नई दिल्ली: ऑटो टैक्सी यूनियन के महामंत्री राजेंद्र सोनी ने दिल्ली सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने केजरीवाल सरकार को भ्रष्टाचार में लिप्त बताया. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार में ऑटो टैक्सी चालकों का सबसे ज्यादा शोषण हुआ है.
दिल्ली में ऑटो टैक्सी यूनियन ने सीएम केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. यूनियन ने केजरीवाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. यूनियन के महामंत्री राजेंद्र सोनी के मुताबिक दिल्ली सरकार राजधानी में ऑटो रिक्शा और टैक्सी चालकों का शोषण कर रही है.
यूनियन के महामंत्री राजेंद्र सोनी ने बताया कि केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया, जिसमें 8 वर्ष तक वाहनों के लिए फिटनेस फीस मात्र 600 रुपये 2 साल के लिए होगी. जबकि केजरीवाल सरकार ने DIMTS कंपनी को जीपीएस का ठेका दे दिया. जिसके लिए ये कंपनी 2840 रुपये चार्ज कर रही है, जबकि पहले 1 साल के 1420 रुपए लगते थे.
यूनियन के पदाधिकारियों ने ये भी कहा कि केजरीवाल सरकार ने सिर्फ idea कंपनी को ही सिम जीपीएस मीटर लगाने के लिए ठेका दे रखा है. जबकि ये ठेका बाकी कंपनियों को भी दिया जा सकता है.
वैसे भी आईडिया के जीपीएस मीटर ज्यादातर लोकेशन पर काम नहीं कर रहे, और जो चार्ज आईडिया को हम दे रहे हैं वो 2 साल की सिम के लिए एक साथ 1170 रुपये है. पहले 1 साल के लिए हमें 585 रुपये देने पड़ते थे.
'4 साल में ऑटो-टैक्सी चालकों का हुआ शोषण'
राजेन्द्र सोनी ने बताया कि पिछले साढे 4 साल में जितना शोषण केजरीवाल सरकार ने ऑटो रिक्शा और टैक्सी वालों का किया है. उतना शायद ही किसी सरकार ने किया होगा. केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के ऑटो रिक्शा-टैक्सी चालकों को बेरोजगार कर दिया है क्योंकि दूसरे राज्यों की टैक्सी अभी दिल्ली में ही चलाई जा रही हैं. वो भी बिना किसी रोक-टोक के जिसके लिए कोई कानून नहीं बनाया गया है.
यूनियन के लोगों ने ये भी बताया कि साढ़े 4 साल पहले जब AAP की सरकार दिल्ली में बनी तो ऑटो-टैक्सी चलाने वालों ने सबसे ज्यादा साथ दिया. लेकिन अब उन्हीं ऑटो टैक्सी वालों से सीएम केजरीवाल दूरी बना चुके हैं. वहीं यूनियन ने आने वाले चुनावों में सबक सिखाने की चेतावनी दी है.