नई दिल्ली: यमुना की सफाई को लेकर सरकार बड़े-बड़े दावे करती है. लेकिन प्रशासन और दिल्ली नगर निगम की गाड़ियां उनकी पोल खोल रही हैं. दिल्ली की यमुना नदी की तलहटी में कूड़ा फेंका जा रहा है. लोगों के साथ-साथ खुद दिल्ली नगर निगम की गाड़ियां भी कूड़े को नदी में खाली कर रही हैं.
बता दें कि कूड़े के निष्पादन के लिए बड़े-बड़े टेंडर किए जाते हैं. करोड़ों रुपये हर महीने दिल्ली का नगर निगम खर्च करता है. इसके बावजूद भी कूड़ा गलियों में ही पड़ा रहता है या मौका मिलने पर किसी खाली प्लॉट में उसे उड़ेल दिया जाता है.
'वो कूड़े को वापस उठवा देंगी'
जब लोगों ने नगर निगम की गाड़ी को कूड़ा और मलबा यमुना में डालते हुए देखा तो लोगों ने इसकी वीडियो बनाई और स्थानीय निगम पार्षद को शिकायत भी की.
इस पर संत नगर के झडोदा वार्ड की निगम पार्षद रेखा सिन्हा ने कहा कि अगर आप लोगों को शिकायत है. तो वो कूड़े को वापस उठवा देंगी. यहीं पर बड़े सवाल खड़े होते हैं. बीजेपी 'स्वच्छ भारत अभियान' का नारा देती है और बीजेपी की निगम पार्षद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सफाई अभियान पर पलिता लगा रही है.
हर साल करोड़ों रुपये का बजट, कहीं दिखाई नहीं देता
यमुना में लोग अपनी आस्था के चलते यमुना स्नान करने के लिए आते हैं और उन्हें यहां पर गंदा पानी मिलता है. बावजूद इसके ना तो यमुना की सफाई की जा रही है और ना ही सरकारी अधिकारी कोई सुध ले रहे है. यमुना की सफाई के नाम पर हर साल करोड़ों रुपये का बजट भी खर्च किया जाता है. लेकिन कहीं दिखाई नहीं देता.
दोनों सरकार के दावे फेल हो रहे
यमुना के अंदर झाग, गंदगी और कूड़े का ढे़र इस कदर लगा हुआ है कि मानों यमुना को सालों से साफ ही नहीं किया गया है. दोनों सरकारें दावा करती है कि यमुना की सफाई की जा रही है लेकिन इलाके में देखने से नहीं लगता कि यमुना की सफाई की गई है