नई दिल्ली: सब्जियों का राजा कहे जाने वाले आलू के दाम लगातार बढ़ रहे हैं और अब यह हाल है जो कभी 10 से ₹12 किलो हुआ करता था. अब ₹40 के आसपास पहुंच चुका है.
कोरोना वायरस जैसी महामारी और ऊपर से सब्जियों के दाम लगातार बढ़ना गरीब और मजदूरों के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है. एशिया की सबसे बड़ी आजादपुर मंडी के व्यापारी सिया राम राय ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस साल आलू ज्यादा महंगा है इतना महंगा आलू आज से पहले कभी नहीं हुआ.
आलू के बढ़े दाम
दिल्ली के बाहर से आने वाले आलू का व्यापारी स्टॉक कर कर बैठे हैं. जिसके कारण आलू के दाम इतने बढ़ रहे हैं. केंद्र और राज्य सरकारों को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जो लोग आलू का स्टॉक कर कर बैठे हैं.
अभी हम 20 से ₹25 आलू बेच रहे हैं और हम से जो खरीद कर लेकर जाता है वह 35 से ₹40 में बेचता है. तब कहीं जाकर उसकी कुछ कमाई होती है. लेकिन जो लोग आलू को स्टॉक कर कर बैठे हुए हैं सरकार अगर उनके खिलाफ कार्रवाई करें तो यह आलू और भी सस्ता हो सकता है.
कालाबाजारी है दाम बढ़ने का कारण
दिल्ली के बाहर से किसान सीधा आजादपुर मंडी में आलू नहीं भेज पाते हैं. और बड़े व्यापारियों को दे देते हैं. बड़े व्यापारी आलू का स्टॉक करते हैं जिसके कारण आलू के दाम आसमान छू रहे हैं. कहीं ना कहीं एक कारण पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने का भी है. जिसके कारण आलू के साथ साथ और भी सब्जियां महंगी हो गई हैं. क्योंकि माल लाने का भाड़ा बढ़ गया है.
सरकार पेट्रोल और डीजल के दाम पर लगाए लगाम
सरकार को ध्यान देना चाहिए कि पेट्रोल डीजल के रेट कम करें और जो लोग आलू का स्टॉक कर बैठे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई कर आलू के दामों में कमी लाए. ताकि गरीब और मजदूर लोग जो लॉकडाउन के कारण कई महीने से बेरोजगार थे उनको भी थोड़ी राहत मिल सके.