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कंझावला: कृषि सुधार बिल पर किसान जागरूकता अभियान कार्यक्रम का आयोजन

कृषि सुधार बिल को लेकर बीजेपी ने कंझावला में किसान जागरूकता अभियान का आयोजन किया. जहां भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता, नेता प्रतिपक्ष रमेश बिधूड़ी ने किसानों से संवाद कर कृषि कानून के फायदे बताए.

BJP organized Farmers awareness campaign at Kanjhawala
कंझावला में कृषि सुधार बिल पर किसान जागरूकता अभियान कार्यक्रम
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Published : Dec 17, 2020, 2:17 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के कंझावला में कृषि सुधार बिल पर जिला अध्यक्ष बजरंग शुक्ला की अध्यक्षता में किसान जागरूकता का कार्यक्रम रखा गया. पूरे देश के अंदर 10,000 से ज्यादा FPO (किसान उत्पादक संगठन) बनाने का काम अभी चल रहा है. FPO के तहत किसी एरिया के सभी किसानों को कौन सी फसल होती है या उसके बारे में पूरी टेक्निकल जानकारी दी जाती है.

कंझावला में कृषि सुधार बिल पर किसान जागरूकता अभियान कार्यक्रम

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि पूरे देश के अंदर 10,000 से ज्यादा FPO (किसान उत्पादक संगठन) बनाने का काम अभी चल रहा है. FPO के तहत किसी एरिया के सभी किसानों को कौन सी फसल होती है या उसके बारे में पूरी टेक्निकल जानकारी दी जाती है. गुप्ता ने आगे कहा कि भारत के किसानों की आय को डबल करने का संकल्प नरेंद्र मोदी जी ने उठाया है. आदेश गुप्ता ने कहा कि साथ में कृषि मंडियों में भी जो व्यवस्था है, यही व्यवस्था बनी रहेगी. उन्होंने पूरे देश के अंदर सॉइल हेल्थ कार्ड बनवाने का काम किया. जिसके तहत 22.30 करोड़ सॉइल हेल्थ कार्ड बने. सॉइल हेल्थ कार्ड से जमीन की मिट्टी से पता चलेगा कितना खाद लगेगी और कितना पानी लगेगा. किसानों की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जितनी लागत है, उन्हें उससे डेढ़ गुना बीमा राशि दी जाएगी.'कृषि मंडियों की व्यवस्था बनी रहेगी' किसान बिल किसानों के हित का बिल है. इस बिल से किसानों की आय बढ़ेगी.और किसान पहले से ज्यादा समृद्ध होगा.

पंजाब और हरियाणा के किसान खुद का फायदा चाहते हैं

नेता प्रतिपक्ष रमेश बिधूड़ी बताते हैं 2612 रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से गेहूं की कीमत और धान की कीमत 2700 रुपये पर कुंतल दे रहे हैं. किसानों पर 100 करोड़ रुपये अलग से सरकार खर्च कर रही है. अगर कनट्रैक्टर फार्मिंग एक समस्या है तो पंजाब और हरियाणा के किसानों को कैसे इतनी आए हो रही है. इससे साफ है कि वह केवल स्वयं लाभ उठाना चाहते हैं और अन्य राज्य के किसानों को उनका लाभ नहीं उठाने देना चाहते.

भाजपा की सरकार किसानों के हित की सरकार

कंझावला के एक किसान ने कहा आर्थिक विकल्प एक समस्या कैसे हो सकता हैं, आप अपनी फसल को अपने शहर में भी दे सकते हैं और ऑनलाइन के माध्यम से देश में कहीं भी बेच सकते हैं. MSP की प्रथा को अगर समाप्त ही करना होता तो सरकार लगातार उसकी करों में वृद्धि क्यों करती और साल दर साल किसानों की अधिक फसल क्यों खरीदती. अगर सरकार को मंडियों को खत्म करना होता RAM पर डिजिटल क्यों करती. आज पोर्टल पर 1000 मंडिया पंजीकृत है. यह भाजपा की सरकार किसानों के हित की सरकार है. आज का किसान पहले से ज्यादा समृद्ध है. आज किसान भूखा नहीं मर रहा. इस सरकार ने बहुत सारी सुविधाएं आज के किसान को दी है.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के कंझावला में कृषि सुधार बिल पर जिला अध्यक्ष बजरंग शुक्ला की अध्यक्षता में किसान जागरूकता का कार्यक्रम रखा गया. पूरे देश के अंदर 10,000 से ज्यादा FPO (किसान उत्पादक संगठन) बनाने का काम अभी चल रहा है. FPO के तहत किसी एरिया के सभी किसानों को कौन सी फसल होती है या उसके बारे में पूरी टेक्निकल जानकारी दी जाती है.

कंझावला में कृषि सुधार बिल पर किसान जागरूकता अभियान कार्यक्रम

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि पूरे देश के अंदर 10,000 से ज्यादा FPO (किसान उत्पादक संगठन) बनाने का काम अभी चल रहा है. FPO के तहत किसी एरिया के सभी किसानों को कौन सी फसल होती है या उसके बारे में पूरी टेक्निकल जानकारी दी जाती है. गुप्ता ने आगे कहा कि भारत के किसानों की आय को डबल करने का संकल्प नरेंद्र मोदी जी ने उठाया है. आदेश गुप्ता ने कहा कि साथ में कृषि मंडियों में भी जो व्यवस्था है, यही व्यवस्था बनी रहेगी. उन्होंने पूरे देश के अंदर सॉइल हेल्थ कार्ड बनवाने का काम किया. जिसके तहत 22.30 करोड़ सॉइल हेल्थ कार्ड बने. सॉइल हेल्थ कार्ड से जमीन की मिट्टी से पता चलेगा कितना खाद लगेगी और कितना पानी लगेगा. किसानों की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जितनी लागत है, उन्हें उससे डेढ़ गुना बीमा राशि दी जाएगी.'कृषि मंडियों की व्यवस्था बनी रहेगी' किसान बिल किसानों के हित का बिल है. इस बिल से किसानों की आय बढ़ेगी.और किसान पहले से ज्यादा समृद्ध होगा.

पंजाब और हरियाणा के किसान खुद का फायदा चाहते हैं

नेता प्रतिपक्ष रमेश बिधूड़ी बताते हैं 2612 रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से गेहूं की कीमत और धान की कीमत 2700 रुपये पर कुंतल दे रहे हैं. किसानों पर 100 करोड़ रुपये अलग से सरकार खर्च कर रही है. अगर कनट्रैक्टर फार्मिंग एक समस्या है तो पंजाब और हरियाणा के किसानों को कैसे इतनी आए हो रही है. इससे साफ है कि वह केवल स्वयं लाभ उठाना चाहते हैं और अन्य राज्य के किसानों को उनका लाभ नहीं उठाने देना चाहते.

भाजपा की सरकार किसानों के हित की सरकार

कंझावला के एक किसान ने कहा आर्थिक विकल्प एक समस्या कैसे हो सकता हैं, आप अपनी फसल को अपने शहर में भी दे सकते हैं और ऑनलाइन के माध्यम से देश में कहीं भी बेच सकते हैं. MSP की प्रथा को अगर समाप्त ही करना होता तो सरकार लगातार उसकी करों में वृद्धि क्यों करती और साल दर साल किसानों की अधिक फसल क्यों खरीदती. अगर सरकार को मंडियों को खत्म करना होता RAM पर डिजिटल क्यों करती. आज पोर्टल पर 1000 मंडिया पंजीकृत है. यह भाजपा की सरकार किसानों के हित की सरकार है. आज का किसान पहले से ज्यादा समृद्ध है. आज किसान भूखा नहीं मर रहा. इस सरकार ने बहुत सारी सुविधाएं आज के किसान को दी है.

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