नई दिल्लीः पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सेना के बीच झड़प होने की खबर आते ही देशभर में चीनी सामानों का बहिष्कार शुरू हो गया. लोगों ने चीनी सामानों को जलाना शुरू कर दिया, उसके बाद भी बाजार में चीनी सामानों की बिक्री हो रही है. चीनी सामान सुंदर के साथ-साथ सस्ते भी होते हैं, जिससे लोग इसे खरीदने में परहेज नहीं करते हैं.
वहीं बाजार में इन सामानों के आ जाने से भारत के घरेलू उत्पाद पर असर पड़ता है. त्योहार को लेकर सजावट के सामान बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि हमारे सामान चीनी सामान को टक्कर जरूर दे रहे हैं, लेकिन चीनी सामानों के दाम कम होने की वजह से कारोबार पर असर पड़ रहा है और लोग सस्ता सामान ही खरीदते हैं.
घरेलू बाजार पर पड़ रहा असर
दरअसल, बाजार में त्योहारों पर साज-सज्जा और दूसरे सामान के लिए आर्टिफिशियल और चाइनीज सामान की काफी भरमार है, जिसकी वजह से आम लोग जो मिट्टी के इको फ्रेंडली दीये, गुल्लक, प्रतिमाएं आदि बनाते हैं उसकी सेल बिल्कुल कम हो गई है. ये सामान चाइनीज सामानों की अपेक्षा थोड़े महंगे होते हैं.
इस संबंध में ग्राहकों का कहना है कि यदि सरकार सब्सिडी आदि देकर देश के सामान को प्रोत्साहित करें, तो मुकाबला हो सकता है. वरना चाइनीज सामान काफी सस्ता मिल रहा है, तो लोग चाइनीज की तरफ ही जाएंगे. कुछ लोगों का यह भी कहना है कि स्वदेशी थोड़ा महंगा होगा, लेकिन पर्यावरण के लिए हितकर है.