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400 से ज्यादा आंगनबाड़ी वर्कर्स को हटाया, भेजे गए टर्मिनेशन लेटर - अभी और भेजे जाएंगे टर्मिनेशन लेटर

दिल्ली स्टेट आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर यूनियन की हजारों आंगनबाड़ी वर्कर्स पिछले 38 दिन से मुख्यमंत्री आवास के बाहर हड़ताल पर बैठी थीं. उनकी मांग थी वेतन दोगुना करने और नौकरी को परमानेंट करने की, लेकिन दिल्ली सरकार ने पहले तो एस्मा लगाया फिर 400 से ज्यादा आंगनबाड़ी कर्मियों को हटा दिया और उन्हें टर्मिनेशन लेटर भेज दिया.

aanganwari workers
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Published : Mar 15, 2022, 12:47 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली स्टेट आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर यूनियन के हजारों आंगनबाड़ी वर्कर्स 31 जनवरी से 38 दिन की हड़ताल पर मुख्यमंत्री आवास के बाहर बैठी रहीं. जिनकी मांग थी कि उनकी सैलरी दोगुनी की जाए और उन्हें परमानेंट किया जाए, लेकिन अब यूनियन ने दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के साथ मिलकर उराज्यपाल पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं. दिल्ली सरकार के फैसले को चुनौती देने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की भी बात की है. सरकार ने एस्मा लगाते हुए कर्मचारियों को काम पर वापस लौटने की नसीहत दी. जिसके बाद दिल्ली सरकार ने 400 से ज्यादा आंगनबाड़ी कर्मियों को हटा दिया है और उन्हें टर्मिनेशन के लेटर भेजे जा रहे हैं.

आंगनबाड़ी यूनियन के अध्यक्ष शिवानी कौल ने दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के साथ मिलकर दिल्ली के उपराज्यपाल पर भी मिलीभगत कर दमनकारी कानून एस्मा लगाने का आरोप लगाया है. दिल्ली सरकार की ओर से कर्मचारियों को बड़ी संख्या में टर्मिनेशन के लेटर भेजे जा रहे हैं. अब तक 400 से ज्यादा महिलाओं को टर्मिनेशन लेटर भेजे जा चुके हैं. यह सिलसिला अभी भी जारी है. माना जा रहा है कि अभी और भी टर्मिनेशन लेटर वर्कर्स को भेजे जा सकते हैं.

ये भी पढ़ेंं: आंगनबाड़ी कर्मियों ने बीजेपी और आम आदमी पार्टी के खिलाफ खोला मोर्चा

आम आदमी पार्टी की सरकार के महिला बाल विकास मंत्री कैलाश गहलोत ने आंगनबाड़ी वर्कर के साथ धोखा करते हुए उन्हें काम करने के इरादे से काम पर लौटने की अपील की. जब आंगनबाड़ी वर्कर्स काम पर लौटीं तो उन्हें गैरकानूनी तरीके से टर्मिनेशन लेटर भेजे जा रहे हैं. बता दें कि 31 जनवरी से आंगनबाड़ी कर्मी अपनी मांगों को लेकर 38 दिन की हड़ताल पर मुख्यमंत्री आवास के बाहर बैठी रही.

ये भी पढ़ेंं: मंत्री कैलाश गहलोत की हड़ताली आंगनबाड़ी कर्मियों से काम पर लौटने की अपील

शिवानी कौल ने कहा कि फिलहाल यूनियन ने हड़ताल को स्थगित कर दिया है. उन्होंने कहा कि वो एलजी के फैसले के खिलाफ कोर्ट में चुनौती देंगी. इस चुनौती के जरिए देश की न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के निष्पक्ष होने का सबूत मिलेगा. जैसे ही आंगनबाड़ी वर्कर्स काम पर लौटे तो उन्हें 12 मार्च को 15, 13 मार्च को 35 और 14 मार्च को 400 से ज्यादा महिलाओं को टर्मिनेशन लेटर थमा दिया गया.

अब आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन के साथ इस मामले में सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के खिलाफ हाईकोर्ट में जाएंगे. आज सीपी के सेंट्रल पार्क में होने वाली मीटिंग में इस मुद्दे पर आंगनबाड़ी वर्कर्स की महत्वपूर्ण बैठक होगी.

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नई दिल्ली : दिल्ली स्टेट आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर यूनियन के हजारों आंगनबाड़ी वर्कर्स 31 जनवरी से 38 दिन की हड़ताल पर मुख्यमंत्री आवास के बाहर बैठी रहीं. जिनकी मांग थी कि उनकी सैलरी दोगुनी की जाए और उन्हें परमानेंट किया जाए, लेकिन अब यूनियन ने दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के साथ मिलकर उराज्यपाल पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं. दिल्ली सरकार के फैसले को चुनौती देने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की भी बात की है. सरकार ने एस्मा लगाते हुए कर्मचारियों को काम पर वापस लौटने की नसीहत दी. जिसके बाद दिल्ली सरकार ने 400 से ज्यादा आंगनबाड़ी कर्मियों को हटा दिया है और उन्हें टर्मिनेशन के लेटर भेजे जा रहे हैं.

आंगनबाड़ी यूनियन के अध्यक्ष शिवानी कौल ने दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के साथ मिलकर दिल्ली के उपराज्यपाल पर भी मिलीभगत कर दमनकारी कानून एस्मा लगाने का आरोप लगाया है. दिल्ली सरकार की ओर से कर्मचारियों को बड़ी संख्या में टर्मिनेशन के लेटर भेजे जा रहे हैं. अब तक 400 से ज्यादा महिलाओं को टर्मिनेशन लेटर भेजे जा चुके हैं. यह सिलसिला अभी भी जारी है. माना जा रहा है कि अभी और भी टर्मिनेशन लेटर वर्कर्स को भेजे जा सकते हैं.

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आम आदमी पार्टी की सरकार के महिला बाल विकास मंत्री कैलाश गहलोत ने आंगनबाड़ी वर्कर के साथ धोखा करते हुए उन्हें काम करने के इरादे से काम पर लौटने की अपील की. जब आंगनबाड़ी वर्कर्स काम पर लौटीं तो उन्हें गैरकानूनी तरीके से टर्मिनेशन लेटर भेजे जा रहे हैं. बता दें कि 31 जनवरी से आंगनबाड़ी कर्मी अपनी मांगों को लेकर 38 दिन की हड़ताल पर मुख्यमंत्री आवास के बाहर बैठी रही.

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शिवानी कौल ने कहा कि फिलहाल यूनियन ने हड़ताल को स्थगित कर दिया है. उन्होंने कहा कि वो एलजी के फैसले के खिलाफ कोर्ट में चुनौती देंगी. इस चुनौती के जरिए देश की न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के निष्पक्ष होने का सबूत मिलेगा. जैसे ही आंगनबाड़ी वर्कर्स काम पर लौटे तो उन्हें 12 मार्च को 15, 13 मार्च को 35 और 14 मार्च को 400 से ज्यादा महिलाओं को टर्मिनेशन लेटर थमा दिया गया.

अब आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन के साथ इस मामले में सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के खिलाफ हाईकोर्ट में जाएंगे. आज सीपी के सेंट्रल पार्क में होने वाली मीटिंग में इस मुद्दे पर आंगनबाड़ी वर्कर्स की महत्वपूर्ण बैठक होगी.

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