नई दिल्ली: कश्मीरी गेट पुलिस (Kashmiri Gate Police) ने उच्च गुणवत्ता की 50 हजार दर्द निवारक गोलियों के साथ छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बरामद दवा ट्रेमाडोल कैंसर (Tramadol cancer) आदि के इलाज में दर्दनिवारक के तौर पर दी जाती हैं. आरोपी इन दवाओं को भागीरथ पैलेस से खरीदकर पंजाब में नशे की गोली के तौर पर बेचते थे.
ये भी पढ़ें- ट्रेन में चोरी करने वाले 4 कुख्यात स्नैचरों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गुरुवार रात को छत्ता पुल (Chhatta Pull) के पास पुलिस कोविड प्रावधानों (Covid Protocol) का पालन कराने के लिए टीम तैनात थी. एएसआई रविंद्र ने देखा कि एक कैब में बगैर मास्क के तीन शख्स बैठे हुए हैं.
पुलिसकर्मियों ने कार रोकी और चालान काटने की तैयारी ही कर रह रहे थे कि उनका ध्यान कार में रखे सफेद रंग के बैग पर गया. जांच करने पर उनमें दवा की गोलियां मिलीं. गोलियों की संख्या करीब 50 हजार थी.
लॉकडाउन के कारण ट्रेन से नहीं आए
मालूम हुआ कि वह ट्रेमाडोल है, जिसका प्रयोग कैंसर के इलाज में बतौर दर्द निवारक दवा के तौर पर होता है. इसमें अफीम की मात्रा अधिक होने के चलते इसकी खरीद बिक्री कई नियमों के तहत की जाती है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीनों शख्स की पहचान सेवक, विनोद और बहोद सिंह के तौर पर हुई. दवा से संबंधित आवश्यक दस्तावेज नहीं होने पर कश्मीरी गेट थाने में एफआईआर दर्ज तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया.
आरोपियों ने बताया कि वे ट्रेमाडोल को पंजाब में ले जाकर बेचते थे, जहां पर नशे की गोली के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जाता था. करीब साल भर से यह तस्करी का काम करते थे. इससे पहले वे ट्रेन से आते थे.
चूंकि लाकडाउन की वजह से ट्रेन का संचालन कम हो गया था. इसलिए वे ट्रैक्टर से टिकरी बॉर्डर पहुंचे. फिर वहां से दिल्ली में प्रवेश किया. वे गोलियां लेकर वापस टिकरी बॉर्डर जा रहे थे फिर वहां से पंजाब जाने की योजना थी.
ये भी पढ़ें- Roop Nagar: पुलिस के हत्थे चढ़ा स्नैचर, स्कूटी और चोरी का मोबाइल बरामद
दस गुने दाम पर बेचते थे दवा
आरोपियों ने बताया कि वे 20 रुपये प्रति गोली के हिसाब से यहां से खरीद करते थे. फिर इसे पंजाब में ले जाकर दस गुने दाम पर बेच देते थे. मुनाफे का हिस्सा गिरोह के सभी सदस्यों में बांटा जाता था. यह गोली युवकों में बेहद लोकप्रिय है. यह पंजाब में हेरोईन के विकल्प के तौर पर उभर कर आई है. नशे के आदी युवा हेरोईन न मिलने पर इसी का सेवन करते हैं.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि तस्करी में दवा कम्पनी एवं मेडिकल स्टोर की सांठगांठ की बात सामने आ रही है. पुलिस की टीम संबंधित दवा कम्पनी से भी सम्पर्क कर पूछताछ करेगी. वहीं दवा के स्टाकिस्ट बिना किसी पूरे कागज के दवा की आपूर्ति करने के कारण जांच के घेरे में है.
पंजाब में यह दवा पान की दुकान, मेडिकल स्टोर एवं परचून की दुकानों पर बेच दी जाती हैं जहां से युवा इसे खरीदकर सेवन करते हैं.
आपूर्ति करने वाले भी दबोचे गए
पुलिस अधिकारी ने बताया कि 2018 से पहले तक ट्रेमाडोल को लेकर विशेष दिशा-निर्देश नहीं थे. लेकिन आईएसआई द्वारा इस दवा की तस्करी नशे की खेप के तौर किए जाने के कारण भारत सरकार ने इसे अनुसूचित सूची में डाल दिया. इसके बाद से खरीद बिक्री पर कई प्रावधान भी लगाए गए.
इसके बाद एसीपी कोतवाली उमाशंकर की देखरेख में एसआई विजय मान की टीम गठित की गई. टीम ने गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर दवा की आपूर्ति करने वाले नावेद, गौरव और नरेंद्र को भी गिरफ्तार कर लिया.
जांच में सामने आया है कि ये सभी हिमाचल प्रदेश से दवा लाकर भागीरथ पैलेस में रखते थे और फिर अवैध तौर पर तस्करी करने वालों को बेच देते थे. फिलहाल पुलिस की एक टीम भटिंडा में भी छापेमारी कर रही है.