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1984 सिख विरोधी दंगों के जनकपुरी मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ दो गवाहों ने दर्ज कराए बयान

1984 anti Sikh riots: सिख विरोधी दंगों के जनकपुरी से जुड़े मामले में गुरुवार को दिल्ली की अदालत में दो गवाहों ने अपना बयान दर्ज कराया. मामला कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज किया गया है. इस मामले में कुमार जमानत पर हैं.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 7, 2023, 6:26 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 सिख विरोधी दंगों के जनकपुरी से जुड़े मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले में गुरुवार को दो गवाहों ने अपने बयान दर्ज कराए. स्पेशल जज एमके नागपाल ने मामले की अगली सुनवाई 11 जनवरी 2024 को करने का आदेश दिया. जिन गवाहों ने अपने बयान दर्ज कराए उनमें तिलक राज नरुला और इंद्रजीत सिंह शामिल हैं.

सुनवाई के दौरान सरकारी वकील मनीष रावत और गौरव सिंह ने अभियोजन पक्ष के अगले गवाह के रूप में हरजीत कौर और जसवंत सिंह के बयान दर्ज कराने की मांग की, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया. कोर्ट ने इन दोनों गवाहों को 11 जनवरी 2024 को पेश होने का निर्देश दिया. इससे पहले 9 नवंबर को गवाह मंजीत कौर ने अपने बयान दर्ज कराए थे.

अपने बयान में मंजीत कौर ने कहा था कि मैंने भीड़ के लोगों से सुना था कि सज्जन कुमार भीड़ में शामिल थे, लेकिन उनको अपनी आंखों से नहीं देखा था. कोर्ट ने 12 अकटूबर को दो गवाहों के बयान दर्ज किए थे. 21 सितंबर को कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ हत्या के आरोपी से जुड़े गैरजरूरी दस्तावेजों और गवाहों के बयान को रिकॉर्ड से हटाने का आदेश दिया था.

यह भी पढ़ेंः कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को बड़ी राहत, सुल्तानपुरी में 6 लोगों की हत्या के मामले में कोर्ट ने किया बरी

23 अगस्त को कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय कर दिया था. कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 153A, 295, 149, 307, 308, 323, 325, 395, 436 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था. हालांकि, कोर्ट ने एसआईटी द्वारा सज्जन कुमार के खिलाफ लगाई गई हत्या की धारा 302 को हटाने का आदेश दिया था. सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया था कि सज्जन कुमार इस केस में हिरासत में नहीं हैं. सज्जन कुमार इस मामले में जमानत पर हैं.

मामला जनकपुरी का है. दरअसल, 84 सिख दंगा के दौरान जनकपुरी में दो सिखों सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह को 1 नवंबर, 1984 की हत्या हुई थी. जबकि, विकासपुरी पुलिस स्टेशन के इलाके में गुरुचरण सिंह को जला दिया गया. जिसकी वजह से उनकी मौत हुई थी. इन दोनों मामलों मे 2015 में एसआईटी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. इसके लिए मई 2018 में सज्जन कुमार का पॉलीग्राफ भी किया जा चुका है.

यह भी पढ़ेंः 1984 Sikh Riots Case: जगदीश टाइटलर ने कोर्ट में भरा बेल बांड, जानें इस केस में कब क्या हुआ

नई दिल्लीः दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 सिख विरोधी दंगों के जनकपुरी से जुड़े मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले में गुरुवार को दो गवाहों ने अपने बयान दर्ज कराए. स्पेशल जज एमके नागपाल ने मामले की अगली सुनवाई 11 जनवरी 2024 को करने का आदेश दिया. जिन गवाहों ने अपने बयान दर्ज कराए उनमें तिलक राज नरुला और इंद्रजीत सिंह शामिल हैं.

सुनवाई के दौरान सरकारी वकील मनीष रावत और गौरव सिंह ने अभियोजन पक्ष के अगले गवाह के रूप में हरजीत कौर और जसवंत सिंह के बयान दर्ज कराने की मांग की, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया. कोर्ट ने इन दोनों गवाहों को 11 जनवरी 2024 को पेश होने का निर्देश दिया. इससे पहले 9 नवंबर को गवाह मंजीत कौर ने अपने बयान दर्ज कराए थे.

अपने बयान में मंजीत कौर ने कहा था कि मैंने भीड़ के लोगों से सुना था कि सज्जन कुमार भीड़ में शामिल थे, लेकिन उनको अपनी आंखों से नहीं देखा था. कोर्ट ने 12 अकटूबर को दो गवाहों के बयान दर्ज किए थे. 21 सितंबर को कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ हत्या के आरोपी से जुड़े गैरजरूरी दस्तावेजों और गवाहों के बयान को रिकॉर्ड से हटाने का आदेश दिया था.

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23 अगस्त को कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय कर दिया था. कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 153A, 295, 149, 307, 308, 323, 325, 395, 436 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था. हालांकि, कोर्ट ने एसआईटी द्वारा सज्जन कुमार के खिलाफ लगाई गई हत्या की धारा 302 को हटाने का आदेश दिया था. सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया था कि सज्जन कुमार इस केस में हिरासत में नहीं हैं. सज्जन कुमार इस मामले में जमानत पर हैं.

मामला जनकपुरी का है. दरअसल, 84 सिख दंगा के दौरान जनकपुरी में दो सिखों सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह को 1 नवंबर, 1984 की हत्या हुई थी. जबकि, विकासपुरी पुलिस स्टेशन के इलाके में गुरुचरण सिंह को जला दिया गया. जिसकी वजह से उनकी मौत हुई थी. इन दोनों मामलों मे 2015 में एसआईटी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. इसके लिए मई 2018 में सज्जन कुमार का पॉलीग्राफ भी किया जा चुका है.

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