नई दिल्ली: दिल्ली में आई बाढ़ ने लोगों को भारी नुकसान पहुंचाया है. यमुना किनारे बसे इलाके में लोगो के घरों में दरार आनी शुरू हो गई है. नदी के किनारे की जमीन कच्ची है, जिससे जल भराव होने पर जमीन धंसने लगी. इलाके में हुई जलभराव की समस्या से निजात पाने के लिए कई पम्पसेट भी लगाए गए, ताकि बड़ा हादसा न हो. उसके बावजूद कुछ जगह ऐसी भी थी जहां पर पंप नहीं लगाए गए और कुछ मकानों में बड़ी बड़ी दरारें आ गई.
लोगों ने इस मकान को तो लकड़ी की बड़ी-बड़ी बल्लियां लगाकर रोका हुआ है. मकान के अंदर के हालात देखकर पता चल रहा है कि कभी भी कोई हादसा हो सकता है. मकान लकड़ियों के सहारे रुक हुआ है और घर में रहने वाले लोग डर के साये में जी रहे हैं.
पीड़ित परिवार ने बताया कि जब यहां जलजमाव हुआ तो उन्होंने कई बार संबंधित विभाग के अधिकारियों को जलजमाव की समस्या से अवगत कराया और पंप लगाकर पानी निकालने की मांग भी की. प्रशासनिक अधिकारियों ने मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया, जिसका नुकसान ये हुआ है. देर रात मकान में आवाजे आने लगी और मकान का प्लास्टर नीचे गिरा, जैसे-तैसे कर अपनी जान बचाते हुए ये लोग घर से बाहर निकले. फ्लड विभाग की लापरवाही के चलते उसका खामियाजा मकान में रहने वाले इस गरीब लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
पीड़ित परिवार का कहना है कि फ्लड विभाग की लापरवाही की वजह से आज वह परिवार बेघर हो चुका है. अब फ्लड विभाग या दिल्ली सरकार को पीड़ित परिवार की मदद करनी चाहिए. घर में कमाने वाला कोई शख्स नहीं है, घर की आर्थिक स्थिति भी बेहद कमजोर है और अब दोबारा मकान नहीं बना सकते. पीड़ित परिवार लगातार दिल्ली सरकार से आर्थिक सहायता मिलने की राह तक रहा है.
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