्मी के मौसम में पानी की मांग के चलते लिमिटेड वाटर रिसोर्सेज पर ज्यादा दबाव पड़ता है. ऐसे में दिल्ली जल बोर्ड द्वारा पानी में प्रदूषण को नियंत्रित करने और आबादी के हिसाब से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में लगातार काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में केजरीवाल सरकार ने जल आपूर्ति नेटवर्क को मजबूत करने लिए आवश्यक निर्णय लिए हैं.
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जलापूर्ति बढ़ाने के लिए गंभीरता से काम कर रही केजरीवाल सरकार
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में जलापूर्ति बढ़ाने के लिए केजरीवाल सरकार गंभीरता से काम कर रही है. पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ-साथ दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में सीवरेज सिस्टम को बेहतर बनाने, विभिन्न इलाकों में सीवर लाइन बिछाने और घर-घर सीवर कनेक्शन उपलब्ध कराने की दिशा में भी चरणबद्ध तरीके से काम कर रही है. यमुना में दूषित पानी न बहे इसे लेकर भी दिल्ली की विभिन्न अनधिकृत कॉलोनियों और ग्रामीण इलाकों में केजरीवाल सरकार ने डिसेंट्रलाइज्ड सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (डी-एसटीपी) बनाए जा रहे हैं.
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