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'दुनिया में उलझकर जिंदगी का असल मकसद भूल गया हैं मुसलमान' - mahmudiya modern school

दिल्ली के चौहान बांगर के सीलमपुर इलाके में एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. जिसमें पैगंबर ए इस्लाम मुहम्मद साहब के जीवन पर रोशनी डाली गई.

program sheds light on the life of Prophet Muhammad in delhi
सीलमपुर इलाके में कार्यक्रम का आयोजन
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Published : Dec 2, 2019, 2:59 PM IST

नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली के चौहान बांगर के सीलमपुर इलाके में मुहम्मद साहब और उनकी अच्छाइयों को युवाओं को बताने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

सीलमपुर इलाके में कार्यक्रम का आयोजन

इस कार्यक्रम में पैगंबर ए इस्लाम मुहम्मद साहब के जीवन पर रोशनी डालते हुए उनकी शिक्षाओं को बच्चे-बच्चे को ग्रहण करने का आह्वान किया गया. इस मौके पर हाफिज समी करीम और मदरसा मिस्बाहुल कुरान के हाफिज इम्तियाज तालिब ने नात पेश की, जबकि छात्र छात्राओं के अलावा शिक्षिकाओं ने भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया. इस मौके पर हाफिज शकील अहमद ने कहा कि आज हम और हमारी नई पीढ़ी हज़रत मुहम्मद साहब के जीवन और उनकी शिक्षाओं को भूलते जा रहे हैं, यही हमारी नाकामी का सबसे बड़ा कारण है.


'बच्चे भूलते जा रहे हैं मुहम्मद साहब को'
उन्होंने कहा कि आज हमारे बच्चे फिल्मी हीरो सलमान खान, शाहरुख खान, जैसे सितारों को तो पहचानते हैं, लेकिन असल हीरो पैगंबर मुहम्मद साहब और उनकी शिक्षाओं को याद नहीं रख रहे, हद तो यह है कि घरों में भी उनके जिक्र में कमी आई है.
एक विदेशी डॉक्टर का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि एक ईसाई डॉक्टर ने द हंड्रेड नाम से एक किताब लिखी जिसमें उन्होंने दुनिया की सौ शख्सियतों को शामिल किया था, उसमें सबसे ऊपर हमारे नबी मुहम्मद साहब को रखा.

उस डॉक्टर ने कहा कि सभी की स्टडी करने के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि मुहम्मद साहब की शख्सियत ही सबसे ज्यादा प्रभावशाली थी. 1440 साल हो गए हैं लेकिन उनके चाहने वाले आज भी मौजूद हैं.

इस कार्यक्रम की अध्यक्षा हाजी मोहम्मद नाजिम अली ने की. और संचालन एस करीम ने किया. जबकि शेखुल हदीस मदरसा अब्दुल रब, हजरत मौलाना इफ्तिखार मदनी संरक्षक के तौर पर मौजूद रहे. कार्यक्रम के संयोजक मेहमुदिया स्कूल के प्रिंसिपल हाफिज शकील अहमद रहे. कार्यक्रम में शम्स तबरेज, कारी अहरार अहमद, मौलाना गजाली, हकीम अताउर्रहमान अजमली समेत बहुत से अभिभावक और जिम्मेदार नागरिक मौजूद रहे.

नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली के चौहान बांगर के सीलमपुर इलाके में मुहम्मद साहब और उनकी अच्छाइयों को युवाओं को बताने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

सीलमपुर इलाके में कार्यक्रम का आयोजन

इस कार्यक्रम में पैगंबर ए इस्लाम मुहम्मद साहब के जीवन पर रोशनी डालते हुए उनकी शिक्षाओं को बच्चे-बच्चे को ग्रहण करने का आह्वान किया गया. इस मौके पर हाफिज समी करीम और मदरसा मिस्बाहुल कुरान के हाफिज इम्तियाज तालिब ने नात पेश की, जबकि छात्र छात्राओं के अलावा शिक्षिकाओं ने भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया. इस मौके पर हाफिज शकील अहमद ने कहा कि आज हम और हमारी नई पीढ़ी हज़रत मुहम्मद साहब के जीवन और उनकी शिक्षाओं को भूलते जा रहे हैं, यही हमारी नाकामी का सबसे बड़ा कारण है.


'बच्चे भूलते जा रहे हैं मुहम्मद साहब को'
उन्होंने कहा कि आज हमारे बच्चे फिल्मी हीरो सलमान खान, शाहरुख खान, जैसे सितारों को तो पहचानते हैं, लेकिन असल हीरो पैगंबर मुहम्मद साहब और उनकी शिक्षाओं को याद नहीं रख रहे, हद तो यह है कि घरों में भी उनके जिक्र में कमी आई है.
एक विदेशी डॉक्टर का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि एक ईसाई डॉक्टर ने द हंड्रेड नाम से एक किताब लिखी जिसमें उन्होंने दुनिया की सौ शख्सियतों को शामिल किया था, उसमें सबसे ऊपर हमारे नबी मुहम्मद साहब को रखा.

उस डॉक्टर ने कहा कि सभी की स्टडी करने के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि मुहम्मद साहब की शख्सियत ही सबसे ज्यादा प्रभावशाली थी. 1440 साल हो गए हैं लेकिन उनके चाहने वाले आज भी मौजूद हैं.

इस कार्यक्रम की अध्यक्षा हाजी मोहम्मद नाजिम अली ने की. और संचालन एस करीम ने किया. जबकि शेखुल हदीस मदरसा अब्दुल रब, हजरत मौलाना इफ्तिखार मदनी संरक्षक के तौर पर मौजूद रहे. कार्यक्रम के संयोजक मेहमुदिया स्कूल के प्रिंसिपल हाफिज शकील अहमद रहे. कार्यक्रम में शम्स तबरेज, कारी अहरार अहमद, मौलाना गजाली, हकीम अताउर्रहमान अजमली समेत बहुत से अभिभावक और जिम्मेदार नागरिक मौजूद रहे.

Intro:पैगंबर मुहम्मद साहब और उनके बताए रास्तों को भुलाकर आज मुसलमान दुनिया के कामों में उलझकर रह गया है इसलिए आज उसे दुनिया में भी और दीन (धर्म) के कामों में भी मायूसी हासिल हो रही है, मुहम्मद साहब और उनकी अच्छाइयों को य7वाओं को बताने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें शामिल होने वाले सभी वक्ताओं ने इसी बात पर जोर दिया कि हमें अपनी नई पीढ़ी को मुहम्मद साहब की शिक्षाओं के बारे में ज्यादा से ज्यादा बताना चाहिए.


Body:उत्तर पूर्वी दिल्ली के चौहान बांगर, सीलमपुर इलाके में स्थित मेहमुदिया पब्लिक स्कूल में मुहम्मद साहिब और उनकी शख्सियत को युवाओं और बच्चों को बताने के लिए आयोजित महफ़िल हम्द ओ नात कार्यक्रम की अध्यक्षता हाजी मौहम्मद नाजिम अली ने की, संचालन एस करीम ने किया जबकि शेखुल हदीस मदरसा अब्दुल रब,हजरत मौलाना इफ्तिखार मदनी संरक्षक के तौर पर मौजूद रहे, कार्यक्रम के संयोजक मेहमुदिया स्कूल के प्रिंसिपल हाफिज शकील अहमद रहे. जबकि कार्यक्रम में शम्स तबरेज,कारी अहरार अहमद, मौलाना गजाली, हकीम अताउर्रहमान अजमली समेत बहुत से अभिभावक और जिम्मेदार नागरिक मौजूद रहे.
महफ़िल हम्द ओ नात के इस कार्यक्रम में पैगंबर ए इस्लाम मुहम्मद साहब के जीवन पर रोशनी डालते हुए उनकी शिक्षाओं को बच्चे बच्चे को ग्रहण करने का आह्वान किया गया, इस मौके पर हाफिज समी करीम और मदरसा मिस्बाहुल कुरान के हाफिज इम्तियाज तालिब ने नात पेश की, जबकि छात्र छात्राओं के अलावा शिक्षिकाओं ने भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया.
इस मौके पर हाफिज शकील अहमद ने कहा कि आज हम और हमारी नई पीढ़ी हज़रत मुहम्मद साहब के जीवन और उनकी शिक्षाओं को भूलते जा रहे हैं, यही हमारी नाकामी का सबसे बड़ा कारण है. उन्होंने कहा कि आज हमारे बच्चे फिल्मी हीरो सलमान खान, शाहरुख खान, जैसे सितारों को तो पहचानते हैं, लेकिन असल हीरो पैगंबर मुहम्मद साहब और उनकी शिक्षाओं को याद नहीं रख रहे, हद तो यह है कि घरों में भी उनके जिक्र में कमी आई है. एक विदेशी डॉक्टर का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि एक ईसाई डॉक्टर ने द हंड्रेड नाम से एक किताब लिखी जिसमें उन्होंने दुनिया की सौ शख्सियतों को शामिल किया था,उसमें सबसे ऊपर हमारे नबी मुहम्मद साहब को रखा , उस डॉक्टर ने कहा कि सभी की स्टडी करने के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि मुहम्मद साहब की शख्सियत ही सबसे ज्यादा प्रभावशाली थी. 1440 साल हो गए हैं लेकिन उनके चाहने वाले आज भी मौजूद हैं.


Conclusion:बाईट 1
हाफिज शकील अहमद
प्रिंसिपल, मेहमुदिया पब्लिक स्कूल

बाईट 2
हाजी मौहम्मद नाजिम
अध्यक्ष, अवामी एकता वेलफेयर सोसाइटी

बाईट 3
एस करीम
चेयरमैन, हेल्थ यूनिटी ऑफ इंडिया

बाईट 4
रिहाना शबीह
टीचर,महमुदिया स्कूल
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