नई दिल्ली: पाकिस्तान में क्रूरता की शिकार बनी उजमा ने लंबे समय बाद अपनी जिंदगी की नए सिरे से शुरुआत की है. दो साल बाद उस खौफनाक वाकये को भुलाकर उजमा ने एक सैलून के जरिए अपनी जिंदगी को ट्रैक पर लाने की कोशिशें शुरू कर दी है.
इस बाबत उजमा ने यमुनापार में एक सलून की शुरूआत की है. उद्घाटन के मौके पर सीलमपुर विधायक इशराक खान, घोंडा विधायक श्रीदत्त शर्मा समेत इलाके के गणमान्य नागरिक मौजूद रहे.
कथित पाकिस्तानी डॉक्टर ने की थी शादी
गौरतलब है कि पाकिस्तान घूमने गई दिल्ली की उजमा से एक सिरफिरे कथित डॉक्टर ने न केवल जबरदस्ती की बल्कि उसे धोखा देकर जबरन शादी कर ली और फिर उसे बंधक बनाकर क्रूरता करने लगा.
किसी तरह खुद को बचाकर परिजनों के संपर्क में आई उजमा को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कूटनीतिक दबाव बनाकर भारत लाने में कामयाब हो गईं.
यमुनाविहार में नई जिंदगी की शुरूआत
उजमा ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के यमुना विहार के निकट अपना एक छोटा सा सैलून खोला है ताकि वो अपने साथ हुई क्रूरता को भुलाकर एक आम शहरी की जिंदगी जी सके.
सैलून के उद्घाटन अवसर पर कई नेताओं और स्थानीय नागरिकों ने आशीर्वाद देते हुए उजमा के उज्जवल भविष्य की कामना की.
वो दिन याद कर आज भी सिहर उठती हैं
कहने को उजमा के साथ पाकिस्तान में हुई क्रूरता को काफी समय बीत चुका है लेकिन आज भी उन दिनों को याद कर वो सिहर उठती हैं. उसे यकीन ही नहीं होता कि वो अपने देश सकुशल वापस लौट आई है.
वो उन लम्हों को याद कर बताती हैं कि कैसे उनकी जिंदगी कुछ ही दिनों में नर्क में तब्दील हो गई थी. फिलहाल वो ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करती हैं और अपनी इस नई जिंदगी के लिए लोगों की दुआओं को भी जिम्मेदार मानती हैं.
आखिर क्या था उजमा का पूरा मामला
पाकिस्तान में उजमा से एक पाकिस्तानी डॉक्टर ने जबरन शादी कर ली थी. इसके बाद उजमा के साथ ज्यादतियां की जानें लगीं. बचाव के लिए उजमा ने अदालत की शरण ली जिसकी सुनवाई इस्लामाबाद की अदालत में हुई. सुनवाई के बाद उजमा ने भारतीय दूतावास की शरण ली और पूरा मामला उन्हें बताया.
यौन उत्पीड़न और हिंसा की शिकार बनीं
उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी नागरिक के साथ शादी करने के लिए बंदूक की नोंक पर उन्हें जबरन तैयार किया गया. बाद में उनके साथ हिंसा और यौन उत्पीड़न जैसे घिनौने करतूत को भी अंजाम दिया गया.
उजमा ने इस्लामाबाद की अदालत में अपने कथित पति ताहिर अली के खिलाफ बाकायदा एक याचिका दायर की थी उसने जिसमें उसने पति पर प्रताड़ना और धमकाने का आरोप भी लगाया था.
विदेश मंत्री सुषमा ने पहुंचाई थी मदद
उन्होंने मजिस्ट्रेट को बताया कि वो पाकिस्तान शादी के लिए नहीं, बल्कि अपने किसी रिश्तेदार से मिलने के लिए आई थी. बाद में भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय की सतर्कता और मुस्तैदी से मामला उजमा के हक में आया और लंबी जद्दोजहद के बाद उजमा को अदालती आदेश मिलने पर भारतीय सीमा में पहुंचा दिया गया.
भारत लौटने पर उजमा ने भारतीय मीडिया के समक्ष पाकिस्तान में अपने साथ हुई क्रूरता के बारे में विस्तार से बताया और विदेश मंत्री और अफसरों की कोशिश की भी जमकर सराहना की.