नई दिल्ली: कोरोना वॉरियर्स की भूमिका निभा रहे सफाई कर्मचारी और स्टाफ नर्स आज बेरोजगारी की कगार पर आ गए हैं. दिल्ली के सुल्तानपुरी स्थित क्वारंटाइन सेंटर से 100 से ज्यादा सफाई कर्मचारियों और स्टाफ नर्स को बिना किसी सूचना के नौकरी से बाहर निकाल दिया. जिस कारण ये लोग बेरोजगार हो गए हैं. इन कर्मचारियों का कहना है कि जब तक इनकी सुनवाई नहीं होती है तब तक ये क्वारंटाइन सेंटर के बाहर ही अडे़ रहेंगे.
चिकित्सा अधीक्षक के लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुके
नौकरी से निकाले गए सभी कर्मचारी संजय गांधी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक के लेकर मुख्यमंत्री केजरीवाल के दरवाजे तक अपनी गुहार लगा चुके हैं. लेकिन उनकी शिकायत पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है. इन कर्मचारियों का कहना है कि ये पिछले करीब 10 महीने से इस क्वारंटाइन सेंटर में अपनी सेवा दे रहे थे. इस दौरान ये लोग अपने घर परिवार से भी दूर रहे. लेकिन आज इन्हें बिना किसी नोटिस के नौकरी से निकाल दिया गया.
इन लोगों का कहना है
न तो वेतन दिया गया और न ही कोई पीएफ. नए साल पर नौकरी से निकाला गया और तब से ही संबंधित अधिकारियों के चक्कर लगा कर थक गए हैं. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. आज करीब 9 दिन बीत गए हैं लेकिन काम पर वापस बुलाना तो दूर आश्वासन तक नहीं दिया गया.
बिना किसी वजह के नौकरी से निकाल दिया
कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना ने जहां पहले ही लोगों की कमर तोड़ दी है, वहीं जब ऐसे समय में लोगों को नौकरियां नहीं मिल रही है. उस समय इन कर्मचारियों को बिना किसी वजह के नौकरी से निकाल दिया गया. अब ये लोग वापस अपनी नौकरी पर बहाल करने की मांग कर रहे हैं ताकि अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें.
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ये सभी कर्मचारी यहां पर उस समय से काम कर रहे हैं, जब से कोरोना महामारी के दौरान इसे क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया था. कर्मचारियों की मानें तो जब इन्हें नौकरी दी गई थी तो उस क्वारंटाइन सेंटर के बाद भी काम देने का वादा किया था. लेकिन आज उससे पहले ही इनको नौकरी से हटा दिया गया.