नई दिल्ली: जीटीबी अस्पताल के नर्सिंग ऑफिसर का कॉलोनी वासियों ने भव्य स्वागत किया. 28 दिनों के बाद नर्सिंग ऑफिसर आनंदग्राम ताहिर पुर अपने घर पहुंचे. लोगों ने फूल माला पहनाकर नर्सिंग ऑफिसर का स्वागत किया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया. नर्सिंग ऑफिसर ने कोरोना वायरस के बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया.
लोगों ने फूल माला पहनाकर किया स्वागत
पूर्वी दिल्ली के सबसे बड़े जाने-माने अस्पताल जीटीबी अस्पताल में कोरोना वायरस मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ कोरोना वायरस की लड़ाई में सबसे आगे रहकर लोगों का इलाज कर रहे हैं. इन कोरोना योद्धाओं को 15 दिनों के अंतराल में ड्यूटी करनी होती है और 14 दिनों तक क्वारेंटाइन में रहकर कर अपनी जांच करानी होती है. उसके बाद जांच नेगेटिव आने पर ही इन कोरोना योद्धाओं को इन्हें घर जाने की इजाजत दी जाती है. इसी कड़ी में जीटीबी अस्पताल में कार्यरत नर्सिंग ऑफिसर आशा 15 दिनों की ड्यूटी करके और क्वारंटाइन में रहकर अपने घर आनंदग्राम ताहिर पुर पहुंची. वहां पहुंचकर कॉलोनी के लोगों ने नर्सिंग ऑफिसर का फूल माला पहनाकर और ताली बजाकर भव्य स्वागत किया.
लोगों को दिए कोरोना से बचाव के सुझाव
इस मौके पर कॉलोनी के लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए लाइनों में लगकर कोरोना योद्धा की हौसला अफजाई की. वहीं नर्सिंग ऑफिसर आशा ने लोगों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने लोगों को बताया कि कोरोना वायरस छुआछूत की बीमारी नहीं है. बल्कि सांस और हवा में फैलने वाली बीमारी है.
लोगों को सलाह दी कि वो अपने आप को कोरोना से बचाने के लिए मुंह पर मास्क लगाकर, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. साथ ही हाथों को लगातार धोते रहें. इस तरह के संदेश देकर नर्सिंग ऑफिसर ने अपनी कॉलोनी की जनता को जागरुक किया. कोरोना वायरस से हम अपने आप को और लोगों को कैसे बचा सकते हैं. इसके बारे में भी उन्होंने अपने अनुभव लोगों से साझा किए