नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने टीवी और सिनेमा में तंबाकू विरोधी विज्ञापनों को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता और वकील दिव्यम अग्रवाल को कड़ी फटकार लगाते हुए दो दिन के अंदर माफी मांगते हुए हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. हाईकोर्ट हलफनामे पर 7 दिसंबर को विचार करेगा.
दरअसल, याचिकाकर्ता ने पहले सिंगल बेंच के समक्ष याचिका दायर की थी. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की सिंगल बेंच ने अपने फैसले में कहा था कि याचिका तंबाकू उद्योग की लॉबी के कहने पर दायर की गई है ताकि सरकार को तंबाकू के दुष्प्रभावों के खिलाफ लोगों को जागरूक करने से रोका जा सके. सिंगल बेंच ने कहा था कि याचिकाकर्ता के खिलाफ जुर्माना लगाया जाना चाहिए, लेकिन चूंकि याचिकाकर्ता युवा वकील है और उसके सुनहरे करियर को ध्यान में रखते हुए कोर्ट जुर्माना नहीं लगा रहा है.
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कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए दायर की याचिकाः याचिकाकर्ता ने सिंगल बेंच की इस टिप्पणी के खिलाफ हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच में अर्जी दाखिल की थी. मंगलवार को सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने कहा कि याचिका तंबाकू उद्योग को फायदा पहुंचाने के लिए दायर की गई है. इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि ऐसा नहीं है. इस पर कोर्ट ने पलटते हुए कहा कि सामान्य बुद्धि हर व्यक्ति के पास है और यह नहीं समझना चाहिए कि सामने वाला व्यक्ति आपकी बातों को नहीं समझ रहा है.
कोर्ट ने याचिकाकर्ता से सीधे बात करते हुए कहा कि आप अपने करियर के शुरुआत में ही ऐसी याचिका दायर करेंगे, आप अपने को ठीक कीजिए. तंबाकू से कैंसर बढ़ रहा है और अगर इसके प्रति लोगों को जागरूक नहीं किया जाएगा तो कैंसर भयानक रूप ले लेगा. अगर जागरुकता पैदा नहीं की जाएगी तो युवा पीढ़ी को तंबाकू के दुष्प्रभावों के बारे में पता नहीं चलेगा.