नई दिल्लीः दिल्ली के लिए 1 नवंबर बेहद अहम मायने रखती है. इस दिन का इतिहास बेहद खास है. आज ही के दिन 1 नवंबर 1956 को दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया था. दरअसल 1 नवंबर 1956 को दिल्ली के इतिहास में एक महत्वपूर्ण चैप्टर जुड़ा था. देश की राजधानी दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला था.
गौरतलब है कि आजादी के बाद दिल्ली देश की राजधानी बना. बाद में 1 नवंबर 1956 को इसे केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला. हालांकि आज दिल्ली की स्थिति उस समय के लिहाज से बिल्कुल अलग है. जबकि दूसरी ओर आज के समय में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाना एक ऐसा चुनावी मुद्दा बन गया है. जो हर चुनाव में देखने को तो मिल जाता है, लेकिन बाद में भूला दिया जाता है.
विधायक महेंद्र गोयल ने ये कहा..
दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी के लिए भी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाना चुनावी वादा रहा है, लेकिन आज खुद केजरीवाल सरकार इसको दरकिनार कर आगे निकल गई है. हालांकि कई नेताओं का कहना है कि वह दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिला कर रहेंगे. इन्हीं में से एक हैं, दिल्ली के रिठाला विधानसभा से आम आदमी पार्टी के विधायक महेंद्र गोयल.
महेंद्र गोयल का कहना है कि 1 नवंबर को दिल्ली के साथ जो अन्याय हुआ, वो शायद ही दिल्ली की जनता भूल पाएगी. आप विधायक महेंद्र गोयल का कहना है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाना आम आदमी पार्टी की सरकार के मुख्य चुनावी मुद्दों में से एक है, जिसे न तो हम भूले हैं और न ही भूलने देंगे.