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जमीन छू रहा बिजली के तारों का जाल, सता रहा करंट का डर

नॉर्थ वेस्ट दिल्ली के ब्रिज विहार इलाके में बिजली के खंभे काफी नीचे स्तर पर हैं. निवासियों का कहना है कि बिजली के खंभे नीचे होने की वजह से कई बार बरसात के समय लोग करंट की चपेट में आ चुके हैं. वहीं आरडब्ल्यूए के सचिव बताते हैं कि बिजली के खंभों को उठाने का विधायक ऋतुराज झा ने 6 महीने का समय दिया था. लेकिन एक साल से भी ज्यादा समय हो गया. अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

Electric poles lower heights to road
जमीन छू रहा बिजली के तारों का जाल
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Published : May 28, 2020, 12:40 PM IST

नई दिल्ली: नॉर्थ वेस्ट दिल्ली के ब्रिज विहार इलाके में बिजली के खंभे काफी नीचे स्तर पर हैं. निवासियों का कहना है कि विधायक ने सड़कों को आठ फुट का बनवाया है. जिसके कारण एनडीपीएल के सभी खंभे नीचे हो गए हैं. स्थानीय निवासियों का कहना है कि बिजली के खंभे नीचे होने की वजह से हादसों का खतरा बना हुआ है. कई बार बरसात के समय लोग करंट की चपेट में आ चुके हैं. समस्या की शिकायत विधायक और एनडीपीएल को भी की गई है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं किया गया है.

लोगों को करंट लगने का डर

'करंट की चपेट में आ जाते हैं लोग'

ब्रिज विहार निवासी जनार्दन का कहना है कि बृज बिहार जो सड़कें बनी है. उन्हें 8 फुट ऊंचा बनाया गया है. जिससे कॉलोनी की सभी गलियां 8 फुट ऊंची हो गई है. जिसके कारण एनडीपीएल के सभी खंभे नीचे हो गए हैं. आज हमारी सबसे बड़ी समस्या इस खंभे को लेकर बनी हुई है. कई बार बरसात के समय लोग करंट की चपेट में आ जाते हैं. उनका कहना है कि एक बार उन्हें भी करंट लग चुका है. वो नहीं चाहते कि किसी और को भी करंट की चपेट में आना पड़े. उन्होंने कहा कि एनडीपीएल को कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. विधायक ऋतुराज झा भी सुनने को तैयार नहीं है.

'बच्चों पर मंडरा रहा खतरा'

वहीं आरडब्ल्यूए के सचिव ज्वाला प्रसाद बताते हैं कि बिजली के खंभों को उठाने का विधायक ऋतुराज ने 6 महीने का समय दिया था. लेकिन इस बात को एक साल से भी ज्यादा समय हो गया. अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. एनडीपीएल को भी इस कॉलोनी के लोगों ने की बार शिकायत की लेकिन निराशा ही हाथ लगी. खंभे जैसे थे वैसे ही रह गए, किसी ने हमारी समस्या का कोई हल नहीं किया. बिजली के तारों का जंजाल ऐसे फैला हुआ है, जैसे मकड़ी का जाल.

आरडब्ल्यूए के सचिव का कहना है कि किसी हादसे के डर से हम लोग बच्चों को भी जल्दी से बाहर निकलने नहीं देते. क्योंकि कई बार कॉलोनी के लोगों को इस बिजली की चपेट में आने से बचाया गया है. वहीं उन्होंने बताया कि खंभे में लगी बिजली की तारों से अभी तक कई लोगों को करंट लगा चुका है.

डर के साए में जी रहे लोग

एडवोकेट रामविलास गौड़ का कहना है कि क्या सरकार इसका इंतजार कर रही है कि किसी की जान जाए, तब खंभों को ऊंचा किया जाए. क्या सरकार को इनकी समस्या दिखाई नहीं देती है. यहां के पार्षद और विधायक दोनों ही आंख बंद करके बैठे हैं. आखिर एनडीपीएल क्या कर रही है. उन्हें खंभों को ऊंचा करना चाहिए. बरसात के समय सभी लोगों को पता है कि नमी के कारण करंट जल्दी फैलता है. इस कॉलोनी के लोग डर के साए में जी रहे है कि कहीं करंट ना लग जाए. कोई हादसा नहीं हो जाए.

शिकायत पर नहीं हो रही कोई सुनवाई

उन्होंने कहा कि एनडीपीएल को शिकायत देने पर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. विधायक ऋतुराज झा को भी शिकायत करके यहां के निवासी थक गए हैं और यहां वार्ड-44 की पार्षद पूनम पराशर झा को भी शिकायत करते हैं, तो अपने ऑफिस में मिलती नहीं है. उनके ऑफिस में बैठे हुए लोगों से बात करो, तो कहते हैं कि विधायक का काम है. समझ में नहीं आया विधायक सुनता नहीं, पार्षद सुनती नहीं, एनडीपीएल सुनती नहीं जाएं तो कहां जाएं!

नई दिल्ली: नॉर्थ वेस्ट दिल्ली के ब्रिज विहार इलाके में बिजली के खंभे काफी नीचे स्तर पर हैं. निवासियों का कहना है कि विधायक ने सड़कों को आठ फुट का बनवाया है. जिसके कारण एनडीपीएल के सभी खंभे नीचे हो गए हैं. स्थानीय निवासियों का कहना है कि बिजली के खंभे नीचे होने की वजह से हादसों का खतरा बना हुआ है. कई बार बरसात के समय लोग करंट की चपेट में आ चुके हैं. समस्या की शिकायत विधायक और एनडीपीएल को भी की गई है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं किया गया है.

लोगों को करंट लगने का डर

'करंट की चपेट में आ जाते हैं लोग'

ब्रिज विहार निवासी जनार्दन का कहना है कि बृज बिहार जो सड़कें बनी है. उन्हें 8 फुट ऊंचा बनाया गया है. जिससे कॉलोनी की सभी गलियां 8 फुट ऊंची हो गई है. जिसके कारण एनडीपीएल के सभी खंभे नीचे हो गए हैं. आज हमारी सबसे बड़ी समस्या इस खंभे को लेकर बनी हुई है. कई बार बरसात के समय लोग करंट की चपेट में आ जाते हैं. उनका कहना है कि एक बार उन्हें भी करंट लग चुका है. वो नहीं चाहते कि किसी और को भी करंट की चपेट में आना पड़े. उन्होंने कहा कि एनडीपीएल को कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. विधायक ऋतुराज झा भी सुनने को तैयार नहीं है.

'बच्चों पर मंडरा रहा खतरा'

वहीं आरडब्ल्यूए के सचिव ज्वाला प्रसाद बताते हैं कि बिजली के खंभों को उठाने का विधायक ऋतुराज ने 6 महीने का समय दिया था. लेकिन इस बात को एक साल से भी ज्यादा समय हो गया. अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. एनडीपीएल को भी इस कॉलोनी के लोगों ने की बार शिकायत की लेकिन निराशा ही हाथ लगी. खंभे जैसे थे वैसे ही रह गए, किसी ने हमारी समस्या का कोई हल नहीं किया. बिजली के तारों का जंजाल ऐसे फैला हुआ है, जैसे मकड़ी का जाल.

आरडब्ल्यूए के सचिव का कहना है कि किसी हादसे के डर से हम लोग बच्चों को भी जल्दी से बाहर निकलने नहीं देते. क्योंकि कई बार कॉलोनी के लोगों को इस बिजली की चपेट में आने से बचाया गया है. वहीं उन्होंने बताया कि खंभे में लगी बिजली की तारों से अभी तक कई लोगों को करंट लगा चुका है.

डर के साए में जी रहे लोग

एडवोकेट रामविलास गौड़ का कहना है कि क्या सरकार इसका इंतजार कर रही है कि किसी की जान जाए, तब खंभों को ऊंचा किया जाए. क्या सरकार को इनकी समस्या दिखाई नहीं देती है. यहां के पार्षद और विधायक दोनों ही आंख बंद करके बैठे हैं. आखिर एनडीपीएल क्या कर रही है. उन्हें खंभों को ऊंचा करना चाहिए. बरसात के समय सभी लोगों को पता है कि नमी के कारण करंट जल्दी फैलता है. इस कॉलोनी के लोग डर के साए में जी रहे है कि कहीं करंट ना लग जाए. कोई हादसा नहीं हो जाए.

शिकायत पर नहीं हो रही कोई सुनवाई

उन्होंने कहा कि एनडीपीएल को शिकायत देने पर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. विधायक ऋतुराज झा को भी शिकायत करके यहां के निवासी थक गए हैं और यहां वार्ड-44 की पार्षद पूनम पराशर झा को भी शिकायत करते हैं, तो अपने ऑफिस में मिलती नहीं है. उनके ऑफिस में बैठे हुए लोगों से बात करो, तो कहते हैं कि विधायक का काम है. समझ में नहीं आया विधायक सुनता नहीं, पार्षद सुनती नहीं, एनडीपीएल सुनती नहीं जाएं तो कहां जाएं!

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