नई दिल्लीः देश की राजधानी दिल्ली में पटाखे बैन हैं, लेकिन ये बैन मात्र दिखावा है, क्योंकि बख्तावरपुर में एक पटाखे ने एक नौ साल की बच्चे की जान ले ली. पटाखे जलाकर मनोरंजन कर रहे बच्चे को क्या पता था कि जिस पटाखे को जलाकर वह खुश हो रहा है, वही पटाखा उसकी जान ले लेगा. ऐसे में इस बच्चे की मौत के लिए संबंधित विभाग को जिम्मेदार ना माना जाए तो किसे जिम्मेदार माना जाए.
दरअसल बाहरी उत्तरी दिल्ली के बख्तावरपुर इलाके में पटाखे जलाने के दौरान एक बच्चे की जान चली गई. यह घटना बुधवार की बताई जा रही है, वहीं इस बच्चे की मौत की खबर सभी अभिभावकों को सबक देने वाली है कि वह दिवाली के सीजन में सावधान रहें और बच्चों को पटाखों से दूर रखें.
बताया गया कि बच्चा पास के ही दुकान से पटाखा लेकर आया था. वहीं पटाखे में आग लगाते समय उस पर ग्लास रखा दिया. काफी देर बाद जब पटाखा नहीं फूटा, तो प्रिंस पटाखे के पास जाकर देखने लगा. प्रिंस जैसे ही ग्लास के ऊपर झुका, पटाखा फट गया और स्टील के ग्लास के कई टुकड़े हो गए, जो प्रिंस के शरीर में घुस गए.
प्रिंस को तुरंत पास के अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन ग्लास के टुकड़े शरीर में इतनी गहराई तक घुस चुके थे कि उसे निकालना मुश्किल हो गया. उसे तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल में ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान प्रिंस की मौत हो गई.
परिजनों ने दुकानदारों पर लगाए आरोप
मृतक बच्चे के परिवार का कहना है कि दिल्ली में पटाखों पर पाबंदी है, इसके बावजूद सरेआम दुकानों में पटाखे बिक रहे हैं और उसी पटाखे ने बच्चे की जान ले ली. बच्चे के परिजनों का कहना है कि वह, जब काम पर गए थे घर पर कोई पटाखे नहीं थे. बच्चा दुकान से पटाखा लेकर आया था. परिजनों ने अवैध रूप से पटाखे बेच रहे दूकानदारों पर कार्रवाई की मांग की है.