नई दिल्ली: दिल्ली में किसान पिछले 23 दिनों से अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री किसानों की समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. अब किसानों ने हुंकार भरते हुए कहा है कि यदि सरकार किसानों की समस्या पर जल्द ध्यान नहीं देगी तो सात मार्च को दिल्ली के किसान इकट्ठा होकर मुख्यमंत्री आवास पर ढोल नगाड़ों के साथ कुच करेंगे, जिससे पार पाना सरकार के लिए आसान नहीं होगा.
दिल्ली में किसान लगातार अपनी बदहाली को लेकर मुख्यमंत्री से मांग कर रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किसानों की समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. किसानों का आरोप है कि सरकार की अनदेखी के चलते दिल्ली के किसान बदहाल हैं. किसानों की जमीन ग्राम सभा में वेस्ट हो रही हैं, कृषि की जमीनों पर तालाब बने हुए हैं. फसल खराब होने पर सरकार उन्हें उचित मुआवजा नहीं देती, ट्रैक्टर खरीदने के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है. दिल्ली में ज्यादातर गांवों के किसानों को कृषि का दर्जा प्राप्त नहीं है. जमीनों की मोटेशन कराने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है, किसानों की जमीन का सर्किल रेट सरकार नहीं बढ़ा रही है, सहित तमाम कई समस्याएं है, जिनको लेकर किसान लगातार धरने प्रदर्शन कर सरकार को अपनी समस्याएं बता रहे हैं. 24 मांगों को लेकर 24 दिनों से किसान लगातार धरने प्रदर्शन कर सरकार के कानों तक अपनी आवाज पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सरकार है कि किसानों की समस्या को सुनना नहीं चाहती है.
भारतीय किसान मोर्चा अध्यक्ष विनोद सहरावत का कहना है कि यदि सरकार किसानों की समस्या पर ध्यान नहीं देगी, तो अब दिल्ली के किसान एकत्रित होकर मुख्यमंत्री आवास पर धरना स्थल से ढोल नगाड़ों के साथ कुच करेंगे. इसके लिए बड़ी की संख्या में किसान इकट्ठा होंगे और दिल्ली के मुख्यमंत्री पंजाब के किसानों को बरगला रहे हैं कि दिल्ली के किसान उनके काम से खुश हैं. किसान लगातार अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, न ही अभी तक मुख्यमंत्री ने उनसे मिलने की कोशिश की है और न ही कोई प्रतिनिधि किसानों से अभी तक मिलने के लिए आया है.
अब सात मार्च को किसान एकत्रित होकर सोई हुई दिल्ली सरकार को ढोल नगाड़ों के साथ जगाने की कोशिश करेंगे. बड़ी संख्या में दिल्ली के 360 गांवों के किसान एकत्रित होकर मुख्यमंत्री आवास पर जाकर धरना प्रदर्शन करेंगे, जो कि सरकार के लिए भी निगम चुनाव से पहले एक बड़ी चुनौती होगा, किस प्रकार दिल्ली के किसानों से पार पाया जा सकता है.
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