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CAB: 'बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से ध्यान हटाने का हथकंडा' - citizen amendment bill

एक बुद्धिजीवी वर्ग का मानना है कि CAB के नाम पर सरकार ने जो सियासी कार्ड खेला है वो देश के संविधान के खिलाफ है. देश में लगातार बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से ध्यान हटाने के लिए सरकार नित नए-नए हथकंडे अपना रही है.

सिटीजन अमिडमेंट बिल, CAB
सिटीजन अमिडमेंट बिल
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Published : Dec 10, 2019, 7:56 AM IST

नई दिल्ली: सिटिजन अमेंडमेंट बिल को लेकर बुद्धिजीवी वर्ग का मानना है कि कहीं ना कहीं केंद्र सरकार एनआरसी की भरपाई के लिए ये बिल लेकर आई है. लेकिन सच्चाई ये है कि सरकार बढ़ती महंगाई और बढ़ती बेरोजगारी पर अंकुश लगाने में पूरी तरह से फेल साबित हुई है. CAB के नाम पर सरकार ने जो सियासी कार्ड खेला है वो देश के संविधान के खिलाफ है. जिससे देश विकास नहीं बल्कि बिखराव की तरफ बढ़ेगा, जो कि किसी भी तरह से ठीक नहीं है.

सिटीजन अमिडमेंट बिल पर लोगों की राय

ऑल इंडिया तिब्बी कांग्रेस के महासचिव डॉ. सयैद अहमद खान ने कहा कि असम में एनआरसी के नाम पर जो काम किया गया. उसमें बीजेपी को अपना नुकसान नजर आया. उसकी भरपाई करने के लिए सरकार सिटीजन अमिडमेंट बिल (CAB) को सरकार लेकर आई है, जोकि देश के लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. देश में लगातार बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से ध्यान हटाने के लिए सरकार रोज नए हथकंडे अपना रही है.

'जनभावना से खिलवाड़ को लाए जा रहे CAB जैसे मुद्दे'
प्रमुख समाजसेवी डॉ.फहीम बेग ने कहा कि सरकार के पास जनता से जुड़े मुद्दे है नहीं, बेरोजगारी, देश की तरक्की, विकास को दरकिनार कर जन भावनाओं से खेलने के लिए इस तरह के मुद्दे उठाकर ला रही है. असम में करोड़ों रुपये खर्च करके एनआरसी लागू किया गया. निकलकर ये आया कि 10 से 12 लाख लोग अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाए. जिनमें से 9 लाख लोग गैर-मुस्लिम थे. क्योंकि सरकार एक विशेष समुदाय विरोधी भावना के साथ काम कर रही थी. ऐसे में उसको झटका लगा. एनआरसी की भरपाई के लिए CAB लेकर आई है.

'संविधान के खिलाफ है CAB'
डॉ. फहीम ने बड़े ही कटाक्ष भरे अंदाज में कहा कि बड़े ही अफसोस की बात है कि सरकार देश के संविधान की छाती पर चढ़कर तांडव कर रही है. सबके सामने है कि कैसे रातों रात सरकार गिराकर, सरकार बनाकर, राष्ट्रपति शासन लगाकर, हटाकर, ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. जिससे कहीं न कहीं बाबा साहेब अंबेडकर, संविधान बनाने में जिम्मेदार लोगों की आत्माएं दुखी होंगी. गांधी के देश के लिए गरीब नवाज के देश के लिए, बापू के देश के लिए ये बहुत नुकसानदेह है.

'सरकार बेरोजगारी कम करने में लगाए एनर्जी'
उन्होंने कहा कि सरकार को इस तरह के काम की बजाए, जनता को जीवन यापन करने के साधन जुटाने चाहिए. जनता के अधिकारों के हनन को रोकने के लिए काम करना चहिए. सरकार को अपनी सारी एनर्जी देश की गिरती GDP को आगे ले जाने में बेरोजगारी को कम करने में लगानी चाहिए. दरअसल केंद्र में बैठे लोग धर्म की राजनीति करके सरकार चलाना चाहते हैं, उनके मुखौटे उतर चुके हैं.

नई दिल्ली: सिटिजन अमेंडमेंट बिल को लेकर बुद्धिजीवी वर्ग का मानना है कि कहीं ना कहीं केंद्र सरकार एनआरसी की भरपाई के लिए ये बिल लेकर आई है. लेकिन सच्चाई ये है कि सरकार बढ़ती महंगाई और बढ़ती बेरोजगारी पर अंकुश लगाने में पूरी तरह से फेल साबित हुई है. CAB के नाम पर सरकार ने जो सियासी कार्ड खेला है वो देश के संविधान के खिलाफ है. जिससे देश विकास नहीं बल्कि बिखराव की तरफ बढ़ेगा, जो कि किसी भी तरह से ठीक नहीं है.

सिटीजन अमिडमेंट बिल पर लोगों की राय

ऑल इंडिया तिब्बी कांग्रेस के महासचिव डॉ. सयैद अहमद खान ने कहा कि असम में एनआरसी के नाम पर जो काम किया गया. उसमें बीजेपी को अपना नुकसान नजर आया. उसकी भरपाई करने के लिए सरकार सिटीजन अमिडमेंट बिल (CAB) को सरकार लेकर आई है, जोकि देश के लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. देश में लगातार बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से ध्यान हटाने के लिए सरकार रोज नए हथकंडे अपना रही है.

'जनभावना से खिलवाड़ को लाए जा रहे CAB जैसे मुद्दे'
प्रमुख समाजसेवी डॉ.फहीम बेग ने कहा कि सरकार के पास जनता से जुड़े मुद्दे है नहीं, बेरोजगारी, देश की तरक्की, विकास को दरकिनार कर जन भावनाओं से खेलने के लिए इस तरह के मुद्दे उठाकर ला रही है. असम में करोड़ों रुपये खर्च करके एनआरसी लागू किया गया. निकलकर ये आया कि 10 से 12 लाख लोग अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाए. जिनमें से 9 लाख लोग गैर-मुस्लिम थे. क्योंकि सरकार एक विशेष समुदाय विरोधी भावना के साथ काम कर रही थी. ऐसे में उसको झटका लगा. एनआरसी की भरपाई के लिए CAB लेकर आई है.

'संविधान के खिलाफ है CAB'
डॉ. फहीम ने बड़े ही कटाक्ष भरे अंदाज में कहा कि बड़े ही अफसोस की बात है कि सरकार देश के संविधान की छाती पर चढ़कर तांडव कर रही है. सबके सामने है कि कैसे रातों रात सरकार गिराकर, सरकार बनाकर, राष्ट्रपति शासन लगाकर, हटाकर, ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. जिससे कहीं न कहीं बाबा साहेब अंबेडकर, संविधान बनाने में जिम्मेदार लोगों की आत्माएं दुखी होंगी. गांधी के देश के लिए गरीब नवाज के देश के लिए, बापू के देश के लिए ये बहुत नुकसानदेह है.

'सरकार बेरोजगारी कम करने में लगाए एनर्जी'
उन्होंने कहा कि सरकार को इस तरह के काम की बजाए, जनता को जीवन यापन करने के साधन जुटाने चाहिए. जनता के अधिकारों के हनन को रोकने के लिए काम करना चहिए. सरकार को अपनी सारी एनर्जी देश की गिरती GDP को आगे ले जाने में बेरोजगारी को कम करने में लगानी चाहिए. दरअसल केंद्र में बैठे लोग धर्म की राजनीति करके सरकार चलाना चाहते हैं, उनके मुखौटे उतर चुके हैं.

Intro:देश की एकता, अखंडता और आपसी भाईचारे को खत्म करने के लिए सिटीजन अमिडमेंट बिल को लाया जा रहा है, मुस्लिम बुद्धिजीवी वर्ग का मानना है कि कहीं न कहीं केंद्र सरकार एनआरसी की भरपाई के लिए सिटीजन अमिडमेंट बिल लेकर आई है, केकिन सच्चाई यह है कि सरकार बढ़ती महंगाई और बढ़ती बेरोजगारी पर अंकुश लगाने में पूरी तरह से फेल साबित हुई है, CAB के नाम पर सरकार ने जो सियासी कार्ड खेला है वह देश के संविधान के खिलाफ है, जिससे देश विकास नहीं बल्कि बिखराव की तरफ बढ़ेगा,जो कि किसी भी तरह से ठीक नहीं है.


Body:ऑल इंडिया तिब्बी कांग्रेस के महासचिव डॉ. सयैद अहमद खान ने कहा कि आसाम में एनआरसी के नाम पर जो काम किया गया उसमें बीजेपी को अपना नुकसान नजर आया,क्योंकि ऐसा बड़ा कोई मामला नजर नहीं आता, जिसमें हिंदू मुस्लिम को आपस में बांटा जा सके, हिंदू मुस्लिम भाईचारे को डिवाइड करने के लिए ही ट्रंप कार्ड के तौर पर सिटीजन अमिडमेंट बिल (CAB) को सरकार लेकर आई है जोकि देश के लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है.
देश में लगातार बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से ध्यान हटाने के लिए सरकार नित नए नए हथकंडे अपना रही है.

जनभावना से खिलवाड़ को लाए जा रहे CAB जैसे मुद्दे
प्रमुख समाजसेवी डॉ.फहीम बेग ने कहा कि सरकार के पास जनता से जुड़े मुद्दे है नहीं, बेरोजगारी देश की तरक्की, विकास की दरकिनार कर जन भवनाओं से खेलने के लिए इस तरह के मुद्दे उठाकर ला रही है. आसाम में करोड़ों रुपये खर्च करके एनआरसी लागू किया गया,निकलकर यह आया कि 10 से 12 लाख लोग अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाए, जिनमें से 9 लाख लोग गैर मुस्लिम थे, क्योंकि सरकार मुस्लिम विरोधी भावना के साथ काम कर रही थी, ऐसे में उसको झटका लगा, एनआरसी की भरपाई के लिए CAB लेकर आई है.असल में सरकार ने गैर मुस्लिम घुसपैठियों को रेगुलराइज करने को एक पासा फेंका है.

संविधान की छाती पर चढ़कर कर रही तांडव
डॉ. फहीम ने बड़े ही कटाक्ष भरे अंदाज में कहा कि बड़े ही अफसोस कि बात है कि सरकार देश के संविधान की छाती पर चढ़कर तांडव कर रही है,सबके सामने है कि कैसे रातों रात सरकार गिराकर, सरकार बनाकर, राष्ट्रपति शासन लगाकर, हटाकर, ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे कहीं न कहीं बाबा साहेब अंबेडकर, संविधान बनाने में जिम्मेदार लोगों की आत्माएं दुखी होंगी.गांधी के देश के लिए गरीब नवाज के देश के लिए,बापू के देश के लिए यह बहुत नुकसानदेह है.

सरकार GDP बढ़ाने, बेरोजगारी कम करने में लगाये एनर्जी
उन्होंने कहा कि सरकार को इस तरह के कमान के बजाए, जनता को जीवन यापन करने के साधन जुटाने चाहियें, जनता के अधिकारों के हनन को रोकने के लिए काम करना चहिए. सरकार को अपनी सारी एनर्जी देश की गिरती GDP को आगे ले जाने में,बेरोजगारी को कम करने में लगानी चाहिए. दरअसल केंद्र में बैठे लोग धर्म की राजनीति करके सरकार चलाना चाहते हैं, उनके मुखौटे उतर चुके हैं.



Conclusion:पिछले कुछ समय से देश में हिंदू मुस्लिम भाईचारे को पलीता लगाकर कुछ लोग देश के अमन अमान को नुकसान पहुंचाने में लगे हुए हैं, कभी एनआरसी तो कभी सिटीजन अमिडमेंट बिल (CAB) के नाम पर देश को बांटने का काम चल रहा है, लेकिन अब देश के लोग पूरी तरह से समंझ चुके हैं कि उन्हें लगातार बेवकूफ बनाकर कुछ लोग अपना स्वार्थ सीधा कर रहे हैं.जनता हिसाब चाहती है, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी का,आम जनता को अब इन मुद्दे से कोई सरोकार नहीं रहा है.

बाईट 1
डॉ.सयैद अहमद खान
महासचिव,ऑल इंडिया तिब्बी कांग्रेस

बाईट 2
डॉ. फहीम बेग
प्रमुख समाजसेवी

बाईट 3
शफी देहलवी
मेंबर,नेशनल मॉनिटरिंग कमेटी
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